प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के आगे 'श्री' न लगाने से आपके साथ ये सब हो सकता है !
क्या नियम ये कहते हैं कि कभी भी और कहीं भी पीएम मोदी का नाम लेने से पहले श्री लगाना जरूरी है, वरना सजा मिलेगी? चलिए जान लेते हैं आखिर मामला क्या है.
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कई बार हम पर किसी शख्स का प्रभाव इतना अधिक हो जाता है कि उसके बारे में हम सिर्फ अच्छा ही सुनना चाहते हैं. यहां तक कि अगर कोई उस शख्स का नाम लेने से पहले सम्मान सूचक शब्द इस्तेमाल ना करे, तो भी हमें बुरा लग जाता है. कुछ ऐसा ही व्यवहार रहा बीएसएफ के एक कमांडर का, जिसने बीएसएफ के एक जवान पर सिर्फ इसलिए जुर्माना लगा दिया, क्योंकि उसने 'मोदी प्रोग्राम' के आगे 'श्री' नहीं लगाया था. तो क्या नियम ये कहते हैं कि कभी भी और कहीं भी पीएम मोदी का नाम लेने से पहले श्री लगाना जरूरी है, वरना सजा मिलेगी?
नरेंद्र मोदी ने जताई नाराजगी
'मोदी प्रोग्राम' के आगे 'श्री' न लगाने की वजह से पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में तैनात बीएसएफ की 15वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल संजीव कुमार पर उनके कमांडिंग ऑफिसर ने सात दिन की सैलरी काटने का जुर्माना लगा दिया. आरोप था कि संजीव कुमार ने बीएसएफ एक्ट 1968 के सेक्शन 40 का उल्लंघन किया है. संजीव कुमार ने एक कार्यक्रम का जिक्र करते हुए 'मोदी प्रोग्राम' कहा था, बस इसी से कमांडिंग ऑफिसर नाराज हो गए थे. जब इसका पता पीएम मोदी को चला तो उन्होंने खुद ही यह आदेश वापस लेने को कहा. इसके बाद जवान की सैलरी वापस कर दी गई और कमांडिंग ऑफिसर को भी चेतावनी दी गई. इसे लेकर बीएसएफ ने एक ट्वीट भी किया.
Honourable PM had expressed his displeasure and directed @BSF_India to immediately withdraw the punishment.
— BSF (@BSF_India) March 7, 2018
क्या है 'बीएसएफ एक्ट 1968' के 'सेक्शन-40' में?
इस एक्ट के तहत अगर कोई जवान ऐसी गलती करता है जो बीएसएफ के अनुशासन और अच्छे आचरण के प्रतिकूल है, भले ही उसके बारे में इस एक्ट में न लिखा गया हो, तो उसे सिक्योरिटी फोर्स कोर्ट की तरफ से सजा दी जा सकती है. यह सजा 7 साल तक की या गलती की गंभीरता के अनुसार कम भी हो सकती है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस सेक्शन में कहीं भी सरकार या प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान दिखाने को लेकर कोई बात नहीं कही गई है. यहां बात सिर्फ बीएसएफ के अनुशासन की हो रही है और जवान संजीव कुमार ने बीएसएफ का अनुशासन नहीं तोड़ा. यही वजह है कि बीएसएफ ने कमांडिंग ऑफिसर को भविष्य में ऐसा न करने के लिए चेतावनी दी है.
भले ही कमांडिंग ऑफिसर ने पीएम मोदी के प्रति अपना अतिरिक्त सम्मान दिखाने के लिए ऐसी कड़ी कार्रवाई की, लेकिन उसकी गलती की वजह से खुद पीएम मोदी को भी काफी खरी-खोटी सुननी पड़ी. सोशल मीडिया पर लोगों ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए बहुत सी बातें कहीं. एक शख्स ने लिखा कि जितना पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह का अपमान किया है 2014 के कैंपेन में, इस हिसाब से तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा दे देनी चाहिए.
Jitna modi insult kiya hai PM Manmohan Singh ko 2014 k campaign mein, iss hisaab se toh modi ko lifelong rest de dena chahiye????????????
— TIGER ROARS (@being_SkTiger) March 7, 2018
वहीं कुछ लोग यह भी तर्क दे रहे हैं कि हो सकता है बीएसएफ में कुछ प्रोटोकॉल्स हों, जिनके चलते ऐसा किया गया हो.
Bro the force punished the soldier and not bjp. There might be some protocols in the force acording whch he was found guilty. And now dont say that modi asked bsf to punish the soldier.
— Sujith Kumar Palani (@MangoGuySujit) March 7, 2018
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप पर बीएसएफ ने आदेश को तुरंत वापस ले लिया और कमांडिंग ऑफिसर को चेतावनी भी दी. अगर वास्तव में बीएसएफ में ऐसा कोई प्रोटोकॉल होता तो बीएसएफ की तरफ से कमांडिंग ऑफिसर को चेतावनी देने के बजाय प्रोटोकॉल का हवाला देकर उसे बचाने की कोशिश की जाती.
बीएसएफ की ऐसी कार्रवाई की कुछ लोगों ने आलोचना भी की और खुद पीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
If it's true, it's ridiculous. PM himself should intervene and order for release of his salary. He has not committed any crime, I believe.
— Arun K Jain (@akjain2k9) March 7, 2018
बीएसएफ के जवान की सैलरी काटने की सजा के बारे में सुनकर कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह किंग जॉन्ग जैसे शासन की शुरुआत है. आपको बता दें कि किम जॉन्ग तानाशाही के लिए जाना जाता है.
Just the start of Kim Jong Era...
— Ankur Agrawal (@agrawalankur81) March 7, 2018
सवाल ये है कि जब खुद सरकार 'मोदी प्रोग्राम', 'मोदी सरकार', 'मोदी केयर' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही है, तो फिर बीएसएफ को किसी जवान द्वारा इनमें से किसी शब्द के बोलने पर आपत्ति क्यों? इस मामले में खुद पीएम मोदी ने हस्तक्षेप किया, क्योंकि उन्हें भी बीएसएफ की कार्रवाई गलत लगी. देश के हर नागरिक को प्रधानमंत्री का सम्मान करना चाहिए, लेकिन सम्मान का हवाला देकर परेशान करने वालों के खिलाफ भी कुछ कार्रवाई करने की जरूरत है. बीएसएफ तो सिर्फ एक उदाहरण भर है, देश भर में ऐसा बहुत सी जगहों पर होता है. खास कर सोशल मीडिया पर.
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