2018 यूनियन बजट से पहले अब इकोनॉमिक सर्वे आ गया है. साल का पूरा रिपोर्ट कार्ड दिखाने वाला ये सर्वे वित्त मंत्री ने पेश कर दिया है. आज जो इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया है उसमें आम आदमी से जुड़ी कई चीजें सामने आई हैं. जैसे...
1. महिलाओं के लिए..
इकोनॉमिक सर्वे ने एक एग्रिकल्चर पॉलिसी बनाने का प्रस्ताव रखा है जिसमें महिलाओं को ग्रामीण परिवेश को बदलने के लिए भागीदारी देने की बात कही गई है. इस पॉलिसी के हिसाब से महिला किसानों को बेहतर कर्ज, तकनीक और ट्रेनिंग का प्रावधान रखा जाएगा.
2. स्टूडेंट्स और क्लासरूम...
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक स्टूडेंट क्लासरूम अनुपात (SCR) और बच्चों और टीचर्स का अनुपात (PTR) बढ़ा है और ये काफी अच्छी बात है. जेंडर पैरिटी इंडेक्स (GPI) भी बेहतर हुआ है जहां स्कूलों में ज्यादा लड़कियों ने एडमीशन लिया है और उन्हें बेहतर शिक्षा मिल रही है. SCR एक क्लासरूम में कितने बच्चे हैं उस हिसाब से तय किया जाता है. बेहतर साइज 30 बच्चे या उससे ज्यादा प्रति क्लासरूम होता है.
ये SCR 2009-10 में 43% था जो 2015-16 में घटकर 25.7 प्रतिशत रह गया था.
3. किसानों के लिए..
जहां भारत में ज्यादातर जमीन सीमांत किसानों के पास है जहां 1 हैक्टेयर से भी जमीन है. इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 के मुताबिक जमीनी संपत्ती को मजबूत करने की जरूरत है. इसी के साथ, इकोनॉमिक सर्वे ये भी कहता है कि किसानों के लिए बेहतर मशीने वगैराह रेंटल मॉडल पर दी जा सकती हैं.
4. जीएसटी का फायदा...
जीएसटी का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा. पिछले साल के मुकाबले इनडायरेक्ट करदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ी है. इसी के साथ, स्वेच्छिक रजिस्ट्रेशन भी बढ़े हैं. खास-तौर पर छोटी...
2018 यूनियन बजट से पहले अब इकोनॉमिक सर्वे आ गया है. साल का पूरा रिपोर्ट कार्ड दिखाने वाला ये सर्वे वित्त मंत्री ने पेश कर दिया है. आज जो इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया है उसमें आम आदमी से जुड़ी कई चीजें सामने आई हैं. जैसे...
1. महिलाओं के लिए..
इकोनॉमिक सर्वे ने एक एग्रिकल्चर पॉलिसी बनाने का प्रस्ताव रखा है जिसमें महिलाओं को ग्रामीण परिवेश को बदलने के लिए भागीदारी देने की बात कही गई है. इस पॉलिसी के हिसाब से महिला किसानों को बेहतर कर्ज, तकनीक और ट्रेनिंग का प्रावधान रखा जाएगा.
2. स्टूडेंट्स और क्लासरूम...
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक स्टूडेंट क्लासरूम अनुपात (SCR) और बच्चों और टीचर्स का अनुपात (PTR) बढ़ा है और ये काफी अच्छी बात है. जेंडर पैरिटी इंडेक्स (GPI) भी बेहतर हुआ है जहां स्कूलों में ज्यादा लड़कियों ने एडमीशन लिया है और उन्हें बेहतर शिक्षा मिल रही है. SCR एक क्लासरूम में कितने बच्चे हैं उस हिसाब से तय किया जाता है. बेहतर साइज 30 बच्चे या उससे ज्यादा प्रति क्लासरूम होता है.
ये SCR 2009-10 में 43% था जो 2015-16 में घटकर 25.7 प्रतिशत रह गया था.
3. किसानों के लिए..
