अखिरकार वो समय आ ही गया.... अगर आप सोच रहे हैं कि कौन सा समय तो आपको बता दूं कि भारतीय नौसेना जिस काम के होने की सालों से प्रतीक्षा कर रही थी वो अब होने को है. नई सबमरीन जो मिलने जा रही है नौसेना को. यकीन मानिए इस खबर को जब मैंने पढ़ा तो बहुत खुशी हुई. एकदम से गर्व महसूस हुआ. इंडियन नेवी को नई लड़ाकू सबमरीन INS कालवरी मिलने वाली है. ये नाम एक शार्क का है. इसके जानकर और लगने लगा कि आखिर भारतीय नेवी के वर्षों के इंतजार का कोई फल तो मिला.
ये खुशी तो अपनी जगह है, लेकिन इसी ये एक बात ये भी याद आई कि चीनी नौसेना ने अपनी खतरनाक सबमरीन हिंद महासागर में उतार दी है. चीन की सबमरीन के बारे में हम बाद में बात करेंगे पहले अपनी नौसेना के बारे में करते हैं.
हमारी नौसेना के पास 1 न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन है. 1 बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन है और 13 पावर अटैक सबमरीन. अगर कालवरी की बात करें तो ...
- ये सबमरीन कई हथियार ले जा सकती है और एक बड़े दर्जे के अटैक को अंजाम दे सकती है. - सभी 6 सबमरीन जो ली जा रही हैं वो मजगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में बनाई जा रही है. - इंटरऑपरेटिबिलिटी है. इस सबमरीन से कई तरह के कम्युनिकेशन किए जा सकते हैं. - ये सबमरीन बहुत गहराई तक जा सकती है. जो स्टील इस सबमरीन को बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ है वो बहुत ज्यादा स्ट्रेस झेल सकता है. - 6*533 mm की 18 शार्क टॉर्पीडोज हैं जिन्हें एंटी शिप मिसाइल भी कह सकते हैं. इसके अलावा, 30 माइन्स भी बिछा सकती है.
सुनने में ये बहुत अच्छा लगता है, लेकिन अब जरा एक और बात पर गौर कीजिए. जुलाई में ही जिबौती (Djibouti) में चीन का नया नौसेना का बेस खुला है. ये हिंद महासागर में है. इसके साथ, हाल ही में पाकिस्तान और बंगलादेश की तरफ चीनी सबमरीन ने डुबकी लगाई है. पिछले साल चीन की न्यूक्लियर पावर सबमरीन कराची के...
अखिरकार वो समय आ ही गया.... अगर आप सोच रहे हैं कि कौन सा समय तो आपको बता दूं कि भारतीय नौसेना जिस काम के होने की सालों से प्रतीक्षा कर रही थी वो अब होने को है. नई सबमरीन जो मिलने जा रही है नौसेना को. यकीन मानिए इस खबर को जब मैंने पढ़ा तो बहुत खुशी हुई. एकदम से गर्व महसूस हुआ. इंडियन नेवी को नई लड़ाकू सबमरीन INS कालवरी मिलने वाली है. ये नाम एक शार्क का है. इसके जानकर और लगने लगा कि आखिर भारतीय नेवी के वर्षों के इंतजार का कोई फल तो मिला.
ये खुशी तो अपनी जगह है, लेकिन इसी ये एक बात ये भी याद आई कि चीनी नौसेना ने अपनी खतरनाक सबमरीन हिंद महासागर में उतार दी है. चीन की सबमरीन के बारे में हम बाद में बात करेंगे पहले अपनी नौसेना के बारे में करते हैं.
हमारी नौसेना के पास 1 न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन है. 1 बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन है और 13 पावर अटैक सबमरीन. अगर कालवरी की बात करें तो ...
- ये सबमरीन कई हथियार ले जा सकती है और एक बड़े दर्जे के अटैक को अंजाम दे सकती है. - सभी 6 सबमरीन जो ली जा रही हैं वो मजगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में बनाई जा रही है. - इंटरऑपरेटिबिलिटी है. इस सबमरीन से कई तरह के कम्युनिकेशन किए जा सकते हैं. - ये सबमरीन बहुत गहराई तक जा सकती है. जो स्टील इस सबमरीन को बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ है वो बहुत ज्यादा स्ट्रेस झेल सकता है. - 6*533 mm की 18 शार्क टॉर्पीडोज हैं जिन्हें एंटी शिप मिसाइल भी कह सकते हैं. इसके अलावा, 30 माइन्स भी बिछा सकती है.
