आधार कार्ड अब किसी भी भारतीय के लिए सबसे अहम चीजों में से एक हो गया है. हर काम के लिए आधार कार्ड को लिंक करवाना जरूरी हो गया है. आधार के बिना तो आजकल शमशान में भी काम नहीं चलता.
कुछ समय में आधार को मोबाइल फोन और पैन कार्ड से जोड़ने की लिमिट भी खत्म हो जाएगी. 2017 में गूगल में सबसे ज्यादा सर्च किए गए सवालों में से एक था कि आधार कार्ड को पैन कार्ड से कैसे जोड़ें?
ये काम आसान है और इसके कई तरीके हैं. यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IDAI) ने एक एडवाइसरी जारी की है जिसमें ये कहा गया है कि आधार को फोन से लिंक करने के लिए किसी स्टोर पर जाने की जरूरत नहीं है. ये किसी वीडियो गाइडेड सिस्टम द्वारा हो जाएगा और इसके लिए एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) लगेगा.
Quick heal security labs ने गूगल प्ले पर एक ऐप खोजा जो ये दावा कर रहा था कि उस ऐप की मदद से आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करवाया जा सकता है. इस ऐप को लेकर किसी के मन में भी शक पैदा हो सकता है. उसका सीधा सा कारण ये है कि IDAI ने किसी भी ऐप की जानकारी नहीं दी थी.
क्विकहील सिक्योरिटी लैब्स ने जब इस ऐप की टेस्टिंग की तो उसे फेक पाया. इस ऐप को गूगल प्ले से हटाने के लिए क्विकहील ने शिकायत की, लेकिन इस स्टोर से हटने से पहले इसे 1 लाख से भी ज्यादा बार डाउनलोड कर लिया गया था.
कैसा था ये ऐप...
इस ऐप में की खास बात ये थी कि ये OTP तब भी भेज सकता था जब फोन में सिम कार्ड न हो. चौंकिए मत, ये एक...
आधार कार्ड अब किसी भी भारतीय के लिए सबसे अहम चीजों में से एक हो गया है. हर काम के लिए आधार कार्ड को लिंक करवाना जरूरी हो गया है. आधार के बिना तो आजकल शमशान में भी काम नहीं चलता.
कुछ समय में आधार को मोबाइल फोन और पैन कार्ड से जोड़ने की लिमिट भी खत्म हो जाएगी. 2017 में गूगल में सबसे ज्यादा सर्च किए गए सवालों में से एक था कि आधार कार्ड को पैन कार्ड से कैसे जोड़ें?
ये काम आसान है और इसके कई तरीके हैं. यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IDAI) ने एक एडवाइसरी जारी की है जिसमें ये कहा गया है कि आधार को फोन से लिंक करने के लिए किसी स्टोर पर जाने की जरूरत नहीं है. ये किसी वीडियो गाइडेड सिस्टम द्वारा हो जाएगा और इसके लिए एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) लगेगा.
Quick heal security labs ने गूगल प्ले पर एक ऐप खोजा जो ये दावा कर रहा था कि उस ऐप की मदद से आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करवाया जा सकता है. इस ऐप को लेकर किसी के मन में भी शक पैदा हो सकता है. उसका सीधा सा कारण ये है कि IDAI ने किसी भी ऐप की जानकारी नहीं दी थी.
क्विकहील सिक्योरिटी लैब्स ने जब इस ऐप की टेस्टिंग की तो उसे फेक पाया. इस ऐप को गूगल प्ले से हटाने के लिए क्विकहील ने शिकायत की, लेकिन इस स्टोर से हटने से पहले इसे 1 लाख से भी ज्यादा बार डाउनलोड कर लिया गया था.
कैसा था ये ऐप...
इस ऐप में की खास बात ये थी कि ये OTP तब भी भेज सकता था जब फोन में सिम कार्ड न हो. चौंकिए मत, ये एक आसान सी ट्रिक है.
जो ओटीपी ऐप द्वारा भेजा जाता है वो सिर्फ एक पॉप अप नोटिफिकेशन होता है जो ऐप द्वारा ही जनरेट होता है. इससे यूजर्स आसानी से धोखा खा जाते हैं. ये नोटिफिकेशन बिलकुल वैसा ही होता है जैसे कोई नया मैसेज आने पर फोन की स्क्रीन पर दिखता है.
कुछ इस तरह का ओटीपी सामने दिखता है.
ये फेक ऐप और कुछ नहीं सिर्फ पैसे कमाने का एक जरिया है. डेवलपर यूजर्स को ऐड दिखाकर इसके जरिए पैसे कमा सकता है. ये किसी भी तरह से आधार को लिंक नहीं करेगा. साथ ही ये ऐप आधार की जानकारी चुरा भी सकता है. ऐसे कई ऐप्स हैं जिनसे सावधान रहने की जरूरत है.
क्विकहील की रिपोर्ट में ऐसे कई ऐप्स सामने आए जो प्रैंक, एंटरटेनमेंट आदि कैटेगरी में लिस्ट किए गए हैं.
कैसे बचें इन ऐप्स से...
1. कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसका डिस्क्रिप्शन जरूर पढ़ लें. उसकी रेटिंग भी देख लें. ऐसे में ऐप क्या करता है और कहीं ये प्रैंक तो नहीं इसकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी.
2. ऐप को बनाने वाले डेवलपर का नाम और उनकी वेबसाइट की जानकारी भी ठीक तरह से देखें. अगर कोई अजीब नाम दिख रहा है तो यकीनन ऐसे ऐप पर शक किया जा सकता है.
3. किसी थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप्स डाउनोड करने से बचें.
4. अपने फोन में एंटीवायरस जरूर रखें.
गूगल प्ले पर ऐसे कई ऐप्स मौजूद हैं जो ऐसे सरकारी काम करवाने का दावा करते हैं. इन्हें डाउनलोड करने से पहले ध्यान रखें कि कहीं ये फेक न हों. डाउनलोड करने से पहले थोड़ी रिसर्च भी की जा सकती है कि वाकई सरकार द्वार ऐसा कोई ऐप लॉन्च किया भी गया है या नहीं.
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