आज के समय में वाट्सएप हर किसी की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो चुका है. हर हाथ में स्मार्टफोन हैं और हर स्मार्टफोन में वाट्सएप. इसकी मदद से लोग अपने चाहने वालों को मैसेज करते हैं, कॉल करते हैं, वीडियो कॉल करते हैं और यहां तक की तस्वीरें और वीडियो भी भेजते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि इतने काम आने वाले इस ऐप का एक फीचर बेहद खतरनाक है, जो आपको जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचा सकता है? यकीनन ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा. खुद वाट्सएप को भी अपने इस फीचर के इतने खतरनाक हो जाने के बारे में पता नहीं होगा. लेकिन वाट्सएप के इस फीचर ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में रहने वाले 21 साल के जुनैद खान की जिंदगी जहन्नुम बना दी है.
पहले जान लीजिए जुनैद के साथ क्या हुआ
जुनैद मध्य प्रदेश के रायगढ़ में रहते हैं. 14 फरवरी को जुनैद के खिलाफ आईटी ऐक्ट की धारा लगी और साथ ही देशद्रोह के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि जुनैद एक ग्रुप का एडमिन था, जिसमें आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड किया गया था. पिछले 5 महीनों से जुनैद जेल की सलाखों के पीछे है. जुनैद का कहना है कि वह उस ग्रुप का सिर्फ एक सदस्य था ना कि ग्रुप एडमिन. वह ग्रुप एडमिन कैसे बना ये उसे नहीं पता. दरअसल, अगर जुनैद की बात सच है तो उसके ग्रुप एडमिन बनने का कारण वाट्सएप का ही एक फीचर है, जिसके चलते आज वह जेल पहुंच चुका है.
ये है वाट्सएप का वो फीचर
वाट्सएप में लोग ग्रुप बनाकर उसमें मैसेज करते हैं, जिसके जरिए एक ही बार में बहुत से लोगों तक एक मैसेज पहुंचाया जा सकता है. ग्रुप बनाने के वाट्सएप के फीचर ने लोगों को सहूलियत तो दी है, लेकिन 'डिफॉल्ट ग्रुप एडमिन' का फीचर बेहद खतरनाक है. दरअसल, अगर वाट्सएप पर आपने कोई ग्रुप बनाया तो आप उसके एडमिन हैं. अगर ग्रुप बनाने के बाद एडमिन खुद ही ग्रुप से बाहर चला जाता है, तो...
आज के समय में वाट्सएप हर किसी की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो चुका है. हर हाथ में स्मार्टफोन हैं और हर स्मार्टफोन में वाट्सएप. इसकी मदद से लोग अपने चाहने वालों को मैसेज करते हैं, कॉल करते हैं, वीडियो कॉल करते हैं और यहां तक की तस्वीरें और वीडियो भी भेजते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि इतने काम आने वाले इस ऐप का एक फीचर बेहद खतरनाक है, जो आपको जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचा सकता है? यकीनन ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा. खुद वाट्सएप को भी अपने इस फीचर के इतने खतरनाक हो जाने के बारे में पता नहीं होगा. लेकिन वाट्सएप के इस फीचर ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में रहने वाले 21 साल के जुनैद खान की जिंदगी जहन्नुम बना दी है.
पहले जान लीजिए जुनैद के साथ क्या हुआ
जुनैद मध्य प्रदेश के रायगढ़ में रहते हैं. 14 फरवरी को जुनैद के खिलाफ आईटी ऐक्ट की धारा लगी और साथ ही देशद्रोह के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि जुनैद एक ग्रुप का एडमिन था, जिसमें आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड किया गया था. पिछले 5 महीनों से जुनैद जेल की सलाखों के पीछे है. जुनैद का कहना है कि वह उस ग्रुप का सिर्फ एक सदस्य था ना कि ग्रुप एडमिन. वह ग्रुप एडमिन कैसे बना ये उसे नहीं पता. दरअसल, अगर जुनैद की बात सच है तो उसके ग्रुप एडमिन बनने का कारण वाट्सएप का ही एक फीचर है, जिसके चलते आज वह जेल पहुंच चुका है.
ये है वाट्सएप का वो फीचर
वाट्सएप में लोग ग्रुप बनाकर उसमें मैसेज करते हैं, जिसके जरिए एक ही बार में बहुत से लोगों तक एक मैसेज पहुंचाया जा सकता है. ग्रुप बनाने के वाट्सएप के फीचर ने लोगों को सहूलियत तो दी है, लेकिन 'डिफॉल्ट ग्रुप एडमिन' का फीचर बेहद खतरनाक है. दरअसल, अगर वाट्सएप पर आपने कोई ग्रुप बनाया तो आप उसके एडमिन हैं. अगर ग्रुप बनाने के बाद एडमिन खुद ही ग्रुप से बाहर चला जाता है, तो वाट्सएप किसी को भी डिफॉल्ट एडमिन बना देता है, बशर्ते, आपने उस ग्रुप में किसी और के एडमिन न बनाया हो.
इसी फीचर ने फंसा दिया जुनैद को
जुनैद के मामले में भी यही हुआ लगता है. जुनैद का कहना है कि वह ग्रुप के एडमिन नहीं थे. ग्रुप एडमिन इमरान थे, जिन्होंने एक आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड किया था. जब स्थानीय लोगों ने उस आपत्तिजनक पोस्ट पर शिकायत दर्ज कराई, तो इमरान ने ग्रुप छोड़ दिया. क्योंकि इमरान इकलौता एडमिन था, इसलिए उसके जाते ही वाट्सएप ने जुनैद को 'डिफॉल्ट ग्रुप एडमिन' बना दिया. अब इस मामले में इमरान को तो पुलिस ने पकड़ा ही है, साथ ही ग्रुप एडमिन होने के नाते जुनैद को भी गिरफ्तार कर लिया है.
वाट्सएप के लिए इस फीचर की दिक्कत से निपटना भी काफी मुश्किल है. दरअसल, अगर किसी ग्रुप का कोई एडमिन ही नहीं रहेगा तो उस ग्रुप की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी? खैर, इससे निपटने के लिए वाट्सएप को ही आगे आना होगा. वाट्सएप के पास इससे निपटने का एक विकल्प है. इसके तहत अगर किसी ग्रुप से एडमिन बाहर हो जाए तो उस ग्रुप में मैसेज भेजने पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए और ग्रुप के सदस्यों को एडमिन बनने के लिए न्योता भेजा जाना चाहिए. अगर कोई शख्स खुद को एडमिन बनाने पर राजी हो जाता है तो उसे एडमिन बना देना चाहिए. हालांकि, ये तो वाट्सएप को सिर्फ एक सुझाव है. भविष्य में ऐसा फीचर कब तक आएगा, आएगा भी या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा. ग्रुप एडमिन के पास तो फिलहाल इतना भी अधिकार नहीं है कि वह ग्रुप के किसी पोस्ट को डिलीट कर सके, जिसकी वजह से बहुत सी दिक्कतें हो रही हैं.
ये भी पढ़ें-
कोई करता है डांस, तो कोई फेसबुक अपडेट.. कहीं नहीं देखे होंगे ऐसे अनाड़ी चोर
...क्योंकि हर बात मजाक नहीं होती
किसी लड़की को छू कर निकल जाना हर बार मजा नहीं देता
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.