होम साइंस में बीए करते हुए, शहर की सबसे बड़ी कोचिंग में एसएससी की तैयारी करने वाले हों या फिर मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र. आदर्शों और संस्कारों को दरकिनार कर पोर्न लगभग सब देखते हैं. कुछ लोगों के लिए पोर्न कुछ देर के मनोरंजन का माध्यम है तो कुछ के लिए ऐसी आदत कि यदि ये लोग पोर्न न देखें तो इन्हें नींद न आए. किसे क्या देखना है क्या नहीं उसका वो जाने, जो अपने मन का देख रहा है. हम और आप आम आदमी हैं. और दुनिया जानती हैं कि भारत का आम आदमी कुछ कर पाए या न कर पाए वो ज्ञान अच्छे से देना जानता है.
अब हमारे समाज में ज्ञान देने वाले की क्या वैल्यू होती है इसे शायद बताना जरूरी नहीं है. ज्ञानचंदों से लोग कन्नी ही काटते और उनसे दूर ही भागते हैं. खैर, हम बात पोर्न की कर रहे थे. बचपन से लेकर जवानी तक जिंदगी के हर पड़ाव पर हम यही सुनते आए हैं कि, पोर्न देखना बिल्कुल भी संस्कारी नहीं है. इससे जहां एक तरफ समाज में लोग हमसे दूरी बना लेते हैं तो वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा जाता है कि पोर्न देखना स्वास्थ्य के लिहाज से भी सही नहीं है.
ये बातें सिगरेट के ऐड जैसी हैं. सिगरेट के ऐड में भी यही कहा जाता है कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इससे व्यक्ति को कर्क रोग होता है. ऐड के बावजूद लोग सिगरेट पी रहे हैं, और जम के पी रहे हैं. वैसे ही मना करने के बावजूद लोग पोर्न देख रहे हैं और जम के देख रहे हैं. हमें पता है आप विवेकवान व्यक्ति हैं अतः हम आपसे ये बिल्कुल भी नहीं कहेंगे कि पोर्न देखना खराब है या फिर पॉर्न हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.
हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो बस ये है कि भले ही आप ये मानते हों कि पोर्न देखने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता मगर पोर्न देखना आपके...
होम साइंस में बीए करते हुए, शहर की सबसे बड़ी कोचिंग में एसएससी की तैयारी करने वाले हों या फिर मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र. आदर्शों और संस्कारों को दरकिनार कर पोर्न लगभग सब देखते हैं. कुछ लोगों के लिए पोर्न कुछ देर के मनोरंजन का माध्यम है तो कुछ के लिए ऐसी आदत कि यदि ये लोग पोर्न न देखें तो इन्हें नींद न आए. किसे क्या देखना है क्या नहीं उसका वो जाने, जो अपने मन का देख रहा है. हम और आप आम आदमी हैं. और दुनिया जानती हैं कि भारत का आम आदमी कुछ कर पाए या न कर पाए वो ज्ञान अच्छे से देना जानता है.
अब हमारे समाज में ज्ञान देने वाले की क्या वैल्यू होती है इसे शायद बताना जरूरी नहीं है. ज्ञानचंदों से लोग कन्नी ही काटते और उनसे दूर ही भागते हैं. खैर, हम बात पोर्न की कर रहे थे. बचपन से लेकर जवानी तक जिंदगी के हर पड़ाव पर हम यही सुनते आए हैं कि, पोर्न देखना बिल्कुल भी संस्कारी नहीं है. इससे जहां एक तरफ समाज में लोग हमसे दूरी बना लेते हैं तो वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा जाता है कि पोर्न देखना स्वास्थ्य के लिहाज से भी सही नहीं है.
ये बातें सिगरेट के ऐड जैसी हैं. सिगरेट के ऐड में भी यही कहा जाता है कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इससे व्यक्ति को कर्क रोग होता है. ऐड के बावजूद लोग सिगरेट पी रहे हैं, और जम के पी रहे हैं. वैसे ही मना करने के बावजूद लोग पोर्न देख रहे हैं और जम के देख रहे हैं. हमें पता है आप विवेकवान व्यक्ति हैं अतः हम आपसे ये बिल्कुल भी नहीं कहेंगे कि पोर्न देखना खराब है या फिर पॉर्न हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.
हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो बस ये है कि भले ही आप ये मानते हों कि पोर्न देखने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता मगर पोर्न देखना आपके पीसी या मोबाइल को बीमार बहुत बीमार कर सकता है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. खबर है कि उन लाखों लोगों को भारी मन से अपने- अपने पीसी और मोबाइल का अंतिम संस्कार करना पड़ा जो पोर्नहब और इससे मिलती जुलती साइट्स पर जाकर बंद कमरों में पोर्न का लुत्फ़ लेते थे.
शायद याद आपको भी हो. जब आप किसी अंसिक्योर साईट पर जाते हैं और वहां कुछ ब्राउज करते हैं तो वहां एक साथ कई सारी पोर्न अप विंडो खुल जाती हैं. फिर एक के बाद एक मैसेज आते हैं कि आपकी डिवाइस हाई रिस्क पर आ चुकी है और यदि आप को उसे दोबारा सही करना है तो आपको बताए गए लिंक पर क्लिक करना होगा. आप जैसे ही उन लिंक्स पर क्लिक करते हैं आपकी डिवाइस में कई ऐसे वाइरस आ जाते हैं जिनको हटाया नहीं जा सकता. ये वाइरस आपका डाटा चुरा लेते हैं और आपको भारी मुसीबत में डाल देते हैं.
गौरतलब है कि आज इंटरनेट पर ऐसी सैकड़ों वेबसाइट्स पड़ी है जिनका एकमात्र उद्देश्य साइबर अटैक और डाटा चुराना है. तो अंत में हम बस इतना कहकर अपनी बात खत्म करेंगे कि आप अपने लिए न सही मगर अपने पीसी या मोबाइल की सेहत के लिए ही सही पोर्न देखना बंद कर दीजिये. कहीं ऐसा न हो जब तक आपको अपनी भूल का एहसास हो, आपका सिस्टम हैंग होकर सदा के लिए बंद हो जाए. और तब उसके साथ चलें जाएं वो डाटा जो आपने वर्षों की कड़ी मेहनत से बड़े ही सहेज के रखे थे.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.