स्ट्रिक्ट दिखने वाले पापा से बेटों को अक्सर शिकायतें होती हैंं. लेकिन फादर्स डे के मौके पर बनाई गईं ये शॉर्ट फिल्म देखकर आप अपने सारे शिकवे भुला देंगे.
पिता बेटियों के हीरो होते हैं, वहीं बेटों की प्रेरणा भी. लेकिन सिर्फ जेनेरेशन गैप है जिसकी वजह से बच्चे हमेशा यही कहते हैं कि 'पापा हमारी जेनेरेशन को समझ ही नहीं सकते !' या फिर 'पापा को कौन समझाए!!' कई बार तो घर का मुखिया कहलाने वाला ये व्यक्ति 'एंग्री यंग मैन' सा लगने लगता है. कड़क स्वाभाव, हर चीज में रोक-टोक, फिजूलखर्च पर लैक्चर, अच्छे नंबर न लाने पर किच-किच, दोस्तों पर सलाह..और न जाने क्या-क्या. पापा की डांट से बचाने वाली मां, हमेशा बच्चों की फेवरेट रहती है और स्ट्रिक्ट पापा धीरे-धीरे बच्चों से दूर होते जाते हैं, खासकर बेटों से.
बेटियों से ज्यादा बेटों को होती है पापा से शिकायत
कुछ भी हो लेकिन ये पापा अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं, भले ही कभी कहते नहीं लेकिन उनका दिल ही जानता है कि उसमें कितना प्यार भरा है. मां तो आंसू छलकाकर अपना प्यार दुलार दिखा देती है, लेकिन पिता अपनी भावनाएं आसानी से नहीं दिखाते. पिता की नजरों से दूर जाकर देखना कभी, दुनिया की नजरों से वो अपने आंसू छिपाते दिख जाएंगे. ये स्ट्रिक्ट पापा भी छिपकर रोते हैं अपने बच्चों के लिए. हां थोड़ा डांटते हैं, तो कोई बात नहीं..लेकिन पापा सिर्फ अपने बच्चों के लिए ही सोचते हैं.
ये वीडियो देखिए, शायद पापा और आपके बीच का फासला खत्म कर दे-
बेटे अक्सर अपने पिता को अपने दिल की बात समझा नहीं पाते, और शायद पिता के भावों को समझ नहीं पाते. और ये एक सच्चाई है कि, उन्हें इस बात का अहसास तब होता है जब वो खुद पिता बनते हैं. पिता बनकर ही वो पिता को सबसे ज्यादा समझ पाते हैं.
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पिता बेटियों के हीरो होते हैं, वहीं बेटों की प्रेरणा भी. लेकिन सिर्फ जेनेरेशन गैप है जिसकी वजह से बच्चे हमेशा यही कहते हैं कि 'पापा हमारी जेनेरेशन को समझ ही नहीं सकते !' या फिर 'पापा को कौन समझाए!!' कई बार तो घर का मुखिया कहलाने वाला ये व्यक्ति 'एंग्री यंग मैन' सा लगने लगता है. कड़क स्वाभाव, हर चीज में रोक-टोक, फिजूलखर्च पर लैक्चर, अच्छे नंबर न लाने पर किच-किच, दोस्तों पर सलाह..और न जाने क्या-क्या. पापा की डांट से बचाने वाली मां, हमेशा बच्चों की फेवरेट रहती है और स्ट्रिक्ट पापा धीरे-धीरे बच्चों से दूर होते जाते हैं, खासकर बेटों से.
बेटियों से ज्यादा बेटों को होती है पापा से शिकायत
कुछ भी हो लेकिन ये पापा अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं, भले ही कभी कहते नहीं लेकिन उनका दिल ही जानता है कि उसमें कितना प्यार भरा है. मां तो आंसू छलकाकर अपना प्यार दुलार दिखा देती है, लेकिन पिता अपनी भावनाएं आसानी से नहीं दिखाते. पिता की नजरों से दूर जाकर देखना कभी, दुनिया की नजरों से वो अपने आंसू छिपाते दिख जाएंगे. ये स्ट्रिक्ट पापा भी छिपकर रोते हैं अपने बच्चों के लिए. हां थोड़ा डांटते हैं, तो कोई बात नहीं..लेकिन पापा सिर्फ अपने बच्चों के लिए ही सोचते हैं.
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बेटे अक्सर अपने पिता को अपने दिल की बात समझा नहीं पाते, और शायद पिता के भावों को समझ नहीं पाते. और ये एक सच्चाई है कि, उन्हें इस बात का अहसास तब होता है जब वो खुद पिता बनते हैं. पिता बनकर ही वो पिता को सबसे ज्यादा समझ पाते हैं.
लेकिन अपने पापा से अपने दिल की सारी बातें कहने का और सारा प्यार जताने अगर कोई भी मौका मिलता है तो उसे तुरंत कह डालिए..इससे पहले कि देर हो जाए. ये वीडियो शायद यही समझा रहा है.
यूं तो हमारे देश में हर दिन की शुरूआत माता-पिता के आशीर्वाद के साथ ही होती है लेकिन पश्चिमी सभ्यता ने हमें कुछ ऐसे दिन दिए हैं जब हम अपने अपनों को स्पेशल फील करा सकते हैं. ऐसा ही एक दिन है फादर्स डे. पापा का प्यार और फिक्र अनमोल है. फिर भी फादर्स डे आपको अपने भीतर झांकने का अवसर देता है, और पापा को उनके हिस्से की खुशी देने का भी.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.