बात है साल 2016 की. फरवरी की गुनगुनी सर्दियों का मौसम था. सुबह-सुबह अखबार पढ़ने वालों को फ्रंट पेज पर एक विज्ञापन कई दिनों से दिख रहा था. शुरुआत में लोगों ने इसे नजरअंदाज किया. लेकिन, धीरे-धीरे ये मोहल्ले के चौक-चौराहों और बुजुर्गों की बैठकों में हॉट टॉपिक बन गया. क्योंकि, महज 251 रुपये में स्मार्टफोन दिए जाने के विज्ञापन ने खलबली मचा दी थी. 2016 में सिर्फ 251 रुपये में स्मार्टफोन पाने की चाह ने करोड़ों लोगों के बीच रिंगिंग बेल्स कंपनी को सुर्खियों में ला दिया था.
इस बीच एक विज्ञापन आया कि 18 फरवरी से 21 फरवरी के बीच कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फ्रीडम 251 मोबाइल की प्री-बुकिंग की जा सकती है. मुझे आज भी याद है कि मेरे एक दोस्त ने अपने पूरे परिवार के लिए फ्रीडम 251 के दर्जन भर फोन की प्री-बुकिंग की थी. लेकिन, बहुत से लोग ऐसे भी थे. जो इसे बुक नहीं कर पाए. क्योंकि, ज्यादा ट्रैफिक आने की वजह से पहले ही दिन रिंगिंग बेल्स की वेबसाइट ही क्रैश कर गई. कभी खुल जाती, तो लोग तुरंत मोबाइल बुक कर लेते. बहुत से लोग तो सीधे कंपनी के ऑफिस ही पहुंचने लगे.
नोएडा के सेक्टर-63 में रिंगिंग बेल्स कंपनी का ऑफिस था. बहुत से लोग मोबाइल की प्री-बुकिंग कराने तो कई इसकी डिस्ट्रिब्यूटरशिप लेने के लिए भी ऑफिस के चक्कर काटने पहुंचने लगे. इसे कुछ ऐसे समझिए कि जिस तरह से जियो के फ्री सिम को लेने के लिए लोग सुबह से ही लाइन लगाकर खड़े हो जाते थे. उसी तरह से फ्रीडम 251 मोबाइल पाने के लिए लाइनें लगने लगी थीं. जो कंपनी विज्ञापन के जरिये प्रचार कर रही थी. उसका प्रचार अब मुफ्त में घर-घर पहुंचने लगा था.
फ्रीडम 251 मोबाइल के लॉन्च कार्यक्रम में भाजपा के...
बात है साल 2016 की. फरवरी की गुनगुनी सर्दियों का मौसम था. सुबह-सुबह अखबार पढ़ने वालों को फ्रंट पेज पर एक विज्ञापन कई दिनों से दिख रहा था. शुरुआत में लोगों ने इसे नजरअंदाज किया. लेकिन, धीरे-धीरे ये मोहल्ले के चौक-चौराहों और बुजुर्गों की बैठकों में हॉट टॉपिक बन गया. क्योंकि, महज 251 रुपये में स्मार्टफोन दिए जाने के विज्ञापन ने खलबली मचा दी थी. 2016 में सिर्फ 251 रुपये में स्मार्टफोन पाने की चाह ने करोड़ों लोगों के बीच रिंगिंग बेल्स कंपनी को सुर्खियों में ला दिया था.
इस बीच एक विज्ञापन आया कि 18 फरवरी से 21 फरवरी के बीच कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फ्रीडम 251 मोबाइल की प्री-बुकिंग की जा सकती है. मुझे आज भी याद है कि मेरे एक दोस्त ने अपने पूरे परिवार के लिए फ्रीडम 251 के दर्जन भर फोन की प्री-बुकिंग की थी. लेकिन, बहुत से लोग ऐसे भी थे. जो इसे बुक नहीं कर पाए. क्योंकि, ज्यादा ट्रैफिक आने की वजह से पहले ही दिन रिंगिंग बेल्स की वेबसाइट ही क्रैश कर गई. कभी खुल जाती, तो लोग तुरंत मोबाइल बुक कर लेते. बहुत से लोग तो सीधे कंपनी के ऑफिस ही पहुंचने लगे.
