पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई अब अपने पद से हट रही हैं. दुनिया की सबसे बड़ी बेवरेज कंपनी इंदिरा नूई 12 साल से पेप्सिको की सीईओ थीं और कंपनी में 24 साल से हैं. वो 2019 तक चेयरमैन की भूमिका में रहेंगी ताकि कंपनी में काम सही तरह से चल सके. इंदिरा के बाद रामॉन लागुर्ता पेप्सिको की नई सीईओ बनेंगी.
चेन्नई में जन्मी इंदिरा को हमेशा दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में गिना जाता है, उनके बिजनेस सेंस की तारीफ की जाती है और उन्हें लोग किसी सुपरवुमेन के कम नहीं समझते, लेकिन क्या कोई ये जानता है कि एक इंसान के तौर पर इंदिरा कैसी हैं? अपने परिवार, दोस्त और कर्मचारियों के लिए इंदिरा कैसी हैं?
कैसे निभाया एक मां और एक पत्नी का किरदार..
जहां तक इंदिरा नूई की बात है तो वो एक बेहद दमदार महिला हैं और उन्हें देखकर लगता है कि वो अपने हर रोल में बेहतरीन तरीके से काम करती हैं. लेकिन यही शायद हमारी गलती है. हम महिलाओं को सुपर वुमेन समझने लगते हैं कि वो अपने घर, ऑफिस, पति और बच्चों सभी को बेहतर तरीके से मैनेज कर ही लेंगी, लेकिन ऐसा होता नहीं है.
इंदिरा नूई ने सबके सामने अपनी इस कमी को स्वीकारा और ये भी बताया कि आखिर सब कुछ करने के लिए क्या करना चाहिए. उन्होंने बड़ी सहजता से कहा कि महिलाओं के मामले में बायोलॉजिकल क्लॉक और करियर क्लॉक दोनों एक साथ चलती हैं और यकीनन वो जिंदगी में भूचाल ला देगी. जब बच्चे होते हैं उसी समय करियर भी बनाना होता है और जब आप करियर में तरक्की करने लगते हैं तब बच्चों को भी आपकी जरूरत होती है क्योंकि वो भी बड़े हो रहे हैं. उस समय पति को भी आपकी ज्यादा जरूरत होती है. उस समय माता-पिता को भी जरूरत होती है क्योंकि वो बूढ़े हो रहे हैं. तो कुछ मिलाकर आपकी हालत खराब हो जाती है.
इंदिरा ने माना कि वो सुपर वुमेन नहीं हैं और यकीनन कई मौकों पर एक...
पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई अब अपने पद से हट रही हैं. दुनिया की सबसे बड़ी बेवरेज कंपनी इंदिरा नूई 12 साल से पेप्सिको की सीईओ थीं और कंपनी में 24 साल से हैं. वो 2019 तक चेयरमैन की भूमिका में रहेंगी ताकि कंपनी में काम सही तरह से चल सके. इंदिरा के बाद रामॉन लागुर्ता पेप्सिको की नई सीईओ बनेंगी.
चेन्नई में जन्मी इंदिरा को हमेशा दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में गिना जाता है, उनके बिजनेस सेंस की तारीफ की जाती है और उन्हें लोग किसी सुपरवुमेन के कम नहीं समझते, लेकिन क्या कोई ये जानता है कि एक इंसान के तौर पर इंदिरा कैसी हैं? अपने परिवार, दोस्त और कर्मचारियों के लिए इंदिरा कैसी हैं?
कैसे निभाया एक मां और एक पत्नी का किरदार..
जहां तक इंदिरा नूई की बात है तो वो एक बेहद दमदार महिला हैं और उन्हें देखकर लगता है कि वो अपने हर रोल में बेहतरीन तरीके से काम करती हैं. लेकिन यही शायद हमारी गलती है. हम महिलाओं को सुपर वुमेन समझने लगते हैं कि वो अपने घर, ऑफिस, पति और बच्चों सभी को बेहतर तरीके से मैनेज कर ही लेंगी, लेकिन ऐसा होता नहीं है.
इंदिरा नूई ने सबके सामने अपनी इस कमी को स्वीकारा और ये भी बताया कि आखिर सब कुछ करने के लिए क्या करना चाहिए. उन्होंने बड़ी सहजता से कहा कि महिलाओं के मामले में बायोलॉजिकल क्लॉक और करियर क्लॉक दोनों एक साथ चलती हैं और यकीनन वो जिंदगी में भूचाल ला देगी. जब बच्चे होते हैं उसी समय करियर भी बनाना होता है और जब आप करियर में तरक्की करने लगते हैं तब बच्चों को भी आपकी जरूरत होती है क्योंकि वो भी बड़े हो रहे हैं. उस समय पति को भी आपकी ज्यादा जरूरत होती है. उस समय माता-पिता को भी जरूरत होती है क्योंकि वो बूढ़े हो रहे हैं. तो कुछ मिलाकर आपकी हालत खराब हो जाती है.
इंदिरा ने माना कि वो सुपर वुमेन नहीं हैं और यकीनन कई मौकों पर एक बेहतर मां या एक बेहतर पत्नी नहीं बन पाई हैं.
इसके साथ ही इंदिरा कहती हैं कि हर बात को मैनेज करने के लिए अपने परिवार और अपने ऑफिस वालों को ट्रेनिंग देना जरूरी है.
अगर इंदिरा नूई के व्यक्तित्व की बात करें तो इससे साबित होता है कि वो कोई और बनने की कोशिश नहीं करतीं बल्कि अपने ही हालात को बेहतर बनाने की और मैनेज करने की कोशिश करती हैं. शायद यही कारण है कि इंदिरा 12 सालों तक पेप्सिको की टॉप पोजीशन पर रही हैं.
अपनी खूबियों को कभी कम नहीं होने दिया..
इंदिरा नूई भले ही एक कॉर्पोरेट की तरह लगती हों और ऐसा लगता हो कि उन्हें सिर्फ काम की चिंता है तो ऐसा नहीं है. इंदिरा ने हमेशा अपनी खूबी और आदतों को भी आगे रखा. इंदिरा के कुछ बेहतरीन हुनर में से एक है गिटार बजाना. जब वो पढ़ाई कर रही थीं तब रॉक बैंड में गिटार बजाती थीं और क्रिकेट में महारत हासिल कर चुकी थीं. IIM-C से एमबीए करने के बाद Yale SOM यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने चली गईं. वहां पैसे की कमी होने पर रात-दिन काम किया. रिसेप्शनिस्ट रहीं.
वीकएंड पर इंदिरा हमेशा दोस्तों के साथ ताश खेला करती थीं. वो अब भी जब अपने दोस्तों से मिलती हैं तो पुराने दिनों की तरह ही मिलती हैं. उन्हें कैरियोके में गाना बहुत पसंद है और उनके पास कैरियोके मशीन भी है.
इंदिरा की ये बात बताती है कि इंसान चाहें जहां भी पहुंच जाए उसे कभी अपनी जड़ों से नहीं हटना चाहिए. रिसेप्शनिस्ट के तौर पर 50 सेंट्स ज्यादा कमाने वाली इंदिरा की मिलकियत अब 144 मिलियन डॉलर की मालकिन हैं.
इंदिरा नूई ने अपनी राह आसान बनाई है. हम सबकी तरह वो भी एक सामान्य लड़की ही थीं, लेकिन असमान्य काबिलियत दिखाने के लिए काफी मुश्किल रास्तों पर चलना पड़ता है. इंदिरा नूई ने वो कर दिखाया.
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