रिलायंस जिओ को लॉन्च हुए एक साल हो गए. इस एक साल में मुकेश अंबानी की बहुचर्चित टेलिकॉम ऑपरेटर ने न सिर्फ 10 करोड़ ग्राहक बना लिए बल्कि देश में टेलीकॉम बाजार को बदल कर रख दिया. एक साल के भीतर ही देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हो जाना कोई मामूली बात नहीं है. हालांकि ये और बात है कि रिलायंस को ये सफलता इतनी आसानी से भी नहीं मिली.
रिलायंस जिओ ने अपने टेलीकॉम को स्थापित करने के लिए 1.9 लाख करोड़ रुपए लगाए थे जिसकी भारपाई अभी तक नहीं हो पाई है. इसके साथ ही कंपनी नए ग्राहकों को जोड़ने में भी ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है लेकिन नतीजा अनुमान के अनुरुप नहीं मिल पा रहा है. जियो ने 'समर सरप्राइज' और 'धन धना धन' के नाम से दो ऑफर शुरु किए थे जिसने लोगों को सबसे ज्यादा अपने झांसे में लिया. हालांकि ये और बात है कि रिलायंस के ये दोनों ही ऑफर ट्राई के नियमों के अनुरुप नहीं थे.
यही नहीं जियो पर नेट न्यूट्रिलिटी लॉ के उल्लंघन के आरोप भी लगे. लेकिन जिओ का असर सिर्फ फ्री वॉयस कॉल और टेलीकॉम बाजार को झकझोर देने तक ही नहीं रहा. यहां आपको वो पांच बातें बताते हैं जिनके जरिए जियो ने भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री को बदल कर रख दिया.
1- दामों में गिरावट-
जियो टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए तो एक बुरे सपने की तरह आया था लेकिन ग्राहकों के लिए ये वरदान ही साबित हुआ. जैसे ही जियो ने बाजार में कदम रखा टेलीकॉम इंडस्ट्री के पहले से स्थापित सारे बड़े खिलाड़ियों में कीमतों को लेकर हड़कंप मच गया. फिर चाहे वो एयरटेल हो, आइडिया या फिर वोडाफोन सभी इस प्राइस वॉर का हिस्सा बन गए.
बाजार में जियो के आते ही न सिर्फ टैरिफ रेट गिर गए बल्कि डाटा पैक और वॉयस कॉल के दाम भी तेजी से नीचे आए. जियो से टक्कर लेने के चक्कर में जो कंपनियां पहले...
रिलायंस जिओ को लॉन्च हुए एक साल हो गए. इस एक साल में मुकेश अंबानी की बहुचर्चित टेलिकॉम ऑपरेटर ने न सिर्फ 10 करोड़ ग्राहक बना लिए बल्कि देश में टेलीकॉम बाजार को बदल कर रख दिया. एक साल के भीतर ही देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हो जाना कोई मामूली बात नहीं है. हालांकि ये और बात है कि रिलायंस को ये सफलता इतनी आसानी से भी नहीं मिली.
रिलायंस जिओ ने अपने टेलीकॉम को स्थापित करने के लिए 1.9 लाख करोड़ रुपए लगाए थे जिसकी भारपाई अभी तक नहीं हो पाई है. इसके साथ ही कंपनी नए ग्राहकों को जोड़ने में भी ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है लेकिन नतीजा अनुमान के अनुरुप नहीं मिल पा रहा है. जियो ने 'समर सरप्राइज' और 'धन धना धन' के नाम से दो ऑफर शुरु किए थे जिसने लोगों को सबसे ज्यादा अपने झांसे में लिया. हालांकि ये और बात है कि रिलायंस के ये दोनों ही ऑफर ट्राई के नियमों के अनुरुप नहीं थे.
यही नहीं जियो पर नेट न्यूट्रिलिटी लॉ के उल्लंघन के आरोप भी लगे. लेकिन जिओ का असर सिर्फ फ्री वॉयस कॉल और टेलीकॉम बाजार को झकझोर देने तक ही नहीं रहा. यहां आपको वो पांच बातें बताते हैं जिनके जरिए जियो ने भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री को बदल कर रख दिया.
1- दामों में गिरावट-
जियो टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए तो एक बुरे सपने की तरह आया था लेकिन ग्राहकों के लिए ये वरदान ही साबित हुआ. जैसे ही जियो ने बाजार में कदम रखा टेलीकॉम इंडस्ट्री के पहले से स्थापित सारे बड़े खिलाड़ियों में कीमतों को लेकर हड़कंप मच गया. फिर चाहे वो एयरटेल हो, आइडिया या फिर वोडाफोन सभी इस प्राइस वॉर का हिस्सा बन गए.
