बजट बनाना और उसके हिसाब से खर्च न करना शायद अधिकतर युवाओं की आदत होती है. कमाना और खर्च करना सही है, लेकिन बिना बजट पर ध्यान दिए या फ्यूचर की सोचे खर्च कर देना सही भी नहीं है. कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं जो हमारा बजट आसानी से बिगाड़ सकती हैं.
1. बिना प्लानिंग वेकेशन
वेकेशन प्लानिंग भी जरूरी है. हां ये बात सही है कि लास्ट मिनट पर प्लान बनता है और वही प्लान सक्सेसफुल होता है, लेकिन इसके लिए पहले से भी प्लानिंग की जा सकती है. जैसे अगर कहीं विदेश का प्लान बना है तो क्रेडिट कार्ड या ट्रैवल कार्ड से खर्च करना ज्यादा फायदेमंद साबित होगा. लास्ट मिनट प्लान में भी अगर थोड़ी सी समझदारी से काम लिया जाए तो बेहतर बजट में ट्रिप पूरी हो सकती है. इसके लिए खाने-पीने के रेस्त्रां आदि सर्च कर लें, लोकल ट्रांसपोर्ट पर भरोसा करें, जहां जा रहे हैं वहां का ऑफलाइन गूगल मैप हमेशा डाउनलोड कर रख लें.
2. शादी का खर्च
बिना सोचे समझे ड्रीम वेडिंग में खर्च करना सही नहीं है. आज के जमाने में शादी जैसी चीज के लिए अगर फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की है तो यकीनन ये एक खराब बात साबित हो सकती है. शादी, एक्जॉटिक हनीमून आदि के लिए बेहतर है SIP करवाना. इसके लिए रिसर्च कर, किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें जो आपकी जरूरत के हिसाब से इन्वेस्टमेंट प्लान की जानकारी दे सके.
3. इन्वेस्टमेंट की जगह सिर्फ एफडी पर भरोसा करना
एक ऐसा देश जहां 60 लाख करोड़ से ज्यादा पैसा एफडी, इंश्योरेंस इन्वेस्टमेंट और ऐसे ही प्लान में जहां है (सोर्स- Quora). उस देश में क्या वाकई एफडी में पैसा डालना और उसे फंसा कर रखना सही है? न ही वो महंगाई से लड़ने में कारगर है और न ही उससे कोई कमाई दो गुनी और चार गुनी होती है. एफडी, पीपीएफ और प्रॉपर्टी...
बजट बनाना और उसके हिसाब से खर्च न करना शायद अधिकतर युवाओं की आदत होती है. कमाना और खर्च करना सही है, लेकिन बिना बजट पर ध्यान दिए या फ्यूचर की सोचे खर्च कर देना सही भी नहीं है. कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं जो हमारा बजट आसानी से बिगाड़ सकती हैं.
1. बिना प्लानिंग वेकेशन
वेकेशन प्लानिंग भी जरूरी है. हां ये बात सही है कि लास्ट मिनट पर प्लान बनता है और वही प्लान सक्सेसफुल होता है, लेकिन इसके लिए पहले से भी प्लानिंग की जा सकती है. जैसे अगर कहीं विदेश का प्लान बना है तो क्रेडिट कार्ड या ट्रैवल कार्ड से खर्च करना ज्यादा फायदेमंद साबित होगा. लास्ट मिनट प्लान में भी अगर थोड़ी सी समझदारी से काम लिया जाए तो बेहतर बजट में ट्रिप पूरी हो सकती है. इसके लिए खाने-पीने के रेस्त्रां आदि सर्च कर लें, लोकल ट्रांसपोर्ट पर भरोसा करें, जहां जा रहे हैं वहां का ऑफलाइन गूगल मैप हमेशा डाउनलोड कर रख लें.
