फर्जी दस्तावेज बनाना पहले भी कानूनन अपराध था और आज भी है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि इन दिनों ये सब करने की छूट सी मिल गई है. ट्विटर पर एक के बाद एक कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जो खुलेआम फर्जी दस्तावेज बना रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि सरकार उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकती है. बिगाड़ेगी कैसे, चुनौती तो एक सरकारी अधिकारी ने ही दी है. इसकी शुरुआत हुई है ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा की चुनौती के बाद, जिसमें उन्होंने अपना आधार नंबर शेयर किया था. उसके बाद से लेकर अब तक बहुत सारे लोग कानून हाथ में ले चुके हैं और उसका सबूत खुद ही ट्विटर पर पेश भी कर चुके हैं.
खतरनाक मोड़ ले चुकी है ये चुनौती
आरएस शर्मा ने ट्विटर पर अपना आधार नंबर शेयर किया और चुनौती दे डाली कि किसी में दम है तो उनके आधार नंबर के दम पर कोई नुकसान पहुंचा कर दिखाए. बस फिर क्या था, हैकर्स के अंदर का शैतान जाग गया और उन्होंने आरएस शर्मा की निजी जानकारियां खोदना शुरू कर दिया है. लेकिन देखते ही देखते ये मामला हैकिंग से हटकर फर्जीवाड़े की ओर चल पड़ा है. एक ट्विटर यूजर ने तो आरएस शर्मा का फर्जी आधार तक बनाकर दिखा दिया. इतना ही नहीं, उसने उनके फर्जी आधार से फेसबुक ऐड और अमेजन पर रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है. यूजर का कहना है कि इस आधार के दम पर कोई डोमेन नेम भी खरीदा जा सकता है.
गैर कानूनी काम को बढ़ावा दे रहे आरएस शर्मा !
इस तरह के गैर कानूनी काम करने की हिम्मत को खुद आरएस शर्मा की बढ़ावा दे रहे हैं. जब भी कोई हैकर या अन्य ट्विटर यूजर उनकी जानकारियां निकालने की बात करता है तो वह साफ कह रहे हैं कि आप बेझिझक ऐसा करो... मैं आपके खिलाफ कोई एक्शन नहीं...
फर्जी दस्तावेज बनाना पहले भी कानूनन अपराध था और आज भी है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि इन दिनों ये सब करने की छूट सी मिल गई है. ट्विटर पर एक के बाद एक कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जो खुलेआम फर्जी दस्तावेज बना रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि सरकार उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकती है. बिगाड़ेगी कैसे, चुनौती तो एक सरकारी अधिकारी ने ही दी है. इसकी शुरुआत हुई है ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा की चुनौती के बाद, जिसमें उन्होंने अपना आधार नंबर शेयर किया था. उसके बाद से लेकर अब तक बहुत सारे लोग कानून हाथ में ले चुके हैं और उसका सबूत खुद ही ट्विटर पर पेश भी कर चुके हैं.
खतरनाक मोड़ ले चुकी है ये चुनौती
आरएस शर्मा ने ट्विटर पर अपना आधार नंबर शेयर किया और चुनौती दे डाली कि किसी में दम है तो उनके आधार नंबर के दम पर कोई नुकसान पहुंचा कर दिखाए. बस फिर क्या था, हैकर्स के अंदर का शैतान जाग गया और उन्होंने आरएस शर्मा की निजी जानकारियां खोदना शुरू कर दिया है. लेकिन देखते ही देखते ये मामला हैकिंग से हटकर फर्जीवाड़े की ओर चल पड़ा है. एक ट्विटर यूजर ने तो आरएस शर्मा का फर्जी आधार तक बनाकर दिखा दिया. इतना ही नहीं, उसने उनके फर्जी आधार से फेसबुक ऐड और अमेजन पर रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है. यूजर का कहना है कि इस आधार के दम पर कोई डोमेन नेम भी खरीदा जा सकता है.
गैर कानूनी काम को बढ़ावा दे रहे आरएस शर्मा !
इस तरह के गैर कानूनी काम करने की हिम्मत को खुद आरएस शर्मा की बढ़ावा दे रहे हैं. जब भी कोई हैकर या अन्य ट्विटर यूजर उनकी जानकारियां निकालने की बात करता है तो वह साफ कह रहे हैं कि आप बेझिझक ऐसा करो... मैं आपके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लूंगा... खुद आरएस शर्मा ने तो कह दिया कि कोई एक्शन नहीं होगा, तो क्या इसका मतलब फर्जी आधार बनाना गैर कानूनी नहीं है? यहां आपको बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 464 के तहत फर्जी दस्तावेज बनाना कानूनन अपराध है, जिसके लिए 2 साल की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है.
ट्विटर पर लोगों ने हाथों में ले लिया है कानून
अब ट्विटर पर लोग सिर्फ आरएस शर्मा को चुनौती नहीं दे रहे हैं, बल्कि आपस में एक दूसरे को भी चुनौती दे रहे हैं. कोई अपना आधार नंबर दे रहा है तो कोई अपना फोन नंबर सार्वजनिक कर रहा है. यहां तक तो ठीक था, लेकिन कुछ यूजर दूसरे यूजर के फर्जी दस्तावेज तक बना रहे हैं. यानी अगर सीधे-साधे कहा जाए तो आरएस शर्मा की एक चुनौती ने गैर-कानूनी काम करने की मंजूरी दे दी है और अब ट्विटर पर लोग बेधड़क कानून हाथों में लिए एक दूसरे को चुनौती देते दिख रहे हैं.
यूआईडीएआई से अलग बोल रहे शर्मा
जब यूआईडीएआई का ट्विटर हैंडल खंगाला गया तो पता चला कि वहां पर भी आधार की जानकारियों को सार्वजनिक ना करने की सलाह दी गई है. यूआईडीएआई के अनुसार अगर आपका आधार सार्वजनिक हो जाता है तो उसका दुरुपयोग हो सकता है. आपको बता दें कि आधार कार्ड पर आपका नाम, पता और जन्मतिथि जैसी जानकारियां होती हैं. ये सब तो आरएस शर्मा का भी सार्वजनिक हो चुका है, लेकिन उनका कहना है कि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होता है. अब समझ ये नहीं आ रहा कि दोनों की बातें विरोधाभासी क्यों हैं?
जब आरएस शर्मा ने अपना आधार नंबर सार्वजनिक किया तो शायद उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि उनकी एक चुनौती इस तरह का खतरनाक मोड़ लेगी. वह तो सिर्फ इतना दिखाना चाह रहे थे कि केवल आधार नंबर सार्वजनिक हो जाने से किसी को नुकसान नहीं होता है, लेकिन लोगों ने उनकी ही निजी जानकारियां निकालना शुरू कर दिया. अब फर्जी दस्तावेज बनाने का काम भी शुरू हो चुका है. सवाल ये है कि फर्जी दस्तावेज बनाना हमेशा से ही गैर कानूनी है, लेकिन आरएस शर्मा खुलेआम कह रहे हैं कि किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेंगे. आखिर इस तरह गैर कानूनी काम को बढ़ावा देना कहां तक सही है?
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