एक वक्त था जब बहुत ही कम लोग शेयर बाजार में पैसा लगाते थे, लेकिन बदलते वक्त और तकनीक की बदौलत आज शेयर बाजार में बहुत से लोग पैसा लगाने लगे हैं. शेयर मार्केट की ओर लोगों की बढ़ती रुचि से कुछ धोखेबाजों की भी चांदी हो गई है. आए दिन ठगी के नए तरीके निकालने वाले इन लोगों ने अब निवेशकों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. यूं तो माना जाता है कि शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले को निवेश करने को लेकर काफी हद तक जानकारी होती है, लेकिन बावजूद इसके बहुत से निवेशक इन धोखेबाजों के झांसे में आ जाते हैं. और आएं भी कैसे ना, ठगी के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक से बढ़कर एक तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
मैसेज का करते हैं इस्तेमाल
आज के समय में अधिकतर लोगों के पास मोबाइल फोन है और ठगों ने अपनी जेब भरने के लिए इसे ही अपना हथियार बना लिया है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक ये ठग निवेशकों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं और उन्हें बताते हैं कि कौन सा शेयर उन्हें खरीदना चाहिए. लोगों को कुछ शॉर्ट कोड से मैसेज आते हैं, जिसके चलते मैसेज भेजने वाले की सही पहचान भी नहीं हो पाती. यूं तो DND एक्टिवेट कराने के बाद कोई भी टेली मार्केटिंग मैसेज नहीं आता है, लेकिन ऐसे बहुत से केस देखने को मिले हैं जहां DND एक्टिवेट होने के बावजूद इस तरह के मैसेज आ रहे हैं.
टेलिकॉम कंपनियों को बना रहे बेवकूफ
शॉर्ट कोड के जरिए ये ठग टेलिकॉम कंपनियों को भी बेवकूफ बना रहे हैं. ये शॉर्ट कोड AM-XYZ या VMABNK जैसे हो सकते हैं. साइबर सिक्योरिटी फर्म नेटवर्क...
एक वक्त था जब बहुत ही कम लोग शेयर बाजार में पैसा लगाते थे, लेकिन बदलते वक्त और तकनीक की बदौलत आज शेयर बाजार में बहुत से लोग पैसा लगाने लगे हैं. शेयर मार्केट की ओर लोगों की बढ़ती रुचि से कुछ धोखेबाजों की भी चांदी हो गई है. आए दिन ठगी के नए तरीके निकालने वाले इन लोगों ने अब निवेशकों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. यूं तो माना जाता है कि शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले को निवेश करने को लेकर काफी हद तक जानकारी होती है, लेकिन बावजूद इसके बहुत से निवेशक इन धोखेबाजों के झांसे में आ जाते हैं. और आएं भी कैसे ना, ठगी के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक से बढ़कर एक तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
मैसेज का करते हैं इस्तेमाल
आज के समय में अधिकतर लोगों के पास मोबाइल फोन है और ठगों ने अपनी जेब भरने के लिए इसे ही अपना हथियार बना लिया है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक ये ठग निवेशकों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं और उन्हें बताते हैं कि कौन सा शेयर उन्हें खरीदना चाहिए. लोगों को कुछ शॉर्ट कोड से मैसेज आते हैं, जिसके चलते मैसेज भेजने वाले की सही पहचान भी नहीं हो पाती. यूं तो DND एक्टिवेट कराने के बाद कोई भी टेली मार्केटिंग मैसेज नहीं आता है, लेकिन ऐसे बहुत से केस देखने को मिले हैं जहां DND एक्टिवेट होने के बावजूद इस तरह के मैसेज आ रहे हैं.
टेलिकॉम कंपनियों को बना रहे बेवकूफ
शॉर्ट कोड के जरिए ये ठग टेलिकॉम कंपनियों को भी बेवकूफ बना रहे हैं. ये शॉर्ट कोड AM-XYZ या VMABNK जैसे हो सकते हैं. साइबर सिक्योरिटी फर्म नेटवर्क इंटेलिजेंस के सीईओ केके मुखी के अनुसार, जब ये ठग किसी शॉर्ट कोड को टेलिकॉम कंपनी के साथ रजिस्टर करते हैं, तो वास्तविक शॉर्ट कोड से काफी मिलता-जुलता कोड लेते हैं, जो ग्राहकों को कंफ्यूज कर सकते हैं. ट्राई भी ऐसे ठगों से निपट नहीं पा रहा है.
वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी शॉर्ट कोड से मैसेज किए जाते हैं जो रजिस्टर नहीं होते हैं. ऐसी स्थिति में इस बाद का संदेह है कि टेलिकॉम कंपनी के कुछ कर्मचारी भी इन ठगों से मिले हुए हों. क्योंकि जो कोड रजिस्टर नहीं है, उससे बल्क एसएमएस नहीं किया जा सकता है.
फोन नंबर से ऐसे देते हैं धोखा
ऐसे भी कई मामले देखने को मिले हैं जब कोई ठग किसी ब्रोकर के पास से उसके ग्राहकों की पूरी लिस्ट हासिल करने में कामयाब हो जाता है. ऐसे में उसके पास ग्राहक का फोन नंबर, नाम, पैन जैसे जानकारियां भी पहुंच जाती हैं. इसके बाद वह ठग एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से उस ब्रोकर के ग्राहकों को मैसेज या फोन करता है. इस सॉफ्टवेयर की खास बात यह होती है कि लोगों को उस ठग का नहीं बल्कि ब्रोकर का मोबाइल नंबर दिखाई देता है, जिसकी वजह से ग्राहक को कोई शक भी नहीं होता है और वह आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं.
'पेनी स्टॉक्स' काम करते हैं आसान
ये लोग अधिकतर पेनी स्टॉक्स में निवेश करने के मैसेज भेजते हैं, जिसकी वजह से लोग इनके झांसे में आ जाते हैं. आपको बता दें कि भारतीय बाजार में पेनी स्टॉक वह शेयर होते हैं, जिनकी कीमत 10 रुपए से कम होती है. इतनी कम कीमत होने की वजह से बहुत से लोग अपने कुछ पैसे इन शेयरों में लगाने का जोखिम आसानी से उठा लेते हैं. यही कारण है कि निवेशकों को फंसाने के लिए ठग पेनी स्टॉक्स का सहारा लेते हैं.
टेलीकॉम कंपनियों ने पल्ला झाड़ा
टेलीकॉम कंपनियों ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि वह सभी नियमों का पालन कर रही हैं. उनका कहना है कि शॉर्टकोड सिर्फ रजिस्टर्ड टेलीमार्केटिंग कंपनियों को दिए जाते हैं. नियमों के अनुसार सिर्फ इस बात का रिकॉर्ड रखना होता है कि किसे कौन सा कोड दिया गया है. कंपनियों का कहना है कि वह टेलीमार्केटिंग कंपनियों के कंटेंट को कंट्रोल नहीं कर सकती हैं ना ही इस बात का रिकॉर्ड रख सकती हैं कि टेलीमार्केटिंग कंपनियां इसे आगे किसे बेच रही हैं. टेलीकॉम कंपनियों का यह भी कहना है कि वह उन सॉफ्टवेयर को भी कंट्रोल नहीं कर सकती हैं, जिसके इस्तेमाल से ग्राहकों को ठग का मोबाइल नंबर ना दिख कर कोई दूसरा मोबाइल नंबर दिखता है. खैर, ट्राई के निर्देशों के अनुसार बहुत से कीवर्ड को फिल्टर और ब्लॉक किया जा रहा है.
अगर आपके पास भी निवेश टिप्स को लेकर कोई मैसेज आता है तो सावधान रहें. हो सकता है आपको निवेश करके नुकसान उठाना पड़े. दरअसल, इस तरह के टिप्स भेज कर ये ठग निवेशकों से उन शेयरों में निवेश करवाते हैं, जिनसे उन्हें फायदा हो सके. इस तरह के मैसेज से बचने के लिए आप अपने नंबर पर DND एक्टिवेट करा सकते हैं. अगर उसके बाद भी आपके ऐसे मैसेज आते हैं तो इसकी शिकायत करें.
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