बॉलीवुड स्टार सलमान खान के लिए 20 साल पुराने काले हिरण के शिकार के मामले में सज़ा हो गई है. ये सजा सलमान के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है. बीइंग ह्यूमन के जरिए सलमान शायद अपनी खामियों को खत्म करने की कोशिश में थे, लेकिन हाल ही में हुई सज़ा ने उनकी कोशिशों को परेशानी में डाल दिया है. उनकी परोपकारी इमेज भी खतरे में पड़ जाएगी.
वन्यजीवन के संरक्षण के लिए बनाए गए वाइल्डवाइफ एक्ट की धारा 51 के तहत दो विलुप्त होती प्रजातियों के जीवों को मारने के जुर्म में सलमान को 5 साल की सज़ा और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. काले हिरण को सलमान ने जोधपुर के पास कांकणी गांव में 1998 में मारा था. उस समय सलमान हम साथ-साथ हैं फिल्म की शूटिंग कर रहे थे.
कुछ समय के लिए चैरिटी और बीइंग ह्यूमन द्वारा किए सोशल वर्क ने सलमान की बैड ब्वॉय वाली इमेज को दबा दिया था. उन्हें बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन के लिए काफी सराहा भी गया था. ये ऑर्गेनाइजेशन 2007 में चैरिटी के लिए बनाया गया था. ये गरीबों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करता है. पिछले एक दशक में इस संस्थान ने मोतियाबिंद की सर्जरी, फ्री आई कैम्प और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े कैम्प पूरे भारत में लगाए.
2013 में बीइंग ह्यूमन ऑर्गेनाइजेशन ने फोर्टिस अस्पताल से पर्टनरशिप की थी और दिल की जन्मजात बीमारी से परेशान बच्चों के मुफ्त में इलाज की योजना बनाई थी. इस प्रोग्राम का नाम था लिटिल हार्ट प्रोग्राम और इसका अहम उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे वाले बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया करवाना था. जुलाई 2015 तक 849 ऑपरेशन हो चुके थे.
इस संस्थान ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर रेवेन्यु शेयरिंग का एक मॉडल बनाया जिसके कारण बीइंग ह्यूमन से जुड़े सभी प्रोग्राम फंड किए जाते हैं. बीइंग ह्यूमन ब्रांड के अंदर बिकने वाली टीशर्ट,...
बॉलीवुड स्टार सलमान खान के लिए 20 साल पुराने काले हिरण के शिकार के मामले में सज़ा हो गई है. ये सजा सलमान के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है. बीइंग ह्यूमन के जरिए सलमान शायद अपनी खामियों को खत्म करने की कोशिश में थे, लेकिन हाल ही में हुई सज़ा ने उनकी कोशिशों को परेशानी में डाल दिया है. उनकी परोपकारी इमेज भी खतरे में पड़ जाएगी.
वन्यजीवन के संरक्षण के लिए बनाए गए वाइल्डवाइफ एक्ट की धारा 51 के तहत दो विलुप्त होती प्रजातियों के जीवों को मारने के जुर्म में सलमान को 5 साल की सज़ा और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. काले हिरण को सलमान ने जोधपुर के पास कांकणी गांव में 1998 में मारा था. उस समय सलमान हम साथ-साथ हैं फिल्म की शूटिंग कर रहे थे.
कुछ समय के लिए चैरिटी और बीइंग ह्यूमन द्वारा किए सोशल वर्क ने सलमान की बैड ब्वॉय वाली इमेज को दबा दिया था. उन्हें बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन के लिए काफी सराहा भी गया था. ये ऑर्गेनाइजेशन 2007 में चैरिटी के लिए बनाया गया था. ये गरीबों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करता है. पिछले एक दशक में इस संस्थान ने मोतियाबिंद की सर्जरी, फ्री आई कैम्प और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े कैम्प पूरे भारत में लगाए.
2013 में बीइंग ह्यूमन ऑर्गेनाइजेशन ने फोर्टिस अस्पताल से पर्टनरशिप की थी और दिल की जन्मजात बीमारी से परेशान बच्चों के मुफ्त में इलाज की योजना बनाई थी. इस प्रोग्राम का नाम था लिटिल हार्ट प्रोग्राम और इसका अहम उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे वाले बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया करवाना था. जुलाई 2015 तक 849 ऑपरेशन हो चुके थे.
इस संस्थान ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर रेवेन्यु शेयरिंग का एक मॉडल बनाया जिसके कारण बीइंग ह्यूमन से जुड़े सभी प्रोग्राम फंड किए जाते हैं. बीइंग ह्यूमन ब्रांड के अंदर बिकने वाली टीशर्ट, महिलाओं के कपड़े, बच्चों के कपड़े, गहने, चप्पल, इलेक्ट्रिक साइकिल और बकी सब के प्रॉफिट का 5.75 प्रतिशत हिस्सा इस संस्थान को मिलता है.
बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन ने एक नॉन-प्रॉफिट स्कूल अक्षरा हाई-स्कूल, असीम NGO और महाराष्ट्रा प्रबोधन सेवा मंडल से पार्टनरशिप कर 500 बच्चों को सीधे और 4000 बच्चों को किसी न किसी अन्य तरीके से शिक्षा प्रदान करने की कोशिश की है.
ये संस्थान करियर डेवलपमेंट सेंटर भी फंड करती है. इसके लिए NIIT और कोका कोला से पार्टनरशिप की गई है और महाराष्ट्र में कई जिला परिषद शिक्षा केंद्रों को आर्थिक रूप से मदद देती है. साथ ही साथ, इस संस्थान ने 2700 शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों को प्रोजेक्ट वीर के अंतरगत रोजगार दिलाने लायक बनाने के लिए काम किया है. बीइंग ह्यूमन के हर स्टोर में कम से कम एक विकलांग व्यक्ति काम करता है.
ऐसे बना ब्रांड..
2009 में इस संस्थान ने अपने कपड़े HDIL Couture Week 2009 में पेश किए थे. इस दौरान कई फिल्मी सितारों ने शिरकत की थी. सलमान ने ये ब्रांड कॉटन और लिनन कपड़े बनाने वाली कंपनी कॉटनवर्ल्ड के साथ मिलकर लॉन्च किया था. इसकी टीशर्ट ऑफलाइन स्टोर और बुकमायशो के जरिए बेची गई. घड़ियां beinghumanwatches.com के जरिए बेची गई.
इस मामले में सलमान ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कपड़े, घड़ियां, पेंटिंग जो कुछ भी टैलेंट मेरे पास है जो कुछ भी बेचा जा सकता है वो मैं बेचूंगा और इससे कमाया गया सारा पैसा चैरिटेबल फाउंडेशन में जाएगा. फोर्ब्स को दिए एक इंटरव्यू में सलमान ने कहा था कि हम लोगों से डोनेशन नहीं मांग सकते इसलिए हमने कपड़ों की बिक्री शुरू की.
हालांकि, बीइंग ह्यूमन के जरिए कपड़े बेचने का सिलसिला जल्द ही खत्म हो गया था. इसी के साथ, सलमान ने मंधना रिटेल वेंचर लिमिटेड (MRVL) के साथ 2011 में पार्टनरशिप कर बीइंग ह्यूमन के प्रोडक्ट्स बनाने, बेचने और पूरी दुनिया में फैलाने का कॉन्ट्रेक्ट किया. ये 2028 तक के लिए है.
मंधना रिटेल वेंचर इसके अलावा, आदित्य बिरला नुवो (लुई फिलीप, पीटर इंग्लैंड और एलन सोली बनाने वाले), पैंटालून और ITC (विल्स लाइफस्टाइल के कपड़े बनाने वाले) के लिए भी काम करती है. इनके ग्लोबल ग्राहकों में टॉमी हिलफिगर, ऑल सेंट्स, सिमिंट, कोलिन्स और पेपे जीन्स जैसे ब्रांड हैं. दिसंबर 2017 तक ये ब्रांड 15 देशों में 600 से ज्यादा बिक्री के प्वाइंट्स के साथ उपलब्ध था.
इसके अलावा, देश के 45 शहरों में बीइंग ह्यूमन के एक्सक्लूसिव स्टोर्स भी हैं. ये स्टोर्स, डिस्ट्रिब्यूटर और ऑनलाइन पोर्टल की मदद से बिक्री करता है. मंधना की मदद से ये ब्रांड देश की टियर 2 और टियर 3 शहरों में पहुंचने में कामयाब रहा. ये ब्रांड पश्चिमी एशिया और फ्रांस में काफी लोकप्रिय है. लैंडमार्क ग्रुप के साथ पश्चिमी एशिया के बिजनेस के लिए बीइंग ह्यूमन की एक्सक्लूसिव डील भी हुई है. 2016-17 में मंधना ग्रुप ने 216 करोड़ की सेल्स की थी और इसका प्रॉफिट 20.02 करोड़ का था.
पर क्या काले हिरण के मामले में सज़ा होने से सलमान का किया कराया सारा काम मिट्टी में मिल जाएगा. क्या 10 साल की मेहनत और बीइंग ह्यूमन ब्रांड की सफलता पीछे छूट जाएगी? शायद नहीं! ऐसा इंडस्ट्री के दिग्गज मानते हैं, खासकर अगर सलमान को बेल मिल जाती है तो. अगर सलमान ज्यादा समय के लिए जेल के अंदर रहते हैं तो ये बात कंपनी और बीइंग ह्यूमन ब्रांड को थोड़ा मुश्किल में तो डालेगी, लेकिन इसका असर लंबे समय तक नहीं रहेगा.
(बिजनेस टुडे से साभार)
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