अरुण जेटली 1 फरवरी को यूनियन बजट 2018 पेश करेंगे. इस बजट से लोगों को काफी उम्मीद है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है. साथ ही साथ ये बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जी एस टी के बाद ये पहला बजट है.
अरुण जेटली के नेतृत्व में एक जाने-माने लोगों की टीम है जो इस बार के बजट को अंजाम देगी. चलिए आपलोगों का उनसे परिचय कराते हैं.
1- केंद्रीय वित्तमंत्री:
अरुण जेटली पुरे क्रैक टीम के सरदार हैं. बजट का मुख्य चेहरा वही हैं. सारे वित्तीय दस्तावेजों के लिए वही उत्तरदायी हैं. प्रशंसा और गाली खाना भी उन्हीं का काम है. अगर बजट अच्छा हुआ तो वाहवाही उन्हें मिलेगी और ख़राब हुआ तो जनता का सारा गुस्सा भी उन्हें ही झेलना पड़ेगा.
2- वित्त राज्यमंत्री:
अरुण जेटली 1 फरवरी को यूनियन बजट 2018 पेश करेंगे. इस बजट से लोगों को काफी उम्मीद है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है. साथ ही साथ ये बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जी एस टी के बाद ये पहला बजट है.
अरुण जेटली के नेतृत्व में एक जाने-माने लोगों की टीम है जो इस बार के बजट को अंजाम देगी. चलिए आपलोगों का उनसे परिचय कराते हैं.
1- केंद्रीय वित्तमंत्री:
अरुण जेटली पुरे क्रैक टीम के सरदार हैं. बजट का मुख्य चेहरा वही हैं. सारे वित्तीय दस्तावेजों के लिए वही उत्तरदायी हैं. प्रशंसा और गाली खाना भी उन्हीं का काम है. अगर बजट अच्छा हुआ तो वाहवाही उन्हें मिलेगी और ख़राब हुआ तो जनता का सारा गुस्सा भी उन्हें ही झेलना पड़ेगा.
2- वित्त राज्यमंत्री:
पोन राधाकृष्णन तमिलनाडु से बीजेपी के एकमात्र मेंबर ऑफ पार्लियामेंट हैं. वो अटल बिहारी वाजपेयी के समय में मंत्री थे. राधाकृष्णन कन्याकुमारी क्षेत्र से आते हैं और पेशे से वकील हैं.
दुसरे वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला, उत्तरप्रदेश में कैबिनेट मिनिस्टर के तौर पर कार्य करने के लिए जाने जाते हैं. वे ग्रामीण विकास, शिक्षा, जेल सुधार में कार्य के लिए काफी प्रसिद्ध हैं.
3- राजीव कुमार:
ये अभी नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं. इकोनॉमिस्ट राजीव कुमार सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो थे. ऑक्सफोर्ड से पढ़ कुमार कई सीनियर पद पर कार्य कर चुके हैं. इन्होंने FICCI, CII आदि में भी कार्य किया है. इस बजट में उनकी भूमिका काफी रहेगी.
4- हंसमुख अधिया:
गुजरात कैडर के 1981 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने 2003 से 2006 तक मोदी के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया. उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. वर्तमान में वो भारत के वित्त सचिव हैं. इस साल पेश होने वाले बजट की टीम की अगुवाई इन्हीं के हाथों में है. जीएसटी और नोटबंदी के पीछे इनका भी दिमाग था. कालेधन पर लगाम कसने के सुझाव देने में भी इनका हाथ था.
5- सुभाष चंद्र गर्ग:
वर्तमान में वो आर्थिक मामले के सचिव हैं. वे राजस्थान कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं. वर्ल्ड बैंक में कार्यकारी निदेशक (एग्जीक्युटिव डायरेक्टर) भी रह चुके हैं. इनकी जिम्मेदारी यह भी है कि सरकार को बताएं कि कहां से पैसा जुटाना है. वो बजट के सभी तरह के कामकाज से वाकिफ रहते हैं. इन पर विकास, निजी निवेश और रोजगार बढ़ाने से जुड़ी नीतियों की जिम्मेदारी है.
6- राजीव कुमार:
ये वित्तीय सेवा सचिव हैं. झारखण्ड कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं. इन्होंने नौकरशाही में कई क्रान्तिकारी कार्य किये हैं. इन्होंने आईएएस ऑफिसरों की ऑनलाइन परफॉरमेंस रिपोर्ट शुरु कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
7- अरविंद सुब्रमण्यम:
अक्टूबर 2014 में ये भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार बने. आईआईएम और ऑक्सफ़ोर्ड से पढ़े अरविंद मुख्य आर्थिक सलाहकार बनने से पहले अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के लिए पियर्सन संस्थान में सीनियर फेलो थे. हाल ही में देश का इकोनॉमिक सर्वे आया. जिसका सारा दारोमदार इनपर ही था.
8- नीरज गुप्ता:
उत्तरप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी. वर्तमान में वो विनिवेश सचिव हैं. 2017-18 में 72,500 का विनिवेश टारगेट रखा गया है.
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