फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे शस्त्रों से लैस और सोशल मीडिया के कमोड पर बैठ कर बदलाव की इबारत लिख रहे देश दुनिया के आमो खास की क्रांति को लेकर अपनी अवधारणाएं हैं. ऐसे में मारक वार उसी का है जिसके पास ब्लू टिक रुपी वज्र है. सोशल मीडिया का जैसा दस्तूर है किसी ब्लू टिक वाले अकाउंट से फेसबुक पोस्ट आने ट्वीट होने या फोटो साझा किये जाने की देर है जनता उसे हाथों हाथ लेगी और उसका वायरल होना तय है. अब तक ये सुविधा फ्री थी. अब भी है लेकिन जो घोषणा एलन मस्क ने ट्विटर का खुदा बनने के बाद की है उसने ब्लू टिक धारियों के बीच बेचैनी बढ़ा दी है. इशारों-इशारों में मस्क ने साफ संकेत दे दिया है कि क्रांति करना हो तो निश्चित कीजिये बेख़ौफ़ होकर कीजिये. हां. लेकिन, उसके लिए हर महीने ज्यादा नहीं बस 660 रुपए का लगान ट्विटर को देना होगा.
न यहां कोई मजाक नहीं हो रहा. मैटर बहुत ज्यादा सीरियस है. असल में हुआ कुछ यूं कि ट्विटर के टेक ओवर के बाद मस्क अपनी ट्विटर फीड चेक कर रहे थे. किसी क्रांतिकारी ने ट्वीट कर दिया. उस सोशल मीडिया क्रांतिवीर ने मस्क से पूछा की ट्विटर पर उसके फॉलोवर्स की संख्या ठीक ठाक है बावजूद इसके उसे अब तक ट्विटर वाली क्रांति का ब्रह्मास्त्र यानी ब्लू टिक क्यों नहीं दिया जा रहा?
व्यक्ति का इतना पूछ लेना भर था. टेक्नोलॉजी वेबसाइट The Verge की रिपोर्ट पर यकीन करें तो वो तमाम लोग जिनके पास ब्लू टिक है उन्हें आने वाले समय में हर महीने $8 यानी तकरीबन 660 रुपए देने होंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार ब्लू टिक ट्विटर ब्लू मेंबर्स तक ही सीमित होगा जिसमें ट्विटर यूजर को एडिट और अनडू ट्वीट्स जैसी अतिरिक्त सुविधाएं मिलती हैं. वहीं बताया ये भी...
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे शस्त्रों से लैस और सोशल मीडिया के कमोड पर बैठ कर बदलाव की इबारत लिख रहे देश दुनिया के आमो खास की क्रांति को लेकर अपनी अवधारणाएं हैं. ऐसे में मारक वार उसी का है जिसके पास ब्लू टिक रुपी वज्र है. सोशल मीडिया का जैसा दस्तूर है किसी ब्लू टिक वाले अकाउंट से फेसबुक पोस्ट आने ट्वीट होने या फोटो साझा किये जाने की देर है जनता उसे हाथों हाथ लेगी और उसका वायरल होना तय है. अब तक ये सुविधा फ्री थी. अब भी है लेकिन जो घोषणा एलन मस्क ने ट्विटर का खुदा बनने के बाद की है उसने ब्लू टिक धारियों के बीच बेचैनी बढ़ा दी है. इशारों-इशारों में मस्क ने साफ संकेत दे दिया है कि क्रांति करना हो तो निश्चित कीजिये बेख़ौफ़ होकर कीजिये. हां. लेकिन, उसके लिए हर महीने ज्यादा नहीं बस 660 रुपए का लगान ट्विटर को देना होगा.
न यहां कोई मजाक नहीं हो रहा. मैटर बहुत ज्यादा सीरियस है. असल में हुआ कुछ यूं कि ट्विटर के टेक ओवर के बाद मस्क अपनी ट्विटर फीड चेक कर रहे थे. किसी क्रांतिकारी ने ट्वीट कर दिया. उस सोशल मीडिया क्रांतिवीर ने मस्क से पूछा की ट्विटर पर उसके फॉलोवर्स की संख्या ठीक ठाक है बावजूद इसके उसे अब तक ट्विटर वाली क्रांति का ब्रह्मास्त्र यानी ब्लू टिक क्यों नहीं दिया जा रहा?
व्यक्ति का इतना पूछ लेना भर था. टेक्नोलॉजी वेबसाइट The Verge की रिपोर्ट पर यकीन करें तो वो तमाम लोग जिनके पास ब्लू टिक है उन्हें आने वाले समय में हर महीने $8 यानी तकरीबन 660 रुपए देने होंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार ब्लू टिक ट्विटर ब्लू मेंबर्स तक ही सीमित होगा जिसमें ट्विटर यूजर को एडिट और अनडू ट्वीट्स जैसी अतिरिक्त सुविधाएं मिलती हैं. वहीं बताया ये भी जा रहा है कि देश दुनिया के वो तमाम मठाधीस जिनका अकाउंट सत्यापित है और जिन्हें अपनी अपनी प्रोफ़ाइल पर पहले ही ब्लू टिक मिल चुका है उन्हें ट्विटर ब्लू की सदस्यता लेने के लिए 90 दिनों का समय मिलेगा. पैसे दिए तो ठीक और अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनका ब्लू टिक हट जाएगा.
चूंकि इस जानकारी ने लोगों के बीच बेचैनी को बढ़ा दिया है देखना दिलचस्प रहेगा कि ट्विटर सत्यापन प्रक्रियाके साथ आने वाले वक़्त में क्या करता है. और साथ ही ऐसे कौन से बदलाव होंगे जो हमें इस बाबत आने वाले समय में देखने को मिलेंगे.
वहीं रिपोर्ट ये भी हैं कि ट्विटर इंजीनियरों को ट्विटर सत्यापन प्रक्रिया में सुधार करने के लिए समय सीमा दी गई है. यदि वो अपना काम पूरा कर ले गए तो ठीक वरना वो भी अपनी नौकरी से हाथ धो लेंगे. गौरतलब है कि मस्क को औपचारिक रूप से ट्विटर का अधिग्रहण किए एक सप्ताह भी नहीं हुआ है, और उन्होंने पहले ही कुछ अहम लोगों को निकाल दिया जिसमें पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल हैं.
बहराहल हम फिर इस बात को कह रहे हैं कि ट्विटर ब्लू टिक के पैसे लेता है या फिर इसे पूर्व की तरह फ्री करता है इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जैसे निर्णय मस्क ने आते साथ ही लिए हैं खुद-ब-ख़ुद इस बात की तस्दीख हो जाती है कि अब ट्विटर पर कुछ भी फ्री नहीं होगा. जिसे क्रांति करनी हो करे लेकिन वो क्रांति अब किसी भी सूरत में मुफ्त की नहीं होगी. क्रांतिकारी से पैसा लिया जाएगा और वो इतना होगा जो उसके पूरे बजट को प्रभावित करेगा.
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