अपनी 'सख्ती' से फैंस के लबों पर हंसी लाने वाले ज़ाकिर खान ट्रेंड में हैं. वजह है तथास्तु, एक स्टैंड-अप कॉमेडी स्पेशल, जो अमेज़न प्राइम वीडियो इंडिया पर स्ट्रीम हो रहा है. हंसी मजाक गुदगुदी और गंभीरता समेटे हुए 90 मिनट के इस शो को ज़ाकिर ने ही लिखा और निर्देशित किया है. आगे हम कुछ कहें उससे पहले ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि भले ही इस शो का नाम ज़ाकिर और मेकर्स ने 'तथास्तु' रखा हो लेकिन इसमें विवादित और भावना आहत करने वाला मटेरियल कुछ नहीं है. शो कॉमेडी का डोज देता है. भरपूर देता है और ज़ाकिर खान के अंदाज में देता है. जैसा शो का ट्रेलर है इसमें उन संघर्षों को, चुनौतियों को, उन तानों को दिखाया गया है जो एक मिडिल क्लास मां बाप अपने जवान बच्चों को देते हैं. चाहे वो आप या हम हों या फिर कोई और मिडिल क्लास (इससे कोई मतलब नहीं कि मिडिल क्लास की कैटेगरी क्या होगी? यानि कोई अपर मिडिल क्लास हो सकता है तो कहीं हम लोअर मिडिल क्लास को देख सकते हैं कहीं ) जाकिर के इस शो के सच को नकार नहीं सकते. बातें कड़वी हैं. शो में कई बातें ऐसी हैं जिन्हें सुनकर हंसी आती है अभी हम अपनी हंसी को एन्जॉय कर ही रहे होते हैं कि अगले ही पल जाकिर कुछ ऐसा कह देते हैं जिससे हंसी छू मंतर हो जाती है और हम सोच में पड़ जाते हैं.
अपने इस शो के जरिये जाकिर न केवल खुद पर हंसते हैं बल्कि छोटी छोटी बातों के जरिये आपको एहसास कराते हैं कि परिवार का सुख, उससे जुडी चुनौतियां क्या होती हैं? शो भले ही 90 मिनट का हो लेकिन जाकिर की बदौलत 90 मिनटों बाद जब आप उठते हैं तो न केवल तारो ताजा महसूस करते हैं बल्कि जेहन में कई अहम सवाल भी होते हैं. बतौर एक्टर / परफ़ॉर्मर यही जाकिर खान की खूबी है जो उन्हें...
अपनी 'सख्ती' से फैंस के लबों पर हंसी लाने वाले ज़ाकिर खान ट्रेंड में हैं. वजह है तथास्तु, एक स्टैंड-अप कॉमेडी स्पेशल, जो अमेज़न प्राइम वीडियो इंडिया पर स्ट्रीम हो रहा है. हंसी मजाक गुदगुदी और गंभीरता समेटे हुए 90 मिनट के इस शो को ज़ाकिर ने ही लिखा और निर्देशित किया है. आगे हम कुछ कहें उससे पहले ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि भले ही इस शो का नाम ज़ाकिर और मेकर्स ने 'तथास्तु' रखा हो लेकिन इसमें विवादित और भावना आहत करने वाला मटेरियल कुछ नहीं है. शो कॉमेडी का डोज देता है. भरपूर देता है और ज़ाकिर खान के अंदाज में देता है. जैसा शो का ट्रेलर है इसमें उन संघर्षों को, चुनौतियों को, उन तानों को दिखाया गया है जो एक मिडिल क्लास मां बाप अपने जवान बच्चों को देते हैं. चाहे वो आप या हम हों या फिर कोई और मिडिल क्लास (इससे कोई मतलब नहीं कि मिडिल क्लास की कैटेगरी क्या होगी? यानि कोई अपर मिडिल क्लास हो सकता है तो कहीं हम लोअर मिडिल क्लास को देख सकते हैं कहीं ) जाकिर के इस शो के सच को नकार नहीं सकते. बातें कड़वी हैं. शो में कई बातें ऐसी हैं जिन्हें सुनकर हंसी आती है अभी हम अपनी हंसी को एन्जॉय कर ही रहे होते हैं कि अगले ही पल जाकिर कुछ ऐसा कह देते हैं जिससे हंसी छू मंतर हो जाती है और हम सोच में पड़ जाते हैं.
