2017 रहा मुंबई के लिए हादसों भरा साल
2017 मुंबई के लिए काफी बुरा साबित हुआ, इस साल में 9 हादसों में मुंबई में 105 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सब के सब प्रशासन की लापरवाही का नतीजा थे..
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पूरे साल को मुंबई में हुए अलग-अलग हादसों के लिए याद किया जाएगा जिनमें कइयों को अपनी जान गंवानी पड़ी. साल 2017 के खत्म होने में कुछ ही समय रह गया था कि मुंबई के लोअर परेल में कमला मिल्स कम्पाउंड के एक रेस्टोरेंट में गुरुवार देर रात आग लग गई जिससे मुंबई एक बार फिर ख़बरों में आ गया. इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं साथ ही कई घायल हो गए. बताया जा रहा है कि अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई है जिन्हें बाहर निकलने के लिए रास्ता नहीं मिल पाया.
जिस रेस्टोरेंट में ये घटना हुई उसमें कई खामियां बताई जा रही हैं जिससे प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर देखने को मिली है. सवाल ये उठता है कि आखिर शहर के बीचों-बीच कैसे कोई नियमों को ताक पर रखकर इस तरह से रेस्टोरेंट चला रहा था. नए साल का जश्न शुरू होने वाला है और ऐसे में प्रशासन को इस तरह के स्थानों कि जाँच करनी चाहिए जिससे कि आगे इस तरह कि कोई घटना ना हो. लेकिन हर बार ये देखने को मिलता है कि हादसे के बाद ही करवाई होती है ऐसा क्यों नहीं होता कि पहले इन चीजों पर ध्यान जाये जिससे कि लोगों को अपनी जान ना गंवानी पड़े.
आईये एक नजर डालते हैं इस साल मुंबई में हुए अलग-अलग हादसों पर जिन्हें मुंबईकर भुला नहीं पाएंगे....
दिसंबर 29: 14 कमला मिल कंपाउंड के एक रेस्टोरेंट में आग लगने से 14 लोगों कि मौत और कई घायल हो गए.
दिसंबर 18: अँधेरी के साकीनाका इलाके में एक स्नैक्स कि दुकान में आग लगने से 12 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
सितम्बर 29: एलफिन्स्टन रेलवे स्टेशन पर बने फुट ओवर ब्रिज पर मची भगदड़ में 23 लोगों की जान चली गई और 39 घायल हो गए. जिसके पीछे की वजह वर्षा के कारण भींड़ और अफवाह को बताया गया. जबकि सच्चाई तो ये है कि उस फुट ओवर ब्रिज कि क्षमता भींड़ के हिसाब से कम है.
सितम्बर 6: जुहू इलाके में एक निर्माणधीन ईमारत में गैस सिलिंडर ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए.
अगस्त 31: भिंडी बाजार इलाके में एक जर्जर ईमारत के ढहने से 33 लोगों की मौत हो गई और 17 घायल हो गए.
अगस्त 29: मुंबई और इसके उपनगरीय इलाकों में महज 10 घंटों में 250 मिली मीटर की बारिश होने से एक डॉक्टर सहित 12 लोगों की मौत हो गई. इस बारिश ने शहर की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी थी.
जुलाई 25: घाटकोपर उपनगरीय इलाके में एक जर्जर चार मंजिला इमारत के ढहने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे.
फरवरी 19: भिवंडी की एक प्लास्टिक फैक्ट्री में शार्ट सर्किट से लगी आग में 4 मजदूरों की मौत हो गई.
जनवरी 23: मुंबई के मस्जिद रेलवे स्टेशन के पास आग लगने की घटना में 6 बच्चे घायल हो गए. इस घटना से मस्जिद और क्षत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस के बीच सेवाएं प्रभावित हुई थी.
हमने देखा है कि कैसे मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे देश में पिछले दो दशक में आग, ईमारत ढहने और भगदड़ में कइयों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. ऐसे में सवाल यही उठता है की आखिर कब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी और लोगों को जान माल का नुकसान होता रहेगा.
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