कोई अपने पुराने स्मार्टफोन का क्या करेगा? उसे बेच देगा? या फिर फेंक देगा? लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि उसी पुराने स्मार्टफोन का एक सिक्योरिटी डिवाइस बनाया जा सकता है तो आप क्या कहेंगे?
ये सब सिर्फ एक एप की मदद से होगा. वो भी कोई ऐसा वैसा एप नहीं बल्कि टेक एक्सपर्ट एडवर्ड स्नोडन के द्वारा बनाया हुआ है. Haven नाम का ये ओपन सोर्स प्रोजेक्ट स्नोडन ने बनाया है और इसमें फ्री प्रेस फाउंडेशन और गार्डियन प्रोजेक्ट ने स्नोडन का साथ दिया है. इस एप को गूगल प्ले से भी डाउनलोड किया जा सकता है.
कैसे है दूसरों से अलग..
ये बाकी दूसरे एप्स की तरह नहीं है. ये असल में पुराने स्मार्टफोन के सेंसर का इस्तेमाल करता है. ये किसी एक डिवाइस को लॉक करने या उससे छेड़छाड़ से नहीं बचाता है बल्कि किसी अलार्म की तरह यूजर को आगाह कर देता है.
असल में स्मार्टफोन्स के सेंसर इसे काफी काम का डिवाइस बनाते हैं. चाहें वो मोशन सेंसर हो, या वाइब्रेशन का सेंसर हो, या साउंड का सेंसर हो या फिर कैमरा हो.. ये सभी बिल्ट इन सेंसर मिलकर एक काबिल सिक्योरिटी डिवाइस बन जाते हैं.
इन सेंसर्स में स्मार्टफोन या टैबलेट का एक्सिलोमीटर, कैमरा, माइक्रोफोन, लाइट सेंसर, बैटरी या पावर सेंसर आदि शामिल हैं. ये एप उन सेंसर द्वारा दिया गया डेटा मॉनिटर करता है और एक इवेंट लॉग भी बनाता है.
ये इवेंट लॉग Tor Onion Service द्वारा एक्सेस किया जा सकता है जिससे यूजर आसानी से कम्प्यूटर नेटवर्क से संपर्क बना सकता है. ये नोटिफिकेशन जैसे एसएमएस, सिग्नल, कॉल आदि भी भेज सकता है.
इसे बेबी मॉनिटर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे किसी कमरे के सिक्योरिटी सिस्टम की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बस ध्यान ये रखना होगा कि...
कोई अपने पुराने स्मार्टफोन का क्या करेगा? उसे बेच देगा? या फिर फेंक देगा? लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि उसी पुराने स्मार्टफोन का एक सिक्योरिटी डिवाइस बनाया जा सकता है तो आप क्या कहेंगे?
ये सब सिर्फ एक एप की मदद से होगा. वो भी कोई ऐसा वैसा एप नहीं बल्कि टेक एक्सपर्ट एडवर्ड स्नोडन के द्वारा बनाया हुआ है. Haven नाम का ये ओपन सोर्स प्रोजेक्ट स्नोडन ने बनाया है और इसमें फ्री प्रेस फाउंडेशन और गार्डियन प्रोजेक्ट ने स्नोडन का साथ दिया है. इस एप को गूगल प्ले से भी डाउनलोड किया जा सकता है.
कैसे है दूसरों से अलग..
ये बाकी दूसरे एप्स की तरह नहीं है. ये असल में पुराने स्मार्टफोन के सेंसर का इस्तेमाल करता है. ये किसी एक डिवाइस को लॉक करने या उससे छेड़छाड़ से नहीं बचाता है बल्कि किसी अलार्म की तरह यूजर को आगाह कर देता है.
असल में स्मार्टफोन्स के सेंसर इसे काफी काम का डिवाइस बनाते हैं. चाहें वो मोशन सेंसर हो, या वाइब्रेशन का सेंसर हो, या साउंड का सेंसर हो या फिर कैमरा हो.. ये सभी बिल्ट इन सेंसर मिलकर एक काबिल सिक्योरिटी डिवाइस बन जाते हैं.
इन सेंसर्स में स्मार्टफोन या टैबलेट का एक्सिलोमीटर, कैमरा, माइक्रोफोन, लाइट सेंसर, बैटरी या पावर सेंसर आदि शामिल हैं. ये एप उन सेंसर द्वारा दिया गया डेटा मॉनिटर करता है और एक इवेंट लॉग भी बनाता है.
ये इवेंट लॉग Tor Onion Service द्वारा एक्सेस किया जा सकता है जिससे यूजर आसानी से कम्प्यूटर नेटवर्क से संपर्क बना सकता है. ये नोटिफिकेशन जैसे एसएमएस, सिग्नल, कॉल आदि भी भेज सकता है.
इसे बेबी मॉनिटर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे किसी कमरे के सिक्योरिटी सिस्टम की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बस ध्यान ये रखना होगा कि स्मार्टफोन डिस्चार्ज न हो जाए. सिक्योरिटी सिस्टम बनाए गए स्मार्टफोन को किसी कीमती चीज जैसे लैपटॉप या गहनों के ऊपर भी रखा जा सकता है, ताकि उनके नजदीक कोई आए तो आसानी से पता चल जाए.
ये एप अभी सिर्फ एंड्रॉयड सिस्टम के लिए बनाया गया है, हालांकि इसकी टेस्टिंग भी चल रही है. हालांकि, इसे आसानी से इंस्टॉल और सेटअप नहीं किया जा सकता है और इसे इंस्टॉल और सेटअप करने की पूरी जानकारी https://guardianproject.github.io/haven/ इस पेज पर मिल जाएगी.
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