सितंबर 2016, जब मुकेश अंबानी ने रिलांयस जियो नाम की कंपनी के साथ देश की टेलिकॉम इंडस्ट्री में कदम रखा. तब तक किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक दिन रिलायंस जियो इंटरनेट डेटा और कॉलिंग के मामले में देश का चेहरा ही बदलकर रख देगा. रिलायंस जियो ने तो भारतीय बाजार में पैर ऐसे जमाए कि लोगों को भी फायदा हुआ और अब खुद भी फायदा कमा रही है, लेकिन अन्य टेलिकॉम कंपनियों की कमर तोड़ दी. सबसे मजबूती से सिर्फ एयरटेल ही रिलायंस जियो टक्कर दे रही थी, लेकिन 31 मार्च 2018 को आए चौथी तिमाही के नतीजों ने दिखा दिया है कि भारती एयरटेल भी रिलायंस जियो के सामने घुटनों पर आ चुका है. देखा जाए तो यही मुकेश अंबानी का मकसद भी था, जो पूरा हो चुका है.
15 साल में पहली बार एयरटेल की ऐसी हुई हालत
चौथी तिमाही में एयरटेल को 83 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. पिछले 15 सालों पहली बार एयरटेल को इतना कम फायदा हुआ है और इसकी वजह है रिलायंस जियो, जिसके सस्ते प्लान्स ने सभी कंपनियों की कमर तोड़ दी है. अगर साल दर साल के हिसाब से देखा जाए तो एयरटेल का फायदा करीब 78 फीसदी गिरा है, जो पिछले साल चौथी तिमाही में 373 करोड़ रुपए था. अगर पिछली तिमाही यानी 31 दिसंबर 2017 को खत्म हुई तिमाही की बात करें तो उसमें एयरटेल को 306 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था. हालांकि, बाजार के विशेषज्ञों का अनुमान था कि इस बार एयरटेल को 220 करोड़ रुपए तक का घाटा हो सकता है, जबकि एयरटेल को फायदा हुआ है. हालांकि, अफ्रीका के बिजनेस में एयरटेल का अब तक का सबसे अधिक 699 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है. यह मुनाफा डेटा इस्तेमाल बढ़ने की वजह से हुआ है.
प्रति यूजर औसत कमाई घटी
रिलायंस जियो के आने के...
सितंबर 2016, जब मुकेश अंबानी ने रिलांयस जियो नाम की कंपनी के साथ देश की टेलिकॉम इंडस्ट्री में कदम रखा. तब तक किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक दिन रिलायंस जियो इंटरनेट डेटा और कॉलिंग के मामले में देश का चेहरा ही बदलकर रख देगा. रिलायंस जियो ने तो भारतीय बाजार में पैर ऐसे जमाए कि लोगों को भी फायदा हुआ और अब खुद भी फायदा कमा रही है, लेकिन अन्य टेलिकॉम कंपनियों की कमर तोड़ दी. सबसे मजबूती से सिर्फ एयरटेल ही रिलायंस जियो टक्कर दे रही थी, लेकिन 31 मार्च 2018 को आए चौथी तिमाही के नतीजों ने दिखा दिया है कि भारती एयरटेल भी रिलायंस जियो के सामने घुटनों पर आ चुका है. देखा जाए तो यही मुकेश अंबानी का मकसद भी था, जो पूरा हो चुका है.
15 साल में पहली बार एयरटेल की ऐसी हुई हालत
चौथी तिमाही में एयरटेल को 83 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. पिछले 15 सालों पहली बार एयरटेल को इतना कम फायदा हुआ है और इसकी वजह है रिलायंस जियो, जिसके सस्ते प्लान्स ने सभी कंपनियों की कमर तोड़ दी है. अगर साल दर साल के हिसाब से देखा जाए तो एयरटेल का फायदा करीब 78 फीसदी गिरा है, जो पिछले साल चौथी तिमाही में 373 करोड़ रुपए था. अगर पिछली तिमाही यानी 31 दिसंबर 2017 को खत्म हुई तिमाही की बात करें तो उसमें एयरटेल को 306 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था. हालांकि, बाजार के विशेषज्ञों का अनुमान था कि इस बार एयरटेल को 220 करोड़ रुपए तक का घाटा हो सकता है, जबकि एयरटेल को फायदा हुआ है. हालांकि, अफ्रीका के बिजनेस में एयरटेल का अब तक का सबसे अधिक 699 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है. यह मुनाफा डेटा इस्तेमाल बढ़ने की वजह से हुआ है.
