मिस्र में 2011 के विद्रोह के बाद बनी सरकार की नई गाज गिरी है. सरकारी टीवी चैनल की 8 महिला न्यूज एंकर्स को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. कारण, वे बेहद मोटी हो चुकी हैं. जिससे लोग उन्हें टीवी पर देखना पसंद नहीं कर रहे हैं और चैनल की लोकप्रियता गिरती जा रही है.
तीन साल पहले मिस्र में विद्रोह के बाद से सेना का शासन है. इस दौरान मिस्र में टीवी और प्रिंट के पत्रकारों में अपनी रिपोर्ट संभाल कर करने का खौफ बना हुआ है. कहीं उनकी कोई रिपोर्ट सेना की सरकार ने नापसंद कर दिया तो उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है.
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अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा फरमान सेना द्वारा नियुक्त रेडियो और टीवी यूनियन की प्रमुख सफा हेगाजी द्वारा दिया गया है. हेगाजी खुद भी पूर्व में टीवी एंकर रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सस्पेंड की गई आठों एंकर्स को कहा गया है कि वह अगले एक महीने तक एक स्ट्रिक्ट डाइट प्लान पर जाएं जिससे वह अपना वजन कम कर सकें.
मिस्र की महिला एंकर्स पर गिरी गाज |
वहीं ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक हेगाजी को सरकारी टीवी चैनलों को मजबूत करने की अहम जिम्मेदारी दी गई है. इसी जिम्मेदारी के तहत उन्हें मोटी और भद्दी हो चुकी टीवी एंकर्स को दरकिनार कर नए और आकर्षक चेहरों को जगह देनी है.
गौरतलब है कि 2011 के विद्रोह के बाद...
मिस्र में 2011 के विद्रोह के बाद बनी सरकार की नई गाज गिरी है. सरकारी टीवी चैनल की 8 महिला न्यूज एंकर्स को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. कारण, वे बेहद मोटी हो चुकी हैं. जिससे लोग उन्हें टीवी पर देखना पसंद नहीं कर रहे हैं और चैनल की लोकप्रियता गिरती जा रही है.
तीन साल पहले मिस्र में विद्रोह के बाद से सेना का शासन है. इस दौरान मिस्र में टीवी और प्रिंट के पत्रकारों में अपनी रिपोर्ट संभाल कर करने का खौफ बना हुआ है. कहीं उनकी कोई रिपोर्ट सेना की सरकार ने नापसंद कर दिया तो उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है.
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अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा फरमान सेना द्वारा नियुक्त रेडियो और टीवी यूनियन की प्रमुख सफा हेगाजी द्वारा दिया गया है. हेगाजी खुद भी पूर्व में टीवी एंकर रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सस्पेंड की गई आठों एंकर्स को कहा गया है कि वह अगले एक महीने तक एक स्ट्रिक्ट डाइट प्लान पर जाएं जिससे वह अपना वजन कम कर सकें.
मिस्र की महिला एंकर्स पर गिरी गाज |
वहीं ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक हेगाजी को सरकारी टीवी चैनलों को मजबूत करने की अहम जिम्मेदारी दी गई है. इसी जिम्मेदारी के तहत उन्हें मोटी और भद्दी हो चुकी टीवी एंकर्स को दरकिनार कर नए और आकर्षक चेहरों को जगह देनी है.
गौरतलब है कि 2011 के विद्रोह के बाद मिस्र के सरकारी चैनलों से सुंदर और आकर्षक एंकर्स ने अंतरराष्ट्रीय चैनलों का रुख कर लिया था. जिसके बाद से सरकारी चैनल की लोकप्रियता कम होने लगी और आम धारणा बन गई कि सरकारी चैनलों पर प्रसारित खबरें सिर्फ नई सरकार को लोकप्रिय बनाने की कोशिश भर है. इसके साथ ही सरकारी चैनलों की विश्वसनियता पर भी सवाल उठने लगा.
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मिस्र में महिला एंकर्स के साथ इस घटना की दुनियाभर में निंदा की जा रही है. महिला संगठनों का दावा है कि किसी का मोटा होना कैसे उसके काम को प्रभावित कर सकता है. अब सवाल उठता है कि क्या वाकई टीवी और न्यूज की दुनिया में यह धारणा है कि खबरों को जनता तक पहुंचाने के लिए सुंदर और स्लिम-ट्रिम एंकर्स अहम हैं? यदि नहीं तो मिस्र सरकार का यह फरमान महिला कर्मचारियों के खिलाफ एक तरह की हिंसा है जो सिर्फ उनके अधिकारों का हनन करती है.
गौरतलब है कि भारत समेत कई देशों की एयरलाइन्स इंडस्ट्री में महिला एयरहोस्टेस को लेकर ऐसे सवाल उठते रहे हैं. क्या महिला एयरहोस्टेस का सुंदर और स्लिम होना कारोबार को बढ़ाने में सहायक होता है.
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