हमारी दुनिया कितनी तरह की जैवविविधताओं से भरी पड़ी है इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल है. शायद यही वजह है कि करोड़ों वर्षों के बाद भी आज भी वैज्ञानिकों को इस धरती पर मौजूद सभी जीवों के बारे में जानकारी नहीं हो पाई है.
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव को खोजा है जो इस धरती पर मौजूद तो कई लाख वर्षों से है लेकिन उसके बारे में इंसान को अब जाकर पता चल पाया है.
यह जीव 3 फीट लंबी एक विशालकाय छिपकली है, जिसे हाल ही में न्यू पापुआ गिनी से सैकड़ों किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर के पास स्थित मसा नामक द्वीप से खोजा गया है. आइए आपको बताते हैं इस जीव के बारे में.
विशालकाय है यह छिपकली!
आपने पौराणिक कथाओँ या फिल्मों में विशालकाय छिपकलियों के बारे में पढ़ा-देखा होगा लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई यह छिपकली करीब 3 फीट लंबी है और इसके काले शरीर पर पीले और नारंगी रंग के धब्बे हैं, साथ ही इसकी जीभ भी पीले रंग की होती है.
इस तरह की विशालकाय छिपकलियों को मॉनिटर लीजर्ड के नाम से जाना जाता है. इस मॉनिटर लीजर्ड को नाम दिया गया वरानस सिमोटस (Varanus semotus) इस प्रजाति की छिपकलियों में लंबी गर्दन, मजबूत पूंछ और पंजे और विकसित अंग होते हैं. मसा द्वीप पर खोजी गई इस छिपकली को फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ टुकी के रिसर्चर्स ने 'जैविक विलक्षणता' करार दिया है. यह छिपकली उस द्वीप पर पाई जाने वाली सबसे बड़ी परभक्षी है.
मॉनिटर लीजर्ड |
यह द्वीप विलक्षण जीवों से भरा पड़ा है लेकिन फिर...
हमारी दुनिया कितनी तरह की जैवविविधताओं से भरी पड़ी है इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल है. शायद यही वजह है कि करोड़ों वर्षों के बाद भी आज भी वैज्ञानिकों को इस धरती पर मौजूद सभी जीवों के बारे में जानकारी नहीं हो पाई है.
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव को खोजा है जो इस धरती पर मौजूद तो कई लाख वर्षों से है लेकिन उसके बारे में इंसान को अब जाकर पता चल पाया है.
यह जीव 3 फीट लंबी एक विशालकाय छिपकली है, जिसे हाल ही में न्यू पापुआ गिनी से सैकड़ों किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर के पास स्थित मसा नामक द्वीप से खोजा गया है. आइए आपको बताते हैं इस जीव के बारे में.
विशालकाय है यह छिपकली!
आपने पौराणिक कथाओँ या फिल्मों में विशालकाय छिपकलियों के बारे में पढ़ा-देखा होगा लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई यह छिपकली करीब 3 फीट लंबी है और इसके काले शरीर पर पीले और नारंगी रंग के धब्बे हैं, साथ ही इसकी जीभ भी पीले रंग की होती है.
इस तरह की विशालकाय छिपकलियों को मॉनिटर लीजर्ड के नाम से जाना जाता है. इस मॉनिटर लीजर्ड को नाम दिया गया वरानस सिमोटस (Varanus semotus) इस प्रजाति की छिपकलियों में लंबी गर्दन, मजबूत पूंछ और पंजे और विकसित अंग होते हैं. मसा द्वीप पर खोजी गई इस छिपकली को फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ टुकी के रिसर्चर्स ने 'जैविक विलक्षणता' करार दिया है. यह छिपकली उस द्वीप पर पाई जाने वाली सबसे बड़ी परभक्षी है.
मॉनिटर लीजर्ड |
यह द्वीप विलक्षण जीवों से भरा पड़ा है लेकिन फिर भी इसके बारे में वैज्ञानिक काफी कम जानते हैं. इस जीव को खोजने वाली टीम में शामिल रहे ग्रैजुएट स्टूडेंट वाल्टर वेइजोला ने बताया कि वैसे तो विशालकाय छिपकलियां वे सभी चीजें खाती हैं जिसे वे पकड़ और मार सकें. साथ ही ये मरे हुए जीवों और कछुओं के अंडे भी खाती हैं. लेकिन मसा द्वीप में खोजी गई इस छिपकली के युवा सदस्य काफी रहस्यमयी होते हैं और कीड़ों और छोटे जानवरों के शिकार पर ही निर्भर होते हैं. साथ ही ये केकड़े और छोटी चिड़ियों का भी शिकार करती हैं.
वैज्ञानिकों से इससे पहले 2010 में फिलीपींस के लुजोन द्वीप पर 2 मीटर लंबी और डबल पेनिस वाली वरानस बिटाटावा (Varanus bitatawa) नामक मॉनिटर लीजर्ड को खोजा था.
मंगल पर जीवन की तलाश और एलियंस की खोज में जुटा इंसान अभी अपने घर में ही मौजूद जीवों को ठीक से जान नहीं पाया है. इस छिपकली की खोज इस धरती पर मौजूद प्रकृति की विशिष्टता और विलक्षणता का एक और प्रमाण है!
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