1 फरवरी को मोदी सरकार अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेगी. हर बार की तरह इस बार भी लोगों में उत्सुकता है कि सरकार के पिटारे से क्या निकलेगा. 9 नवंबर की नोटबंदी के बाद से वैसे भी लोग मोदी सरकार की नीतियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.
बजट के पहले के वित्त मंत्री ने जो भाषण दिया उससे कुछ बातें निकल कर सामने आई हैं. आइए आपको बताते हैं कि क्या बदलाव या बातें सरकार इस बार के अपने बजट में पेश कर सकती है.
1- नोटबंदी9 नवंबर से नोटबंदी लागू करने के बाद से सरकार ने कैशलेस इकोनॉमी पर जोर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री टैक्स में कमी की घोषणा कर सकते हैं. साथ ही कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट पर कई तरह के इंसेन्टिव भी देने की शुरुआत हो सकती है.
2- GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) 2017-18 के बजट में GST को लागू करने की घोषणा की जा सकती है. GST सिर्फ यूपीए सरकार के लिए ही नहीं बल्कि मोदी सरकार के लिए भी एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसके लागू होने के बाद पूरे देश के कैपिटल मार्केट में एक सी टैक्स वैल्यू लागू हो जाएगी.
3- इनकम टैक्सGST लागू करने के बाद सरकार डायरेक्ट टैक्स में भी बदलाव कर सकती है. लोग ज्यादा से ज्यादा बैंकों में अपने पैसे डालें इसके लिए टैक्स स्लैब के साथ-साथ इनकम टैक्स के सेक्शन 80 C में भी बदलाव कर सकती है. हो सकता है कि एफडी, इंश्योरेंस प्रीमियमों और म्यूचुअल फंड में निवेश के टैक्स ब्रेक को 1,50,000 से बढ़ाकर 2,00,000 करने की घोषणा हो सकती है.
4- कॉरपोरेट टैक्ससरकार कॉरपोरेट टैक्स रेट्स को 1.25-1.5 फीसदी से 28.75-28.5 फीसदी तक कम कर सकती है.
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1 फरवरी को मोदी सरकार अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेगी. हर बार की तरह इस बार भी लोगों में उत्सुकता है कि सरकार के पिटारे से क्या निकलेगा. 9 नवंबर की नोटबंदी के बाद से वैसे भी लोग मोदी सरकार की नीतियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.
बजट के पहले के वित्त मंत्री ने जो भाषण दिया उससे कुछ बातें निकल कर सामने आई हैं. आइए आपको बताते हैं कि क्या बदलाव या बातें सरकार इस बार के अपने बजट में पेश कर सकती है.
1- नोटबंदी9 नवंबर से नोटबंदी लागू करने के बाद से सरकार ने कैशलेस इकोनॉमी पर जोर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री टैक्स में कमी की घोषणा कर सकते हैं. साथ ही कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट पर कई तरह के इंसेन्टिव भी देने की शुरुआत हो सकती है.
2- GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) 2017-18 के बजट में GST को लागू करने की घोषणा की जा सकती है. GST सिर्फ यूपीए सरकार के लिए ही नहीं बल्कि मोदी सरकार के लिए भी एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसके लागू होने के बाद पूरे देश के कैपिटल मार्केट में एक सी टैक्स वैल्यू लागू हो जाएगी.
3- इनकम टैक्सGST लागू करने के बाद सरकार डायरेक्ट टैक्स में भी बदलाव कर सकती है. लोग ज्यादा से ज्यादा बैंकों में अपने पैसे डालें इसके लिए टैक्स स्लैब के साथ-साथ इनकम टैक्स के सेक्शन 80 C में भी बदलाव कर सकती है. हो सकता है कि एफडी, इंश्योरेंस प्रीमियमों और म्यूचुअल फंड में निवेश के टैक्स ब्रेक को 1,50,000 से बढ़ाकर 2,00,000 करने की घोषणा हो सकती है.
4- कॉरपोरेट टैक्ससरकार कॉरपोरेट टैक्स रेट्स को 1.25-1.5 फीसदी से 28.75-28.5 फीसदी तक कम कर सकती है.
5- रेलवेइस साल से रेलवे बजट, आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा. माना जा रहा है कि यात्रियों के पॉकेट पर बोझ बढ़ सकता है. सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक फंड बनाया है- राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष. इस कोष के लिए पैसे यात्रियों से वसूले जा सकते हैं जो रेल का टिकट बुक कराते समय ही काट लिए जाएंगे.
6- खेतीनोटबंदी के फैसले की मार सबसे ज्यादा देश के किसानों ने झेली है. बुआई के समय में किसानों के पास बीज और खाद खरीदने के पैसे नहीं थे. सरकार उनके इस दर्द पर मरहम लगाने के मूड में दिख रही है.
7- मैन्यूफैक्चरिंगपीएम मोदी की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' योजना को बढ़ावा देने के लिए सरकार टैक्स इंसेंटिव की घोषणा कर सकती है. मेक इन इंडिया के जरिए सरकार देश में चमड़ा, रत्नाभूषणों के क्षेत्र में नए रोजगार पैदा करने, मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा देना चाहती है.
8- विदेशी निवेशसरकार विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नियम ला सकती है. FDI, वेन्चर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी में बढ़ावा देने के लिए लुभावने प्रस्ताव लाए जा सकते हैं.
9- स्टार्ट अप2017 के आम बजट में स्टार्ट अप कंपनियों के लिए कई खुशखबरियां हो सकती हैं. देश में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने और उनको प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं की घोषणा हो सकती है. साथ ही टैक्स-फ्री व्यवस्था को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर सकती है.
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