सुनने में ये बहुत अच्छा लगता है, लेकिन अब जरा एक और बात पर गौर कीजिए. जुलाई में ही जिबौती (Djibouti) में चीन का नया नौसेना का बेस खुला है. ये हिंद महासागर में है. इसके साथ, हाल ही में पाकिस्तान और बंगलादेश की तरफ चीनी सबमरीन ने डुबकी लगाई है. पिछले साल चीन की न्यूक्लियर पावर सबमरीन कराची के आस-पास थी.
सबसे बड़ी बात ये कि चीन के पास ऐसी सबमरीन है जिसे हाल-फिलहाल में अमेरिकी सबमरीन से भी ज्यादा बेहतर कहा जा रहा है. कारण ये है कि चीन ने दुनिया की सबसे शांत सबमरीन बनाई है और इसे इस्तेमाल में लाना भी शुरू कर दिया है.
चीन और हम...
हमारे पास अभी 13 सबमरीन है और हम बाकी सबमरीन्स की शॉपिंग में व्यस्त हैं. हम इसी बात से खुश हैं कि हमें नई सबमरीन मिलने वाली हैं वो भी 6. इसके अलावा, यहीं अगर चीन की बात करें तो चीन के पास 9 न्यूक्लियर पावर सबमरीन मिलाकर कुल 70 पनडुब्बियां हैं.
यहां एक बात समझ लीजिए की चीन की न्यूक्लियर पावर सबमरीन जिन (कुल 3 हैं) 120 लोगों के क्रू को ले जा सकती है. हमारी सबमरीन चक्र 73 लोगों के क्रू को संभाल सकती है. यहां क्रू मेंबर्स से लेकर सबमरीन की संख्या तक चीन हमसे कई गुना आगे है.
आने वाले समय में चीन की सबमरीन और भी ज्यादा सुरक्षित और शांत हो जाएंगी इसका कारण है कि चीनी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मि नेवी ने एक ऐसा इलेक्ट्रिक पावर पंप जेट प्रोपल्सर बनाया है जो अभी के सबमरीन प्रोपल्सन सिस्टम से कई ज्यादा शांत है. ये ना सिर्फ शांत होगी बल्कि ये आसानी से राडार पर दिखाई भी नहीं देगी.
सबसे बड़ा सवाल...
अब हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि दम खम और जज्बे के अलावा हमारी नौसेना कहां तक चीनी नौसेना के सामने तैयार है? अभी तक थल सेना को लेकर चीन और भारत के बीच बवाल चल रहा है और इसी बीच अगर शांत से दिखने वाले सागर के तल में ही भूचाल आ जाए तो? क्या होगा उस वक्त?
ये सवाल उसी तरह से हमारे सामने खड़ा है जिस तरह से CAG की रिपोर्ट आने के बाद थल सेना के सामने था. अगर आपको ना पता हो तो बता दूं कि इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो आपको चौंकाने के लिए काफी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी के पास हथियारों की कमी है. अगर कोई भीषण युद्ध होता है तो हमारी आर्मी सिर्फ 10 दिनों तक ही टिक पाएगी. कारण ये कि सेना के पास 40% से ज्यादा हथियारों की कमी है.
सबसे खराब हालत ये है कि कई हथियार ऐसे हैं जिन्हें चलाने के लिए फ्यूज की जरूरत होती है और उनके लिए लगभग 83% फ्यूज की कमी है. फ्यूज किसी भी हथियार के दिमाग की तरह होता है जिसे फायरिंग के ठीक पहले इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब आर्मी के पास जो हथियार है उनमें से 83% का इस्तेमाल तुरंत युद्ध की स्थिती में नहीं किया जा सकता है.
एक तरफ हम जंग की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमरी तैयारी किस हद तक है. तो क्या हासिल होगा जंग से? ये सवाल उन लोगों के लिए है जो ना तो बॉर्डर पर हैं, ना तो सरकारी फैसले ले रहे हैं और ना उनके परिवारों का हिस्सा हैं जो बॉर्डर पर जंग लड़ रहे हैं. ये सवाल उन सोशल मीडिया के सिपाहियों से हैं जो ये कहते हैं कि युद्ध कर चीन पाकिस्तान को मिटा दो. युद्ध से क्या होगा ये सब जानते हैं, लेकिन इन्हें कौन समझाए.....
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.