ट्रैफिक से हर व्यक्ति परेशान है. आगे आने वाले समय में ट्रैफिक का क्या हाल होने वाला है, इसका अंदाजा लगाना भी आसान है. शायद गाड़ियों से सड़कें भर जाएंगे और ये समस्या काफी आम हो जाएगी. लेकिन कहें कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा, शायद आने वाले वक्त में सड़कों से ट्रैफिक कम हो जाए और जहां पहुंचने में घंटों लगते हैं वहां आप मिनटों में पहुंच जाएं. सुनने में थोड़ा शॉकिंग है पर भारत में ऐसा होने वाला है.
कैसे? इसका जवाब है Hyperloop. जी हां, Hyperloop Transportation Technology नाम की कंपनी जल्द ही भारत में भविष्य की सवारी लाने वाली है. हाई-स्पीड ट्रेन का सपना देख रहे भारत में बुलेट ट्रेन से भी तेज स्पीड की ट्रेन दौड़ सकती है. बता दें, भारत में जल्द चलने वाली हाइपरलूप, चीन और जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेन से भी तेज चलेगी. हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के ट्रायल के मामले में भारत तमाम बड़े देशों से आगे निकल सकता है.
हवाईजहाज से भी तेज है इस ट्रेन की स्पीड
जहां दिल्ली से मुंबई जाने में प्लेन से 2 घंटे लगते हैं वहीं ये ट्रेन महज 55 मिनट में पहुंचाएगी. दुनिया की सबसे तेज ट्रेन बनानेवाली कंपनी हाइपरलूप वन ने 'भारत के लिए हाइपरलूप वन का विजन' सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कंपनी ने दिखाया कि किस तरह से हाइरपरलूप ट्रेन के माध्यम से दिल्ली से मुंबई तक की दूरी महज 55 मिनट में तय की जा सकती है.
कैसे चलेगी इतनी तेज?
हवाईजहाज की स्पीड से भी तेज यह ट्रेन 'हाइपरलूप ट्यूब' के अंदर कम दबाव वाले क्षेत्र में चलेगी. इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत है...
ट्रैफिक से हर व्यक्ति परेशान है. आगे आने वाले समय में ट्रैफिक का क्या हाल होने वाला है, इसका अंदाजा लगाना भी आसान है. शायद गाड़ियों से सड़कें भर जाएंगे और ये समस्या काफी आम हो जाएगी. लेकिन कहें कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा, शायद आने वाले वक्त में सड़कों से ट्रैफिक कम हो जाए और जहां पहुंचने में घंटों लगते हैं वहां आप मिनटों में पहुंच जाएं. सुनने में थोड़ा शॉकिंग है पर भारत में ऐसा होने वाला है.
कैसे? इसका जवाब है Hyperloop. जी हां, Hyperloop Transportation Technology नाम की कंपनी जल्द ही भारत में भविष्य की सवारी लाने वाली है. हाई-स्पीड ट्रेन का सपना देख रहे भारत में बुलेट ट्रेन से भी तेज स्पीड की ट्रेन दौड़ सकती है. बता दें, भारत में जल्द चलने वाली हाइपरलूप, चीन और जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेन से भी तेज चलेगी. हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के ट्रायल के मामले में भारत तमाम बड़े देशों से आगे निकल सकता है.
हवाईजहाज से भी तेज है इस ट्रेन की स्पीड
जहां दिल्ली से मुंबई जाने में प्लेन से 2 घंटे लगते हैं वहीं ये ट्रेन महज 55 मिनट में पहुंचाएगी. दुनिया की सबसे तेज ट्रेन बनानेवाली कंपनी हाइपरलूप वन ने 'भारत के लिए हाइपरलूप वन का विजन' सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कंपनी ने दिखाया कि किस तरह से हाइरपरलूप ट्रेन के माध्यम से दिल्ली से मुंबई तक की दूरी महज 55 मिनट में तय की जा सकती है.
कैसे चलेगी इतनी तेज?
हवाईजहाज की स्पीड से भी तेज यह ट्रेन 'हाइपरलूप ट्यूब' के अंदर कम दबाव वाले क्षेत्र में चलेगी. इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत है बुलेट ट्रेन से भी दोगुनी रफ्तार से चलना. यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर चलेगी. यह ट्रेन वैक्यूम (बिना हवा) ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है.
आइए अब जानते हैं कि कहां-कहां चलेगी और कितना समय लेगी ये ट्रेन...
कंपनी के मालिक Bibop Gabriele Gresta ने भारत की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक को ध्यान में रख कर अपने प्रोजेक्ट को भारत में शुरू करने की सोचा है. पहली नज़र में Hyperloop शानदार और ट्रैफिक की समस्या का एक बहुत बड़ा हल दिख रहा है.
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