नोएडा के सेक्टर-63 में रिंगिंग बेल्स कंपनी का ऑफिस था. बहुत से लोग मोबाइल की प्री-बुकिंग कराने तो कई इसकी डिस्ट्रिब्यूटरशिप लेने के लिए भी ऑफिस के चक्कर काटने पहुंचने लगे. इसे कुछ ऐसे समझिए कि जिस तरह से जियो के फ्री सिम को लेने के लिए लोग सुबह से ही लाइन लगाकर खड़े हो जाते थे. उसी तरह से फ्रीडम 251 मोबाइल पाने के लिए लाइनें लगने लगी थीं. जो कंपनी विज्ञापन के जरिये प्रचार कर रही थी. उसका प्रचार अब मुफ्त में घर-घर पहुंचने लगा था.
फ्रीडम 251 मोबाइल के लॉन्च कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद रहे थे. इसकी तस्वीरें जब अखबारों में छपी थीं. तो, लोगों का भरोसा और बढ़ गया था कि ये कंपनी उनका पैसा लेकर भागेगी नहीं. और, कंपनी ने इसका फायदा भी जमकर उठाया. हालांकि, बुकिंग शुरू होने के बाद ही रिंगिंग बेल्स के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें भी आने लगीं. इतना ही नहीं, कंपनी के फर्जी होने की बात भी तेजी से फैलने लगी. इसे देखते हुए कंपनी के मालिक ने 25 लाख मोबाइल फोन की बुकिंग होने का दावा किया. और, कहा कि जल्द ही उनकी कंपनी सस्ता स्मार्ट टीवी भी लॉन्च करने जा रही है.
उस दौरान कंपनी ने दावा किया कि जिन लोगों ने फ्रीडम 251 मोबाइल की प्री-बुकिंग की है. उन्हें जून 2016 तक फोन दे दिया जाएगा. लेकिन, जैसे-जैसे दिन बीतते गए लोगों का भरोसा कंपनी से उठता गया. इसके बाद कंपनी ने ग्राहकों को उनका पैसा वापस करने की बात कही. लेकिन, न लोगों को उनका पैसा वापस मिला. और, न ही किसी को फ्रीडम 251 का फोन मिला. जिसकी टैग लाइन थी- 'सपने सच होंगे.' वैसे, माना जाता है कि करीब 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने फ्रीडम 251 के मोबाइल बुक किए थे. और, ये 1500 करोड़ से ज्यादा का घोटाला था. जिसे फ्रीडम 251 घोटाला का नाम दिया गया.
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मार्च 2017 में रिंगिंग बेल्स कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद कंपनी के डायरेक्टर मोहित गोयल को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, बाद में मोहित गोयल जमानत पर रिहा हो गया था. लेकिन, उसका पासपोर्ट जमा कर लिया गया था. धीरे-धीरे कंपनी के सभी डायरेक्टरों पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा था. इसी बीच मोहित गोयल ने अपने भाई को कंपनी का डायरेक्टर बना दिया. कुछ समय बाद कंपनी को पुलिस की ओर से क्लीन चिट मिल गई.
लेकिन, मोहित गोयल की मुश्किलें कम नहीं हुईं. 2018 में उसे 16 लाख रुपये की जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया. और, बीते साल ही मोहित गोयल को एक बार फिर से धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस बार गोयल ने 200 करोड़ का ड्राई फ्रूट घोटाला किया था. मोहित गोयल ने लोगों को फ्रीडम 251 मोबाइल के जरिये 'सपने सच होंगे' का जो सपना दिखाया था. वो आज तक पूरा नहीं हुआ. हालांकि, कंपनी का दावा था कि उसने 5000 से ज्यादा मोबाइल प्री-बुकिंग करने वाले ग्राहकों को सौंपे थे. लेकिन, ये बातें भी कंपनी के दावों की तरह ही अफवाह ही मानी गईं.
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