नेताओं के वे 10 बयान जिन्होंने 2017 में खूब बवाल कराया
2017 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर रहे. निजी हमलों के मामले में उन्हीं की पार्टी के मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह और मनीष तिवारी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया.
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गुजरात चुनाव में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी ने खूब बवाल कराया तो, साल 2017 के जाते जाते नरेश अग्रवाल ने कुलभूषण यादव को लेकर जो कहा वो तो खुद समाजवादी पार्टी के गले भी नहीं उतरा. हालांकि, ऐसे लोगों में मणिशंकर अय्यर ही ऐसे नेता रहे जिन्हें अपने बयान के लिए पार्टी से सस्पेंड होना पड़ा, बाकियों के बारे या तो निजी बता दिया गया या फिर उन्होंने बवाल होने पर यू-टर्न लेते हुए सफाई दे डाली. आइए भारतीय राजनीति के ऐसे ही कुछ नमूनों पर फिर से गौर फरमाते हैं -
1. समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कुलभूषण जाधव को लेकर विवादित टिप्पणी की. नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को अपने देश में आतंकवादी माना है, तो वह उस हिसाब से व्यवहार करेंगे. हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही कड़ा व्यवहार करना चाहिए. पाकिस्तान की जेलों में सैकड़ों भारतीय बंद हैं, ऐसे में उनकी भी बात होनी चाहिए, सिर्फ जाधव की नहीं.’
2. मणिशंकर अय्यर की प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी तो गुजरात चुनाव के दौरान कई दिनों तक सुर्खियों में छायी रही. अय्यर ने मोदी को 'नीच' और 'असभ्य' बताया था. इससे खफा राहुल गांधी ने अय्यर से माफी मंगवाई और कांग्रेस से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. हालांकि, अय्यर का कहना था कि नीच से उनका आशय जाति से नहीं था और ऐसा उनकी कमजोर हिंदी के चलते हुआ.
प्रधानमंत्री पद का सम्मान...
3. प्रधानमंत्री मोदी के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्विटर पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किया था. विवाद होने पर दिग्विजय ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से समझा गया. वैसे जिस बात को लेकर दिग्विजय सिंह सफाई दे रहे थे, आप खुद ही पढ़ लीजिए और फैसला कीजिए कि उनके कहने का आशय क्या था और क्या समझा गया?
Not mine but couldn't help posting it. My apologies to the person concerned. He is the best in the "Art of Fooling!" pic.twitter.com/6BGz3lFtcf
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 8, 2017
दिग्विजय सिंह के कुछ दिन बाद कांग्रेस के मनीष तिवारी ने भी प्रधानमंत्री मोदी के लिए ऐसी ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था.
4. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो मुसलमानों को भगवान राम की संतान होने का ही दावा कर डाला. अयोध्या मामले का जिक्र आने पर गिरिराज सिंह का कहना था - 'भारत में रहने वाले मुस्लिम मुगल शासक बाबर की औलाद नहीं हैं बल्कि वह भी हिन्दुओं जैसे भगवान राम की संतान हैं. भारत में बसने वाले हिंदू और मुसलमान एक ही वंशज और कुल के हैं. भारत में रहने वाला मुस्लिम बाबर की औलाद नहीं है, वह राम का वंशज है. भारत के सभी मुसलमानों को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहिए.'
5. बीजेपी नेता संगीत सोम ने तो ताजमहल को कलंक ही बता डाला और दावा किया कि उनके पार्टी की सरकार इतिहास बदलने का काम कर रही है. संगीत सोम ने कहा था, ''हमारी सरकार राम से लेकर महाराणा प्रताप और शिवाजी तक का इतिहास किताबों में लाने का काम कर रही है. और जो कलंक कथा किताबों में लिखी गई है, वो चाहे अकबर के बारे में हो, औरंगजेब के बारे में हो, चाहे बाबर हो उनके इतिहास को निकालने का काम कर रही है सरकार.''
संगीत सोम के बयान की आलोचना होने लगी तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को डैमेज कंट्रोल के लिए खुद आगरा जाना पड़ा. दरअसल, संगीत सोम ने ये बात तब कही जब ताजमहल को यूपी के हेरिटेज स्थलों की सूची से बाहर किये जाने को लेकर सवाल खड़े किये जाने लगे थे.
6. बलात्कार पीड़तों को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव से होड़ लेने वाले आजम खान ने तो सेना पर भी विवादित बयान दे डाला. आजम खां ने कहा, ‘दहशतगर्द फौज के प्राइवेट पार्ट्स काटकर ले गए. उन्हें हाथ, सिर और पैर से शिकायत नहीं थी. जिस्म के जिस हिस्से से थी वे उसे काटकर ले गए. ये इतना बड़ा संदेश है, जिस पर पूरे हिंदुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम दुनिया को क्या मुंह दिखाएंगे?’
7. पेट्रोल के बढ़ते दाम को जायज ठहराने के लिए केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री एजे अल्फोंस ने तो अपने बयान से बीजेपी की ही मुश्किल बढ़ा दी. ये समझाने के लिए कि जो लोग टैक्स दे सकते हैं उन्हें टैक्स देना चाहिये, अल्फोंस ने कहा, 'कार और बाइक चलाने वाले ही पेट्रोल खरीदते हैं, पेट्रोल खरीदने वाले भूखे तो नहीं मर रहे हैं.'
8. पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कर्नाटक से बीजेपी विधायक जीवराज ने तो सारी हदें ही पार कर दीं. एक कार्यक्रम में जीवराज ने कहा, 'हमने देखा है कि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में कई आरएसएस कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई है. अगर गौरी लंकेश ने आरएसएस के खिलाफ नहीं लिखा होता तो वह जिंदा होतीं.'
9. श्रीनगर उपचुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला तो लग रहा था अलगाववादियों की ही भाषा बोल रहे हैं. इसी साल कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर कई बार उन्होंने बहुत ही घटिया बयान दिये हैं. एक नमूना देखिये, 'आज वे दावा करते हैं कि ये भारत का हिस्सा है. तो इसे ले लीजिए. हम भी कहते हैं कि इसे ले लीजिए. हम भी देंखेंगे. वे कमजोर नहीं हैं और उन्होंने चूड़ियां नहीं पहन रखी है. उनके पास भी परणामु बम है.'
10. फारूक अब्दुल्ला की तरह ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादी बुरहान वानी के बारे में सनसनीखेज बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया. बुरहान वानी के मारे जाने की बरसी पर सोज ने कहा - 'मेरे बस में होता तो बुरहान वानी को जिंदा रखता और उससे बातें करता.'
हिज्बुल के कमांडर बुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर के त्राल में सुरक्षा बलों के मार गिराया था. बुरहान के मारे जाने के बाद जम्मू कश्मीर में महीनों हिंसा का दौर जारी रहा.
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