चीन के बारे में हर नई जानकारी यही अहसास दिलाती है कि आप उसके बारे में कितना कम जानते हैं. हर बार वह कुछ ऐसा कारनामा करता है कि पूरी दुनिया हैरान रह जाती है. 2008 में ओलिंपिक की मेजबानी के दौरान ही जब समापन समारोह के ऊपर बारिश का खतरा मंडराया तो खबर आई कि चीन आयोजन वाले क्षेत्र में एक खास तकनीक से बारिश होने ही नहीं देगा.
इतना ही नहीं चीन कृत्रिम बारिश के सफल प्रयोग तक कर चुका है. लेकिन इस बार चीन जो काम किया है उस पर शायद आपको यकीन नहीं होगा. दरअसल चीन अपना सूरज बना रहा है और उसको शुरुआती प्रयोग में सफलता भी मिल गई है. आइए जानें चीन के इस हैरान कर देने वाले कारनामें के बारे में...
चीन बना रहा है नया सूर्य: हाल ही में चीन के पीपुलस डेली ने इस सनसनीखेज खबर का खुलासा करते हुए बताया कि चीन ने जनवरी में कृत्रिम सूरज बनाने के अपने प्रयोग के तहत सफल परीक्षण किया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक हेफई इंस्टीट्यू़ट ऑफ फिजिकल साइंस ऑफ द चाइनीज ऐकेडमी ऑफ साइंस द्वारा विकसित कृत्रिम सूर्य का परीक्षण किया गया. इस परीक्षण में सफलतापूर्वक HT पल्स प्लाजमा को 5 करोड़ डिग्री के तापमान पर डिस्चार्ज किया गया.
जनवरी में द एक्सपेरीमेंटल ऐंडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामाक (EAST) फ्यूजन डिवाइस, जिसका निकनेम 'कृत्रिम सूर्य' है, ने 5 करोड़ डिग्री से ज्यादा के सेंट्रल इलेक्ट्रॉन तापमान में 102 सेकेंड लंबा पल्स प्लाज्मा डिस्चार्ज किया. इतने ऊंचे तापमान पर यह अब तक सबसे लंबा डिस्जार्च था, जिससे कृत्रिम सूर्य की रिसर्च में बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
चाइन ऐकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग फिजिक्स के एक रिसर्चर जु जियान्नान ने कहा, 'एक कृत्रिम सूर्य नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन की बदौलत असीमित स्वच्छ ऊर्जा प्रदान कर सकता है.'
सूर्य का प्रकाश और गर्मी हाइड्रोजन परिवार के दो सदस्यों, डेयूटेरियम और ट्राइटियम से आती है. ये हीलियम परमाणु में फ्यूजन के दौरान जबर्दस्त ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं. कृत्रिम सूर्य भी इसी प्रक्रिया का...
चीन के बारे में हर नई जानकारी यही अहसास दिलाती है कि आप उसके बारे में कितना कम जानते हैं. हर बार वह कुछ ऐसा कारनामा करता है कि पूरी दुनिया हैरान रह जाती है. 2008 में ओलिंपिक की मेजबानी के दौरान ही जब समापन समारोह के ऊपर बारिश का खतरा मंडराया तो खबर आई कि चीन आयोजन वाले क्षेत्र में एक खास तकनीक से बारिश होने ही नहीं देगा.
इतना ही नहीं चीन कृत्रिम बारिश के सफल प्रयोग तक कर चुका है. लेकिन इस बार चीन जो काम किया है उस पर शायद आपको यकीन नहीं होगा. दरअसल चीन अपना सूरज बना रहा है और उसको शुरुआती प्रयोग में सफलता भी मिल गई है. आइए जानें चीन के इस हैरान कर देने वाले कारनामें के बारे में...
चीन बना रहा है नया सूर्य: हाल ही में चीन के पीपुलस डेली ने इस सनसनीखेज खबर का खुलासा करते हुए बताया कि चीन ने जनवरी में कृत्रिम सूरज बनाने के अपने प्रयोग के तहत सफल परीक्षण किया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक हेफई इंस्टीट्यू़ट ऑफ फिजिकल साइंस ऑफ द चाइनीज ऐकेडमी ऑफ साइंस द्वारा विकसित कृत्रिम सूर्य का परीक्षण किया गया. इस परीक्षण में सफलतापूर्वक HT पल्स प्लाजमा को 5 करोड़ डिग्री के तापमान पर डिस्चार्ज किया गया.
जनवरी में द एक्सपेरीमेंटल ऐंडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामाक (EAST) फ्यूजन डिवाइस, जिसका निकनेम 'कृत्रिम सूर्य' है, ने 5 करोड़ डिग्री से ज्यादा के सेंट्रल इलेक्ट्रॉन तापमान में 102 सेकेंड लंबा पल्स प्लाज्मा डिस्चार्ज किया. इतने ऊंचे तापमान पर यह अब तक सबसे लंबा डिस्जार्च था, जिससे कृत्रिम सूर्य की रिसर्च में बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
चाइन ऐकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग फिजिक्स के एक रिसर्चर जु जियान्नान ने कहा, 'एक कृत्रिम सूर्य नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन की बदौलत असीमित स्वच्छ ऊर्जा प्रदान कर सकता है.'
सूर्य का प्रकाश और गर्मी हाइड्रोजन परिवार के दो सदस्यों, डेयूटेरियम और ट्राइटियम से आती है. ये हीलियम परमाणु में फ्यूजन के दौरान जबर्दस्त ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं. कृत्रिम सूर्य भी इसी प्रक्रिया का अनुकरण करता है.
चीन का यह प्रयोग कितना सफल होगा यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि ऐसे प्रयोगों से चीन ने साबित कर दिया है कि क्यों वह आने वाले दिनों में दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनने जा रहा है!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.