अपने इस शो के जरिये जाकिर न केवल खुद पर हंसते हैं बल्कि छोटी छोटी बातों के जरिये आपको एहसास कराते हैं कि परिवार का सुख, उससे जुडी चुनौतियां क्या होती हैं? शो भले ही 90 मिनट का हो लेकिन जाकिर की बदौलत 90 मिनटों बाद जब आप उठते हैं तो न केवल तारो ताजा महसूस करते हैं बल्कि जेहन में कई अहम सवाल भी होते हैं. बतौर एक्टर / परफ़ॉर्मर यही जाकिर खान की खूबी है जो उन्हें अन्य स्टैंड अप कॉमेडियंस और परफॉर्मर्स से अलग करती है.
जिक्र जाकिर के नए शो तथास्तु का हुआ है तो बताना ज़रूरी है कि, 'तथास्तु की शुरुआत जाकिर के जीवन के कुछ पलों के रिकैप के साथ होती है. परफॉरमेंस में जाकिर अपनी बात स्कूल के दिनों से शुरू करते हैं और यहां बतौर दर्शक हमें उस परिवार की झलक मिलती है जहां जाकिर पैदा हुए हैं.
शो में, कॉमेडी में तो कभी हल्के फुल्केअंदाज में जाकिर तमाम ऐसी घटनाओं का जिक्र करते हैं जिन्होंने न केवल जाकिर को प्रेरणा दी बल्कि जिन्हें सुने और यदि उन्हें हम अपने जीवन में उतारें तो कई बदलाव हम खुद में महसूस कर सकते हैं. कह सकते हैं कि शो के जरिये 90 मिनट केवल आपको एंटरटेन नहीं करते बल्कि आपको बहुत कुछ सिखाते भी हैं. विशेषकर जीवन में.
शो एक ही पेस पर न चले और दर्शक बोर न हों इसके लिए ज़ाकिर ने जो किया है वो काबिल ए तारीफ है. अमेज़ॅन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रहे तथास्तु को आपस में जुड़े तीन चैप्टर्स से जोड़ा गया है और जॉइंट फॅमिली को इस शो में एक खास जगह दी गयी है. जैसा कि हम बता चुके हैं शो रील का न होकर रियल लाइफ से जुड़ा है इसलिए आप शो देखते हुए मुस्कुराएंगे, खिलखिलाकर हंसेंगे, अपने को इससे खूब जोड़ेंगे और अंत में एक समय वो भी आएगा जब आपके आंसू निकलेंगे और आप उन्हें संभल नहीं पाएंगे.
यूं तो तथास्तु एक फुल ऑन एंटेरटेनिंग शो है लेकिन जैसा ट्रीटमेंट ज़ाकिर ने स्क्रिप्ट को दिया है इस शो की पूरी जान लास्ट के 15 मिनट हैं. यहां आपको कॉमेडी रुकी या थमी हुई नहीं दिखाई देगी बल्कि एक फ्लो दिखेगा जिसमें आप बस बहते हुए चले जाएंगे. शो में ज़ाकिर ने इस बात का भी खुलासा किया है कि आखिर उन्होंने इस शो का नाम तथास्तु ही क्यों रखा.
अगर कुछ चीजों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो तथास्तु एक मस्ट वॉच है. शो हानि के ठहाकों के साथ शुरू होता है और अंत तक आते आते आपकी आंखें नम रहती हैं. इस शो से आप ज़ाकिर खान को समझते हैं. उनकी चुनौतियों उनके संघर्षों को समझते हैं. साथ ही आपको शो देखते देखते इस बात का भी एहसास हो जाता है कि, यदि आज जाकिर इस मुकाम पर आए हैं और एक सफल कॉमेडियन बने हैं. तो ये कहीं से भी आसान नहीं था और ये दुश्वारियां तब और होती हैं जब एक विशेष मुकाम पर पहुंचा इंसान एक मिडिल क्लास फैमिली से आता हो.
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