हाल ही में 22 जुलाई को भारत ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की थी और अब उसने तस्वीरें भी भेजना शुरू कर दिया है. ये तस्वीरें 3 अगस्त को इसरो को मिली हैं, जिन्हें इसरो ने 4 अगस्त को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. जो तस्वीरें चंद्रयान-2 ने भेजी हैं, अब वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. तस्वीरें तो इससे पहले चांद पर जा चुके चंद्रयान-1 ने भी भेजी थीं, लेकिन जितना क्रेज चांद्रयान-2 की तस्वीरों को लेकर है, उतना पहले नहीं था. साथ ही, जितनी खूबसूरत तस्वीरें चंद्रयान-2 भेज रहा है, वैसी तस्वीरें चंद्रयान-1 ने नहीं भेजी थीं.
चंद्रयान-1 की तस्वीरों को लेकर अधिक क्रेज नहीं होने की सबसे बड़ी वजह है सोशल मीडिया. चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को चांद पर भेजने के लिए लॉन्च किया गया था. उस दौरान सोशल मीडिया कुछ साल पहले ही शुरू हुआ था, जिससे बहुत ही कम लोग जुड़े थे. साथ ही उस दौरान इंटरनेट डेटा काफी महंगा हुआ करता था, तो हर कोई सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करता था. अब लगभग हर हाथ में स्मार्टफोन आ चुके हैं, वो भी ढेर सारे सस्ते इंटरनेट डेटा के साथ. इस डेटा का इस्तेमाल कर के लोग चंद्रयान-2 की तस्वीरों को खूब शेयर कर रहे हैं और उन पर अपने रिएक्शन दे रहे हैं.
इसरो ने कुल 5 तस्वीरें शेयर की हैं. चंद्रयान-1 ने पहली बार में धरती की एक तस्वीर शेयर की थी.
पहले देखिए कौन सी तस्वीरें इसरो ने की हैं शेयर
इसरो ने कुल 5 तस्वीरें शेयर की हैं. ये पाचों तस्वीरें चंद्रयान-2 ने अलग-अलग एंगल से ली हैं, ताकि आपको धरती की कई खूबसूरत तस्वीरें दिखें. चलिए एक नजर डालते हैं इन तस्वीरें पर.
3 अगस्त की शाम को चंद्रयान-2 ले ली गई धरती की तस्वीर
3 अगस्त की शाम को चंद्रयान-2 ले ली गई धरती की तस्वीर
3 अगस्त की शाम को चंद्रयान-2 ले ली गई धरती की तस्वीर
3 अगस्त की शाम को चंद्रयान-2 ले ली गई धरती की तस्वीर
3 अगस्त की शाम को चंद्रयान-2 ले ली गई धरती की तस्वीर
'विक्रम' के कैमरे ने खींची हैं धरती की तस्वीरें
चंद्रयान-2 ने जो तस्वीरें भेजी हैं, उन्हें अंतरिक्ष में पृथ्वी की बाहरी कक्षा से इसकी लॉन्चिंग के करीब 12 दिन बाद खींचा गया है. इन्हें चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' में लगे एलआई-4 कैमरे से 3 अगस्त की शाम 5.28 से 5.37 बजे के बीच खींचा गया है. आपको बता दें कि चंद्रायान-2 के ऑर्बिटर के हिस्से में दो कैमरे लगे हैं. एक है ऑर्बिटर हाई रिजॉल्यूशन कैमरा यानी ओएचआरसी और दूसरा है टैरेन मैपिंग कैमरा-2 यानी टीएमसी-2. ओएचआरसी चंद्रयान-2 की लैंडिंग साइट की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें लेगा, जिससे वैज्ञानिक लैंडर का मार्ग तय कर सकेंगे.
चंद्रयान-1 की तस्वीरें ब्लैक एंड व्हाइट थीं
चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की तस्वीरों में सबसे बड़ा अंतर ये है कि चंद्रयान-1 की ओर से धरती की जो तस्वीरें भेजी गई थीं, वह ब्लैक एंड व्हाइट थीं, जबकि चंद्रयान-2 की तस्वीरें रंगीन हैं. रंग होने की वजह से चंद्रयान-2 की तस्वीरें काफी आकर्षक लग रही हैं.
चंद्रयान-1 ने 29 अक्टूबर 2008 को सुबह करीब 8.00 बजे 9000 किलोमीटर की ऊंचाई से ये तस्वीर ली थी.चंद्रयान-1 ने 29 अक्टूबर 2008 को दोपहर करीब 12.30 बजे 70,000 किलोमीटर की ऊंचाई से ये तस्वीर ली थी.
चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की तस्वीरें कब ली गईं?
जहां एक ओर चंद्रयान-2 ने धरती की पहली तस्वीरें करीब 12 दिन बाद 3 अगस्त की शाम को भेजी हैं, वहीं दूसरी ओर चंद्रयान-1 ने लॉन्चिंग के महज 7 दिन बाद ही 29 अक्टूबर 2008 को धरती की एक तस्वीर भेज दी थीं. इसके बाद चंद्रयान-1 ने 25 मार्च 2009 को धरती की वह तस्वीर भी भेजी थी, जिसमें भारत सामने की ओर दिख रहा था. ये तस्वीरें टैरेन मैपिंग कैमरा यानी टीएमसी से ली गई थीं.
25 मार्च 2009 को चंद्रयान-1 से ली गई तस्वीर, जिसमें धरती का वो हिस्सा दिख रहा है, जिधर भारत है.
चंद्रयान-1 ने पहली बार में धरती की सिर्फ एक तस्वीर शेयर की थी और फिर उसके कई घंटों बाद दूसरी तस्वीर खींची थी. वहीं दूसरी ओर, चंद्रयान-2 ने 3 अगस्त को महज चंद मिनटों (10 मिनट से भी कम) के अंदर ही 5 शानदार तस्वीरें खींची हैं.
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