2. शादी का खर्च
बिना सोचे समझे ड्रीम वेडिंग में खर्च करना सही नहीं है. आज के जमाने में शादी जैसी चीज के लिए अगर फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की है तो यकीनन ये एक खराब बात साबित हो सकती है. शादी, एक्जॉटिक हनीमून आदि के लिए बेहतर है SIP करवाना. इसके लिए रिसर्च कर, किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें जो आपकी जरूरत के हिसाब से इन्वेस्टमेंट प्लान की जानकारी दे सके.
3. इन्वेस्टमेंट की जगह सिर्फ एफडी पर भरोसा करना
एक ऐसा देश जहां 60 लाख करोड़ से ज्यादा पैसा एफडी, इंश्योरेंस इन्वेस्टमेंट और ऐसे ही प्लान में जहां है (सोर्स- Quora). उस देश में क्या वाकई एफडी में पैसा डालना और उसे फंसा कर रखना सही है? न ही वो महंगाई से लड़ने में कारगर है और न ही उससे कोई कमाई दो गुनी और चार गुनी होती है. एफडी, पीपीएफ और प्रॉपर्टी आदि में इन्वेस्टमेंट सबसे बेहतर हमारे मां-पापा के जमाने में था, लेकिन अब इसके अलावा भी कई स्कीम हैं.
4. इंश्योरेंस न करवाना
यहां सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस की बात नहीं हो रही है. पापा की सीख थी कि LIC इंश्योरेंस हमेशा करवा कर रखिए, लेकिन सिर्फ क्या इंश्योरेंस से ही बात बन जाती है? जीवनबीमा की जगह इस समय हेल्थ इंश्योरेंस, गाड़ी इंश्योरेंस, ट्रैवल इंश्योरेंस, हाउस इंश्योरेंस ज्यादा जरूरी है. कोई भी बीमारी आसानी से आपके बजट को बिगाड़ सकती है अगर आपके पास इंश्योरेंस नहीं है तो. अमेरिका जैसे देश में हेल्थ इंश्योरेंस लगभग 95% लोगों के पास होता है क्योंकि वहां इलाज का खर्च ही इतना महंगा है, लेकिन अपने ऑफिस के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के अलावा, अधिकतर युवा कोई और मेडिकल प्लान लेने के बारे में नहीं सोच पाते.
5. सेविंग्स अकाउंट में पैसा जोड़कर रखना
लगभग 25 लाख करोड़ रुपए भारत देश में सेविंग्स अकाउंट में पड़े हुए हैं. इसमें 2.5 से 3 प्रतिशत तक का रिटर्न ही मिलता है. अगर बहुत बड़ा कोई रिस्क नहीं भी लेना तो भी कई ऐसे तरीके हैं जिनसे बेहतर रिटर्न लिया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस मंथली स्कीम, पेमेंट बैंक इन्वेस्टमेंट, स्वीप इन अकाउंट आदि वाकई किफायती इन्वेस्टमेंट ऑप्शन साबित हो सकते हैं.
6. सोना खरीद लेना
सोना खरीदना कोई बेहतर इन्वेस्टमेंट तो नहीं माना जा सकता. सोने की कीमत घटती और बढ़ती रहती है. भारत में सोना खरीदना एक ट्रेडिशन है और इसे सिर्फ पर्सनल इस्तेमाल के लिए ही नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट के तौर पर भी देखा जाता है. सोना खरीदकर उसे सहेज कर रख लेना किसी भी मामले में स्मार्ट इन्वेस्टमेंट नहीं कहा जाएगा.
7. थोड़ा सा भी रिस्क न लेना
रिस्क न लेना ही सबसे बड़ा रिस्क है. हिंदुस्तान एक विकाशशील देश है और यहां वाकई रिटर्न मिलने की गुंजाइश काफी ज्यादा है. ऐसे में अगर बिना कोई रिस्क लिए पैसे को सिर्फ बैंक अकाउंट की शोभा बढ़ाने के लिए रखेंगे तो यकीनन फायदे ये ज्यादा नुकसान ही होगा.
ये भी पढ़ें-
नोटबंदी का एक बड़ा फायदा अब नजर आ रहा है!
भारत जैसे देश में 'वन नेशन - वन टैक्स' एक जुमला है, क्योंकि...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.