विश्व के सबसे बड़े साइबर अटैक ने सबको सकते में ला दिया है. 'रैनसमवेयर मालवेयर' का यह अटैक कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने एक साथ विश्वभर के 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कम्प्यूटरों को नुकसान पहुंचाया है. हालाँकि, नुकसान के ये आकंड़े और ज्यादा बढ़ने कि सम्भावना है क्योंकि शुक्रवार को हुए अटैक के बाद शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है, ऐसे में नुकसान का ठीक-ठाक अंदाजा सोमवार को ही लगाया जा सकता है. जानकार जल्द ही फिर से इस तरह के हमले कि आशंका भी जता रहे हैं.
भारत भी इस हमले से प्रभावित होने वाले देशों में शामिल हैं, हालाँकि अभी तक के जानकारी के अनुसार भारत में यह नुकसान आंशिक ही है. भारत के आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में इस हमले से कुछ नुकसान का आकलन किया गया है. मगर कमोबेश भारत पर इस हमले का ज्यादा असर नहीं दिखा है.
हालाँकि, साइबर अटैक के लिहाज से देखें तो भारत इन हमलों को लेकर अति संवेदनशील माना जा सकता है. भारत में डिजिटल युग की शुरूआती चरण में है. सरकार कई प्रयास के माध्यम से लोगों को डिजिटल बनाने में लगी है. मगर सुरक्षा के लिहाज से अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. इन साइबर अटैक के बाद आयी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के करीब 70 फीसदी एटीएम को बड़ी ही आसानी से इस नए तरह के रैनसमवेयर का शिकार बनाया जा सकता है. भारत के 70 फीसदी एटीएम अभी भी विंडोज XP का इस्तेमाल करते हैं, और इन साइबर हमलों में विंडोज XP को सबसे आसानी से हैक कर लिया गया था. ब्रिटेन के जिन अस्पतालों के कंप्यूटर्स हैक हुए थे, उनमें ज्यादातर विंडोज एक्सपी पर चलते थे. माइक्रोसॉफ्ट ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया, इसलिए अब माइक्रोसॉफ्ट विडोंज एक्सपी का प्रयोग करना किसी चुनौती से कम नहीं. माइक्रोसॉफ्ट ने मार्च में इस खामी को दूर करने के लिए एक पैच अपडेट किया था, लेकिन हैकर्स ने इसमें भी सेंध लगा दी. इसी के मद्देनजर रिज़र्व बैंक ने भारतीय...
विश्व के सबसे बड़े साइबर अटैक ने सबको सकते में ला दिया है. 'रैनसमवेयर मालवेयर' का यह अटैक कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने एक साथ विश्वभर के 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कम्प्यूटरों को नुकसान पहुंचाया है. हालाँकि, नुकसान के ये आकंड़े और ज्यादा बढ़ने कि सम्भावना है क्योंकि शुक्रवार को हुए अटैक के बाद शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है, ऐसे में नुकसान का ठीक-ठाक अंदाजा सोमवार को ही लगाया जा सकता है. जानकार जल्द ही फिर से इस तरह के हमले कि आशंका भी जता रहे हैं.
भारत भी इस हमले से प्रभावित होने वाले देशों में शामिल हैं, हालाँकि अभी तक के जानकारी के अनुसार भारत में यह नुकसान आंशिक ही है. भारत के आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में इस हमले से कुछ नुकसान का आकलन किया गया है. मगर कमोबेश भारत पर इस हमले का ज्यादा असर नहीं दिखा है.
हालाँकि, साइबर अटैक के लिहाज से देखें तो भारत इन हमलों को लेकर अति संवेदनशील माना जा सकता है. भारत में डिजिटल युग की शुरूआती चरण में है. सरकार कई प्रयास के माध्यम से लोगों को डिजिटल बनाने में लगी है. मगर सुरक्षा के लिहाज से अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. इन साइबर अटैक के बाद आयी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के करीब 70 फीसदी एटीएम को बड़ी ही आसानी से इस नए तरह के रैनसमवेयर का शिकार बनाया जा सकता है. भारत के 70 फीसदी एटीएम अभी भी विंडोज XP का इस्तेमाल करते हैं, और इन साइबर हमलों में विंडोज XP को सबसे आसानी से हैक कर लिया गया था. ब्रिटेन के जिन अस्पतालों के कंप्यूटर्स हैक हुए थे, उनमें ज्यादातर विंडोज एक्सपी पर चलते थे. माइक्रोसॉफ्ट ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया, इसलिए अब माइक्रोसॉफ्ट विडोंज एक्सपी का प्रयोग करना किसी चुनौती से कम नहीं. माइक्रोसॉफ्ट ने मार्च में इस खामी को दूर करने के लिए एक पैच अपडेट किया था, लेकिन हैकर्स ने इसमें भी सेंध लगा दी. इसी के मद्देनजर रिज़र्व बैंक ने भारतीय बैंकों को अपने एटीएम के सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद ही आम लोगों के लिए खोलने का निर्देश दिए हैं.
अभी पिछले साल ही भारत में करीब 3.2 मिलियन डेबिट/क्रेडिट कार्ड को हैक होने की घटना सामने आई थी, इसके अलावा भी कई ऐसे मामलें सामने आये हैं जिसमें लोगों के आधार कार्ड की जानकारी को हैक कर लिया गया हो और साथ बड़े लोगों के ट्विटर अकाउंट हैक करने के कई मामले भी सामने आये हैं.
कुछ आसान उपाय से बच सकते हैं इन हमलों से....
भारत में साइबर सुरक्षा के लिहाज से अभी भी जागरूकता काफी कम है, हालाँकि इन हमलों से कुछ आसान उपाय कर के बचा जा सकता है....
1. पुराने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे XP, 8 या विस्टा को अपडेट कर लें. माइक्रोसाफ्ट ने इसके विशेष सिक्योरिटी पैच जारी किए हैं.
2. किसी भी तरह के मेल के साथ आने वाले रार, जिप (.rar, .zip) या इस तरह के कंप्रेश फाइल को खोलने से पहले सावधानी बरतें.
3. अनजाने मेल या लॉटरी से संबंधित मेल को न खोलें.
4. अपने सिस्टम में एंटी वायरस, एंटी फिशिंग, एंटी मालवेयर को तत्काल अपडेट करें. अनजाने मेल या लिंक पर क्लिक करने से बचें.
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