New

होम -> सियासत

 |  2-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 12 दिसम्बर, 2015 04:49 PM
  • Total Shares

अच्छे दिन आएंगे - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी जुमले पर सवार होकर देश के प्रधानमंत्री बने - पूर्ण बहुमत के साथ प्रथम गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री. मतलब ऐतिहासिक. पीएम मोदी के लिए 'अच्छे दिन आएंगे' का मतलब क्या था, किसके लिए था - बेहतर वही जानते हैं लेकिन इतना तो तय है कि जम्मू-कश्मीर में मंदिरों के लिए अभी अच्छे दिन नहीं आए हैं. लोकसभा में बीजेडी के सांसद भार्त्रुहरि महताब ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वो चौंकाने वाले हैं - 1989 से लेकर अब तक घाटी से 3.5 लाख हिंदू भगा दिए गए और 80 मंदिर नक्शे से गायब हैं.

कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को लेकर काफी राजनीति हो चुकी है. अफसोस कि ठोस कदम अब तक नहीं उठाया जा सका है. लेकिन घाटी में मंदिरों की बदहाली न तो समाचारों की सुर्खियां ही बन सकीं और न ही इस मामले पर कभी कोई राजनीति ही हुई. हिंदूवादी मुद्दों पर मुखर रहने वाली बीजेपी ने भी कभी इस मामले को नहीं उछाला. इसलिए जब बीजेडी सांसद महताब ने ये आंकड़े सदन में पेश किए तो यह बीजेपी के लिए सुखद अहसास के जैसा था. वो इसलिए भी क्योंकि मंदिर-मस्जिद के मुद्दों की मलाई खाती तो सभी पार्टियां हैं लेकिन धर्म-निरपेक्ष होने का चोला ओढ़कर जबकि धार्मिक होने का आरोप अकेले बीजेपी पर मढ़ दिया जाता है.

राम मंदिर निर्माण बीजेपी का एजेंडा रहा है - बीजेपी की सरकार का नहीं तो कम से कम भारतीय जनता पार्टी के लिए तो जरूर ही. यही वो एजेंडा था जिसके दम पर पार्टी संसद में 30 साल के भीतर 2 सीटों से सफर तय करते हुए बहुमत के साथ सत्ता पा लेती है. यही वो एजेंडा था जिसके दम पर आडवाणी हिंदू एकता के प्रतीक बन बैठते हैं जबकि नरेंद्र मोदी हिंदू हृदय सम्राट. आश्चर्य है कि अयोध्या में एक मंदिर के निर्माण पर राजनीति करने वाली बीजेपी के पास जम्मू-कश्मीर के मंदिरों की स्थिति का आंकड़ा नहीं है. खैर किसी और से ही सही... अब आंकड़े आ गए हैं. 80 मंदिर नक्शे से गायब हैं - मतलब ध्वस्त कर दिए गए. ऐसे में सवाल तो यह भी उठता है कि मंदिर कोई ऐसी चीज तो नहीं, जो वीराने में हो, यह तो समाज के बीच ही रहा होगा. तो आखिर वह किन-किन की सरकार थी, जब इन मंदिरों को तोड़ा गया और इस बारे में क्या कहती है पुलिस रिकॉर्ड. सब कुछ खंगाला जाना चाहिए.

मंदिर-मस्जिद करना अगर धार्मिकता है तो मंदिरों का तोड़ा जाना अपराध. इस पर राजनीति हो या न हो लेकिन अपराधी को कानून की जद में लाना सरकार की जिम्मेदारी बनती है.

#राम मंदिर, #भाजपा, #आरएसएस, राम मंदिर, बीजेपी, आरएसएस

लेखक

चंदन कुमार चंदन कुमार @chandank.journalist

लेखक iChowk.in में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय