देश की सबसे तेज ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' या 'ट्रेन 18' पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार है. 15 फरवरी को खुद पीएम मोदी इसे हरी झंडी दिखाकर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. ट्रेन कितनी तेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि ये महज 8 घंटे में दिल्ली से वाराणसी पहुंच जाएगी. यानी आपका काफी समय बचेगा, लेकिन पैसों का क्या? समय बचाने की आपको कीमत चुकानी होगी, काफी बड़ी कीमत. इतनी कीमत, जितने में आप हवाई जहाज से वाराणसी पहुंच सकते हैं.
दिल्ली से वाराणसी की दूरी 755 किलोमीटर है, जिसे तय करने में राजधानी-शताब्दी जैसी ट्रेनों को करीब 12 घंटे लग जाते हैं. लेकिन ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन आपका 4 घंटे का समय बचाएगी और सिर्फ 8 घंटे में आप दिल्ली से वाराणसी पहुंच जाएंगे. ट्रेन 18 में दो तरह के कोच हैं. पहला है चेयर कार, जिसका किराया 1850 रुपए है, जबकि दूसरा है एग्जिक्युटिव क्लास, जिसका किराया 3520 रुपए है. इसमें कैटरिंग चार्ज भी जुड़ा हुआ है, जो आप चाहें ना चाहें, देना हो होगा.
ट्रेन से अच्छी तो फ्लाइट ही है
अगर समान दूरी के लिए ट्रेन 18 और शताबदी की तुलना की जाए तो ट्रेन 18 में चेयर कार का किराया 1.5 गुना अधिक है, जबकि एग्जिक्युटिव क्लास का किराया एसी फर्स्ट क्लास सिटिंग से 1.4 गुना अधिक है. ये तो बात सिर्फ ट्रेन से तुलना की थी. आइए अब आपको दिखाते हैं ट्रेन-18 के किराए की तुलना में हवाई जहाज का किराया कितना है.
देश की सबसे तेज ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' या 'ट्रेन 18' पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार है. 15 फरवरी को खुद पीएम मोदी इसे हरी झंडी दिखाकर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. ट्रेन कितनी तेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि ये महज 8 घंटे में दिल्ली से वाराणसी पहुंच जाएगी. यानी आपका काफी समय बचेगा, लेकिन पैसों का क्या? समय बचाने की आपको कीमत चुकानी होगी, काफी बड़ी कीमत. इतनी कीमत, जितने में आप हवाई जहाज से वाराणसी पहुंच सकते हैं.
दिल्ली से वाराणसी की दूरी 755 किलोमीटर है, जिसे तय करने में राजधानी-शताब्दी जैसी ट्रेनों को करीब 12 घंटे लग जाते हैं. लेकिन ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन आपका 4 घंटे का समय बचाएगी और सिर्फ 8 घंटे में आप दिल्ली से वाराणसी पहुंच जाएंगे. ट्रेन 18 में दो तरह के कोच हैं. पहला है चेयर कार, जिसका किराया 1850 रुपए है, जबकि दूसरा है एग्जिक्युटिव क्लास, जिसका किराया 3520 रुपए है. इसमें कैटरिंग चार्ज भी जुड़ा हुआ है, जो आप चाहें ना चाहें, देना हो होगा.
ट्रेन से अच्छी तो फ्लाइट ही है
अगर समान दूरी के लिए ट्रेन 18 और शताबदी की तुलना की जाए तो ट्रेन 18 में चेयर कार का किराया 1.5 गुना अधिक है, जबकि एग्जिक्युटिव क्लास का किराया एसी फर्स्ट क्लास सिटिंग से 1.4 गुना अधिक है. ये तो बात सिर्फ ट्रेन से तुलना की थी. आइए अब आपको दिखाते हैं ट्रेन-18 के किराए की तुलना में हवाई जहाज का किराया कितना है.
अगर आने वाले 15-20 दिनों को देखा जाए तो हवाई जहाज से यात्रा करने पर आपको लगभग ट्रेन 18 के जितने ही पैसे खर्च करने पड़ेंगे. वहीं अगर आपने अपनी यात्रा महीने भर पहले से प्लान कर ली तो 1000-1200 रुपए बच भी जाएंगे. वैसे भी, ट्रेन में कौन सा कि स्टेशन पहुंचते ही टिकट मिल जाती है. वहां भी तो कई महीनों की वेटिंग होती है. ट्रेन 18 का किराया इतना महंगा है कि उससे अच्छा है आप हवाई जहाज से दिल्ली से वाराणसी चले जाएं, डेढ़ से दो घंटे में पहुंच जाएंगे. यानी समय भी बचेगा और पैसे भी. हवाई यात्रा मजा अलग से.
कैटरिंग ने महंगा किया है किराया
दिल्ली से वाराणसी जाने वाले यात्रियों को एग्जिक्युटिव कोच में सुबह की चाय, नाश्ता और दोपहर के खाने के लिए 399 रुपए चुकाने होंगे, जबकि चेयर कार के यात्रियों को इन सबके लिए 344 रुपए देने होंगे. वहीं वापसी में कैटरिंग के चार्ज कम लगेंगे. एग्जिक्युटिव क्लास के लिए आपको 349 रुपए और चेयर कार के लिए 288 रुपए देने होंगे.
वापसी में किराया सस्ता, लेकिन ना के बराबर!
ट्रेन 18 के किराए में एक दिलचस्प बात ये है कि दिल्ली से वाराणसी जाने का किराया अलग है और वापस आने का अलग. वापसी में आपको कम पैसे चुकाने होंगे, लेकिन ये कम भी ना के बराबर ही हैं. वापसी में आपको चेयर कार के लिए 1,795 रुपए का टिकट लेना होगा, जबकि एग्जिक्युटिव कार के लिए 3,470 रुपए देने होंगे.
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