3 साल में तीसरा बैंक घोटाला, आम भाषा में लोग तो यही कहते हैं, भले ही सरकारी भाषा में उसे रिस्ट्रक्चरिंग, टेकओवर, मर्जर फलां..फलां.. कुछ भी कहा जाए. बैंकों की खस्ता हालत की पोल पट्टी पीएनबी वाले नीरव मोदी के मामले से जो खुलना शुरू हुई वो अब कपूर खानदान के यस बैंक (Yes Bank crisis) तक आ पहुंची है. 17 साल पुराना यस बैंक जिसके एटीएम, नेटबैंकिंग सर्वर, और मोबाइल बैकिंग ऐप सभी 'नो' 'नो' 'नो' कर रहे हैं. गुरुवार की रात से ही यस बैंक के हर एटीएम के बाहर नोटबंदी जैसा नजारा था. और अंदर कैश की खाली ट्रे को खंगाल कर सिर्फ पर्ची देने वाली एटीएम मशीन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही, आरबीआई के गवर्नर ने भी भरोसा दिलाया है कि खाताधारकों का पैसा नहीं डूबेगा. चिंता न करें. लेकिन चिंता करना तो बनता है. साल 2017 पीएनबी (PNB) के नाम रहा, 2018 आईएलएफएस (IL&FS), 2019 में महाराष्ट्र का पीएमसी (PMC) और अब साल 2020 में बैंकिंग सेक्टर के लिए यस बैंक एक नई चुनौती बन गया है.
Yes Bank vs depositor: राहत और आफत की बातें
-राहत की बात ये है कि आपका पैसा डूबेगा नहीं. वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर ने इसका भरोसा दिलाया है.
-यस बैंक के ग्राहक 5 मार्च से 3 अप्रैल के बीच 50 हजार रुपए तक निकाल पाएंगे.
-किसी ग्राहक के पास 4 अकाउंट है तो वह सभी खातों को मिलाकर भी सिर्फ 50,000 रुपए ही निकाल सकता है.
-इमरजेंसी में 5 लाख रुपए तक निकालने की सुविधा दी गई है. हालांकि, इसके लिए भी प्रक्रिया आसान नहीं है. ऐसा करने वाले को सक्षम अथॉरिटी से अप्रूवल लेना होगा.
-ईएमआई के मामले में ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर एक...
3 साल में तीसरा बैंक घोटाला, आम भाषा में लोग तो यही कहते हैं, भले ही सरकारी भाषा में उसे रिस्ट्रक्चरिंग, टेकओवर, मर्जर फलां..फलां.. कुछ भी कहा जाए. बैंकों की खस्ता हालत की पोल पट्टी पीएनबी वाले नीरव मोदी के मामले से जो खुलना शुरू हुई वो अब कपूर खानदान के यस बैंक (Yes Bank crisis) तक आ पहुंची है. 17 साल पुराना यस बैंक जिसके एटीएम, नेटबैंकिंग सर्वर, और मोबाइल बैकिंग ऐप सभी 'नो' 'नो' 'नो' कर रहे हैं. गुरुवार की रात से ही यस बैंक के हर एटीएम के बाहर नोटबंदी जैसा नजारा था. और अंदर कैश की खाली ट्रे को खंगाल कर सिर्फ पर्ची देने वाली एटीएम मशीन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही, आरबीआई के गवर्नर ने भी भरोसा दिलाया है कि खाताधारकों का पैसा नहीं डूबेगा. चिंता न करें. लेकिन चिंता करना तो बनता है. साल 2017 पीएनबी (PNB) के नाम रहा, 2018 आईएलएफएस (IL&FS), 2019 में महाराष्ट्र का पीएमसी (PMC) और अब साल 2020 में बैंकिंग सेक्टर के लिए यस बैंक एक नई चुनौती बन गया है.
Yes Bank vs depositor: राहत और आफत की बातें
-राहत की बात ये है कि आपका पैसा डूबेगा नहीं. वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर ने इसका भरोसा दिलाया है.
-यस बैंक के ग्राहक 5 मार्च से 3 अप्रैल के बीच 50 हजार रुपए तक निकाल पाएंगे.
-किसी ग्राहक के पास 4 अकाउंट है तो वह सभी खातों को मिलाकर भी सिर्फ 50,000 रुपए ही निकाल सकता है.
-इमरजेंसी में 5 लाख रुपए तक निकालने की सुविधा दी गई है. हालांकि, इसके लिए भी प्रक्रिया आसान नहीं है. ऐसा करने वाले को सक्षम अथॉरिटी से अप्रूवल लेना होगा.
-ईएमआई के मामले में ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर एक या एक से ज्यादा ईएमआई की रकम 50 हजार से ज्यादा हुई तो दिक्कत हो सकती है.
-नेटबैंकिंग बंद, एटीएम खाली, PhonePe ने भी काम करना बंद किया
Yes Bank vs investor: राहत और आफत की बातें
-यस बैंक को निवेशक लगातार 'नो-नो' कह रहे हैं.
-शुक्रवार को बैंक के शेयर 55 फीसदी तक टूटे, गुरुवार को ये 27 फीसदी लुढ़के थे.
-यस बैंक की ओर मदद का हाथ बढ़ाने वाले एसबीआई (SBI) बैंक के शेयर भी लुढ़के हैं.
-यस बैंक की वजह से महज 1 मिनट में निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए.
-बीएसई में यस बैंक का मार्केट कैपिटल 5,266.23 करोड़ रुपये से घटकर 4,131.77 करोड़ रुपये रह गया है.
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Yes Bank vs RBI/Govt: राहत और आफत की बातें
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक एसबीआई ने हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. नया बोर्ड री-स्ट्रक्चरिंग प्लान के बाद टेकओवर करेगा.
-सरकार बैंक के लिए जल्द ही रिजोल्यूशन प्लान लेकर आएगी.
-आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंक से जुड़े मुद्दों का समाधान 30 दिन के अंदर हो जाएगा.
-इस दौरान बैंक कोई नीति या संपत्ति से जुड़ा कोई कदम नहीं उठा पाएगा.
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