3 इडियट्स में एक सीन है जो काफी रोमांचक है. जिसमें रैंचो (आमिर खान) डॉक्टर वीरू सहस्त्रबुद्दे (बोमन ईरानी) की बेटी की डिलेवरी बड़े ही रोचक ढंग से करते हैं. जहां वो वैक्यूम क्लीनर से डिलिवरी कराते हैं.
ये तो बात हुई रील लाइफ की लेकिन रियल लाइफ में एक मामला ऐसा सामने आया है जिसमें एक एमबीबीएस स्टूडेंट रैंचो से भी आगे निकल गया है. जी हां, इस स्टूडेंट ने ट्रेन में महिला की डिलीवरी की.
वॉट्सएप की मदद से डिलिवरी
अहमदाबाद पुरी एक्सप्रेस ट्रेन में 24 साल के एमबीबीएस स्टूडेंट विपिन खडसे ने वॉट्सएप से मिली जानकारी की बदौलत एक महिला की डिलीवरी में उसकी मदद की. इस युवा डॉक्टर ने सीनियर्स से वॉट्सऐप पर मिले निर्देशों को फॉलो करते हुए ट्रेन में ही महिला की डिलिवरी कराई. महिला ने लड़के को जन्म दिया.
मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. विपिन खडसे अभी पूरी तरह से डॉक्टर बने भी नहीं है, लेकिन मुसीबत के वक्त उन्होंने दर्द से गुजर रही महिला की मदद की.
अन्य यात्रियों ने भी की हेल्प
विपिन ने बताया कि उन्होंने गार्ड और टिकट कलेक्टर को एक राउंड ट्रेन में घूमते देखा कि किसी डॉक्टर की मदद ली जा सके. विपिन बताते हैं, 'मैं चुप रहा क्योंकि मुझे लगा कि कोई न कोई डॉक्टर जरूर मदद करेगा, लेकिन जब गार्ड और टीसी दूसरी बार भी घूमते दिखे तो मैंने उन्हें मदद का ऑफर दिया.' विपिन डिलिवरी में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे, उन्होंने तुरंत वॉट्सएप खोला और अपने कॉलेज की सीनियर लेडी डॉक्टर की फोन पर मदद ली.
विपिन ने बताया कि जब वह महिला के पास पहुंचे तो वहां चारों और खून फैला था और महिला दर्द से तड़प रही थी. लिहाजा सबसे पहले उन्होंने दो महिलाओं की मदद से वहां मौजूद लोगों को हटाकर कंपार्टमेंट को एक डिलीवरी रूम में...
3 इडियट्स में एक सीन है जो काफी रोमांचक है. जिसमें रैंचो (आमिर खान) डॉक्टर वीरू सहस्त्रबुद्दे (बोमन ईरानी) की बेटी की डिलेवरी बड़े ही रोचक ढंग से करते हैं. जहां वो वैक्यूम क्लीनर से डिलिवरी कराते हैं.
ये तो बात हुई रील लाइफ की लेकिन रियल लाइफ में एक मामला ऐसा सामने आया है जिसमें एक एमबीबीएस स्टूडेंट रैंचो से भी आगे निकल गया है. जी हां, इस स्टूडेंट ने ट्रेन में महिला की डिलीवरी की.
वॉट्सएप की मदद से डिलिवरी
अहमदाबाद पुरी एक्सप्रेस ट्रेन में 24 साल के एमबीबीएस स्टूडेंट विपिन खडसे ने वॉट्सएप से मिली जानकारी की बदौलत एक महिला की डिलीवरी में उसकी मदद की. इस युवा डॉक्टर ने सीनियर्स से वॉट्सऐप पर मिले निर्देशों को फॉलो करते हुए ट्रेन में ही महिला की डिलिवरी कराई. महिला ने लड़के को जन्म दिया.
मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. विपिन खडसे अभी पूरी तरह से डॉक्टर बने भी नहीं है, लेकिन मुसीबत के वक्त उन्होंने दर्द से गुजर रही महिला की मदद की.
अन्य यात्रियों ने भी की हेल्प
विपिन ने बताया कि उन्होंने गार्ड और टिकट कलेक्टर को एक राउंड ट्रेन में घूमते देखा कि किसी डॉक्टर की मदद ली जा सके. विपिन बताते हैं, 'मैं चुप रहा क्योंकि मुझे लगा कि कोई न कोई डॉक्टर जरूर मदद करेगा, लेकिन जब गार्ड और टीसी दूसरी बार भी घूमते दिखे तो मैंने उन्हें मदद का ऑफर दिया.' विपिन डिलिवरी में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे, उन्होंने तुरंत वॉट्सएप खोला और अपने कॉलेज की सीनियर लेडी डॉक्टर की फोन पर मदद ली.
विपिन ने बताया कि जब वह महिला के पास पहुंचे तो वहां चारों और खून फैला था और महिला दर्द से तड़प रही थी. लिहाजा सबसे पहले उन्होंने दो महिलाओं की मदद से वहां मौजूद लोगों को हटाकर कंपार्टमेंट को एक डिलीवरी रूम में तब्दील किया.
उन्होंने महिला की हालत के बाबत अपने कॉलेज की डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट किया और उसकी मौजूदा स्थिति का एक फोटो भी भेजा, जिसके बाद अस्पताल से लगातार महिला डॉक्टर उन्हें दिशा निर्देश देती रहीं. महिला के शरीर से बह रहे खून को रोकने के लिए विपिन को ठंडे पानी की बोतल का इस्तेमाल करना पड़ा.
सफल डिलिवरी के बाद यात्रियों ने उनकी खूब सराहना की और नागपुर पर महिला को रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों के हवाले कर दिया गया, जिसके बाद डाक्टरों ने महिला को कुछ दवाई देने के बाद उसे यात्रा करने की इजाजत भी दे दी. एमबीबीएस स्टूडेंट ने जो कारनामा किया वो सच में मिसाल से कम नहीं है.
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