बाजार में जियो के आते ही न सिर्फ टैरिफ रेट गिर गए बल्कि डाटा पैक और वॉयस कॉल के दाम भी तेजी से नीचे आए. जियो से टक्कर लेने के चक्कर में जो कंपनियां पहले ग्राहकों से अंधाधुंध पैसे ऐंठती थी अब सीधा फ्री वॉयस कॉल और डाटा के दाम 1 जीबी के 50 रुपए तक गिर गए.
2- इंटरनेट डाटा क्रांति-
मोबाइल बाजार में जियो की इंट्री के पहले विश्व में डाटा के प्रयोग के मामले में भारत का 155वां नंबर था. लेकिन जियो के आते ही एक महीने के अंदर ही देश डाटा यूज करने वालो में अव्वल नंबर पर पहुंच गया. ये जियो का ही कमाल था कि 20 करोड़ जीबी प्रति महीने इस्तेमाल करने से बढ़कर 150 करोड़ जीबी प्रति माह हो गया. अकेले जियो के उपभोक्ताओं ने 125 करोड़ जीबी डाटा का इस्तेमाल किया.
3- 4G VoLTE वॉयस कॉल क्रांति-
जब टेलीकॉम की बड़ी कंपनियां लोगों को कॉल करने के लिए खुलेआम लूट रही थी. तभी जियो ने बाजार में एंट्री ली और जनता को अपने VoLTE नेटवर्क के जरिए अनलिमिटेड फ्री वॉयस कॉल की सुविधा देकर हड़कंप मचा दिया. विश्लेषकों का मानना है कि लोग जियो की सस्ती डाटा के बदले इस फ्री वॉयस कॉल के पीछे ज्यादा मोहित हुए.
जियो नेटवर्क ने VoLTE फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करते हुए लोगों को जबरदस्त कॉल क्वालिटी मुहैया कराई. इसका नतीजा ये हुआ कि अब सभी टेलीकॉम कंपनियों पर अपना नेटवर्क सुधारने का दबाव बन गया. यही कारण है कि अब एयरटेल और वोडाफोन ने भी अपने ग्राहकों को जल्द ही VoLTE नेटवर्क की सुविधा देने की बात कही है.
4- जियो फाइबर-
अपने फ्री कॉल और सस्ती डाटा सुविधाओं के जरिए टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचाने के बाद अब जियो ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में भी अपने पैर फैलाने वाला है. इसने 6 शहरों- मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, अहमदाबाद, जामनगर, सूरत और वडोदरा में अपने जियोफाइबर का टेस्ट शुरु कर दिया है. कंपनी जियो के स्टाइल में तीन महीने का प्रारंभिक ऑफर दे रही है. इस ऑफर में जियोफाइबर 90 दिनों के लिए 100 एमबीपीएस तक की हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगा. इसको पाने के लिए यूजर को हाई स्पीड के वाई-फाई राउटर के लिए सिर्फ एक बार 4,500 की राशि जमा करानी होगी. खास बात ये है कि ये 4,500 रुपए रिफंडेबल हैं.
वाई-फाई के बाजार में भी जियो की धमक से सभी तत्कालीन खिलाड़ी सहम गए हैं. नतीजतन सभी ने अपने वाई-फाई की स्पीड और डाटा सुविधा दो गुनी कर दी है. ये सारा ताम-झाम इसलिए ताकि जैसे ही जियोफाइबर लॉन्च हो वैसे ही वो उसका मुकाबला कर सकें.
5- नए 4जी स्मार्टफीचर फोन बनाना-
एक साल के अपने बिजनेस में जियो ने जियो फोन बनाकर एक और बड़ा धमाका कर दिया. 21 जुलाई 2017 को हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक जेनरल मीटिंग (एजीएम) में मुकेश अंबानी ने 4जी से लैस जियो फोन को फ्री में देने की बात कहकर सभी को चारों खाने चित्त कर दिया. जियो के फोन लॉन्च करने के पीछे का मकसद देश में 2जी और 3जी का इस्तेमाल कर रहे 50 करोड़ लोगों को अपनी तरफ खींचना है. हालांकि ये फोन अभी तक बाजार में नहीं आया है. ऐसा माना जा रहा है कि इसकी पहली खेप 21 सितम्बर 2017 को दुकानों में पहुंचेगी.
जियो के इस स्मार्टफोन का फायदा भी सीधा उपभोक्ताओं को मिलने वाला है. जियो के कम कीमत वाले 4जी फोन के लॉन्च करते ही इंटेक्स और लावा जैसी कंपनियां कम दामों में 4जी फोन बाजार में ला रही हैं. साथ ही एयरटेल और वोडाफोन भी इसमें कूद पड़ी है और उन्होंने 2500 रुपए के स्मार्टफोन लाने की घोषणा कर दी है.
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