प्रति यूजर औसत कमाई घटी
रिलायंस जियो के आने के बाद से लगातार एयरटेल की प्रति यूजर औसत कमाई घटी है. जो प्रति यूजर औसत कमाई 2017 में की पहली तिमाही में 196 रुपए थी अब वो 2018 की चौथी तिमाही में घटकर 116 रुपए हो गई है. यानी दो साल में एयरटेल को प्रति यूजर औसत कमाई 80 रुपए घट गई है.
वहीं दूसरी ओर अगर रिलायंस जियो की बात करें तो 31 दिसंबर 2017 को समाप्त हुई तिमाही में रिलायंस जियो की प्रति यूजर औसत कमाई 154 रुपए थी, जबकि इसी अवधि में एयरटेल की प्रति यूजर औसत कमाई 123 रुपए थी.
अब एक नजर रिलांयस की कमाई पर भी डाल लीजिए
रिलायंस जियो ने शुरुआती महीनों में तो सिर्फ नुकसान ही झेला, लेकिन महज 15 महीनों में ही कंपनी फायदे में आ गई, जिसकी कोई उम्मीद नहीं थी. चौथी तिमाही के आंकड़े तो अभी कंपनी ने जारी नहीं किए हैं, लेकिन अगर 31 दिसंबर 2017 को खत्म हुई तीसरी तिमाही की बात करें तो उसमें कंपनी को 504 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था. वहीं इससे पहले 30 सितंबर 2017 को खत्म हुई तिमाही में रिलायंस जियो 271 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.
रिलायंस जियो की ओर लोग क्यों खिंचे चले आए?
सितंबर 2016 में लॉन्च होने के बाद से लेकर 15 अप्रैल 2017 तक यानी करीब 6 महीने कंपनी ने अपनी सेवाओं के लिए किसी से एक भी रुपया नहीं लिया. लोगों को सारी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त में दीं. इसने भी लोगों को अपनी ओर खींचने में कंपनी की खूब मदद की. मुफ्त सेवा खत्म होने के बाद भी कंपनी ने जो प्लान लॉन्च किए उनमें महज 149 रुपए में महीने भर का प्लान दे दिया. टेलिकॉम की दुनिया में ये किसी क्रांति से कम नहीं था. इसका असर ये हुआ कि जो कंपनियां पहले महज 1 जीबी डेटा के लिए 100-150 रुपए तक लेती थीं, उन सभी ने रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए अपने टैरिफ के दाम घटाए.
रिलायंस जियो अन्य टेलिकॉम कंपनियों की कमर तो तोड़ ही चुका था, लेकिन जुलाई 2017 में उसके जियो फोन ने बची-खुची कसर भी पूरी कर दी. यह फोन प्रभावी रूप से मुफ्त में लोगों को दिया गया, जिसमें सिर्फ 49 रुपए में महीने भर का पैक मिलने लगा. महज 1500 रुपए में ये फोन लोगों को दिया गया और ये पैसे भी तीन सालों में लोगों को वापस मिल जाएंगे. रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और फरवरी तक के डेटा के अनुसार कंपनी के पास करीब 17.7 करोड़ यूजर्स हैं.
जिस तरह जियो ने सब कुछ फ्री देते हुए सेवा शुरू की थी उससे लोगों को तो यही लगा था कि मुकेश अंबानी को नुकसान होगा. लेकिन लोगों को मुफ्त में सब कुछ देने के पीछे उनकी रणनीति शायद कोई नहीं समझ सका, ना हम-आप, ना ही अन्य टेलिकॉम कंपनियां. पहले तो जियो अन्य टेलिकॉम कंपनियों की आंखों में आंखें डालकर खड़ा हो गया, फिर 6 महीने तक सब कुछ मुफ्त देकर अन्य टेलिकॉम कंपनियों की कमर तोड़ दी. फिर सस्ते प्लान लाया और जियो फोन लॉन्च करके कंपनियों को अपने सामने झुकने पर मजबूर कर दिया. बस एक एयरटेल ही था, जो रिलायंस जियो तो तगड़ी टक्कर दे रहा था, लेकिन इस बार के नतीजे देखकर लग रहा है कि एयरटेल को भी रिलायंस जियो ने घुटनों पर ला दिया है.
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