जहां भारत में ज्यादातर जमीन सीमांत किसानों के पास है जहां 1 हैक्टेयर से भी जमीन है. इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 के मुताबिक जमीनी संपत्ती को मजबूत करने की जरूरत है. इसी के साथ, इकोनॉमिक सर्वे ये भी कहता है कि किसानों के लिए बेहतर मशीने वगैराह रेंटल मॉडल पर दी जा सकती हैं.
4. जीएसटी का फायदा...
जीएसटी का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा. पिछले साल के मुकाबले इनडायरेक्ट करदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ी है. इसी के साथ, स्वेच्छिक रजिस्ट्रेशन भी बढ़े हैं. खास-तौर पर छोटी कंपनियां जो बड़ी कंपनियों से खरीदती हैं उन्हें इनपुट क्रेडिट के लिए रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ी.
5. फॉर्मल सेक्टर रोजगार बढ़े...
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक जीएसटी की वजह से सिर्फ टैक्स देने वालों की संख्या ही नहीं बढ़ी बल्कि साथ ही साथ गैर-कृषि क्षेत्रों में भी रोजगार 30 फीसदी बढ़े हैं, साथ ही साथ जीएसटी के अंतरगत रोजगार 50 फीसदी तक बढ़े हैं.
6. एक्सपोर्ट सेक्टर बेहतर...
सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक देश की टॉप 1 फीसदी कंपनियां देश का कुल 38 फीसदी एक्सपोर्ट करती हैं. वहीं अन्य देशों में ये आंकड़ा भारत से खराब है. इकोनॉमिक सर्वे में खास तौर पर एक्सपोर्ट ग्रोथ बढ़ने और इम्पोर्ट ग्रोथ के कम होने की बात कही गई है. ये साफ तौर पर दिखाता है कि नोटबंदी का असर कम हुआ.
7. क्रूड ऑयल का जीडीपी पर असर...
सरकार के इकोनॉमिस्ट एडवाइजर अरविंद सुब्रमनियन के मुताबिक कच्चे तेल का दाम अगर 10 डॉलर प्रति बैरल बढ़ता है तो वो असल में जीडीपी पर 0.2-0.3 प्रतिशत का असर डालता है. सर्वे के हिसाब से तेल की कीमतों का असर पिछले तीन सालों से भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. हालांकि, 2017-18 के पहली तीन तिमाही में तेल की कीमतें पिछले सालों के हिसाब से 16 प्रतिशत (डॉलर से तुनका करें तो) बेहतर रही हैं.
8. जनसंख्या में वृद्धी...
देश की शहरी जनसंख्या 2031 तक 600 मिलियन का आंकड़ा पार कर सकती है. लिहाजा इकोनॉमिक सर्वे ने केन्द्र सरकार को सलाह दी है शहरों को म्यूनिसिपल बॉन्ड, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप और क्रेडिट रिस्क गारंटी के जरिए अपने लिए वित्तीय संसाधन जुटाने की जरूरत है.
9. लड़के की चाह..
इकोनॉमिक सर्वे के डेटा ने एक और अहम बात सामने लाकर खड़ी कर दी है. ये वही भारतीय समाज की सच्चाई है जो सदियों से समझ आ रही है. सर्वे के मुताबिक भारत में अभी भी कई परिवार ऐसे हैं जो तब तक बच्चे पैदा करते हैं जब तक उन्हें लड़के नहीं मिल जाते. इसके कारण भारत में 21 मिलियन ( 2.1 करोड़) अधिक लड़कियां पैदा हुई हैं. WHO का आंकड़ा बताता है कि भारत में 1.05 सेक्स अनुपात है. यानि 105 लड़कों में 100 लड़कियां.
10. कमाई में राज्य बेहतर..
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक अप्रैल-नवंबर 2017 तक टैक्स में राज्यों का हिस्सा 25.2 फीसदी बढ़ा है जबकि केन्द्र सरकार का नेट टैक्स रेवेन्यू में महज 12.6 फीसदी का इजाफा. यानि कमाई के मामले में राज्य बेहतर हैं और केंद्र पीछे.
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