हवाई-जंग में अभिनंदन की मददगार बनी महिला अधिकारी की बात करना भी जरूरी है
जब पाकिस्तान ने भारत पर पर हवाई हमला किया था तो इस दौरान विंग कमांडर की तो खूब चर्चा हुई, लेकिन उस महिला के बारे में कोई नहीं जानता, जिन्होंने अभिनंदन की मदद की थी.
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पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की तो पाकिस्तान बौखला उठा और उसने भी भारतीय सीमा में घुसकर हवाई हमला किया. लेकिन समय रहते कंट्रोल रूम में मौजूद एक महिला स्क्वाड्रन लीडर ने भारत के लड़ाकू विमानों को अलर्ट कर दिया. उस दिन आसमान में लड़ाकू विमानों की डॉगफाइट हुई, जिसमें पाकिस्तान का एक लड़ाकू विमान मार गिराया गया.
भारत को भी एक विमान का नुकसान हुआ, लेकिन अगर कंट्रोल रूम से महिला स्क्वाड्रन लीडर ने समय पर अलर्ट नहीं किया होता तो शायद कोई बड़ा नुकसान हो सकता था. भारत के जिस विमान को पाकिस्तान ने मार गिराया था, उसी में थे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान, जो उस दुर्घटना के बाद पाकिस्तान की सीमा में जा पहुंचे थे. उस समय अभिनंदन की तो खूब चर्चा हुई, लेकिन इस पूरे मिशन को अंजाम देने में बहुत से लोग शामिल थे. इनमें से ही एक थीं वह महिला स्कवाड्रन लीडर, जिनकी सूझबूझ और समझदारी के चलते भारत ने पाकिस्तान को खदेड़ने में सफलता पाई.
जब पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था तो एक महिला स्कवाड्रन लीडर की सूझबूझ के चलते पाकिस्तान का प्लान नाकाम हो सका था.
तो आखिर कौन हैं ये बहादुर महिला स्वाड्रन लीडर?
वो महिला स्वाड्रन लीडर कौन हैं या उनका नाम क्या है, ये सारी जानकारियां अब तक सामने नहीं आई हैं. हां, इतना जरूर पता है कि वह पंजाब में स्थित आईएएफ के एक रडार कंट्रोल स्टेशन पर तैनात हैं. ऐसा भी हो सकता है कि सुरक्षा कारणों के चलते उनका नाम कभी सामने नहीं आए, लेकिन उनकी सूझबूझ और बहादुरी को देश कभी नहीं भूलेगा. 27 फरवरी को जब पाकिस्तान ने एफ-16, जेफ-17 और मिराज 5 से हमला किया था तो उन्होंने ही इसकी जानकारी लड़ाकू विमानों को दी और पाकिस्तानी विमानों की पल-पल की खबर भारतीय फाइटर प्लेन के पायलट्स को देती रहीं. खबर ये है कि उनकी बहादुरी के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल देने की सिफारिश भी की जा रही है.
वो महिला स्कवाड्रन लीडर ना होतीं तो न जाने क्या होता!
भारत को इस बात की सूचना पहले से ही थी कि भारत की ओर से बालाकोट में हुए हवाई हमले के बाद पाकिस्तान भी हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा है. 27 फरवरी की सुबह ही इस बात के इनपुट मिल गए थे, जिस पर सुबह 9.45 बजे मुहर भी लग गई, जब पाकिस्तान एयरफोर्स ने अपने फाइटर प्लेन्स को लाइन ऑफ कंट्रोल की ओर भेजा. जैसे ही पाकिस्तान के 4 जेट्स ने रजौरी के कलाल इलाके से एलओसी को पार किया, महिला स्क्वाड्रन लीडर ने समय गंवाए बिना दो सुखोई और दो मिराज को अलर्ट कर दिया. जैसे ही और जेट्स आते दिखे तो श्रीनगर एयरबेस के 6 मिग विमानों को भी अलर्ट कर दिया.
यूं तो इमरान खान बार-बार ये कहते दिखते हैं कि उन्होंने खाली इलाकों को टारगेट किया था ताकि कोई नुकसान ना हो और अपनी ताकत भी दिखाई जा सके. लेकिन सच तो ये है कि पाकिस्तानी विमानों के निशाने पर भारत के तीन सैन्य ठिकाने थे. इन विमानों ने भारतीय सेना के कृष्णा घाटी, नंगी टेकरी और नारियन स्थित ठिकानों को निशाना बनाया था. खाली इलाकों में पाकिस्तान ने दर्जन भर बम गिरा दिए, लेकिन इससे पहले कि वह टारगेट पर हमला कर पाते, भारतीय लड़ाकू विमानों ने उनसे लोहा लेना शुरू कर दिया. ये सब मुमकिन हो सका तो सिर्फ उस महिला स्कवाड्रन लीडर की वजह से, जो उस समय कंट्रोल रूम से ही पाकिस्तानी विमानों की पल-पल की खबर दे रही थीं. आपको बता दें कि भारतीय सीमा में पाकिस्तान के सिर्फ 3 विमान घुस सके थे, जबकि विमानों का पूरा दस्ता घुसने के लिए तैयार था. महिला स्वाड्रन लीडर की तरफ से अलर्ट करने की वजह से ही बाकी विमानों को भारतीय सीमा में घुसने से पहले ही रोक दिया गया.
विंग कमांडर अभिनंदन ने ही पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था, लेकिन इसी बीच उनके विमान पर भी हमला हुआ और उन्हें विमान से इजेक्ट करना पड़ा. उस दौरान विंग कंमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए, लेकिन भारत ने अपनी कूटनीतिक सूझबूझ से 1 मार्च को उन्हें रिहा करवा लिया. विंग कमांडर अभिनंदन की मदद करने वाली उस महिला स्क्वाड्रन लीडर का नाम भले ही देश का कभी पता ना चले, लेकिन देश उनकी बहादुरी को कभी नहीं भूलेगा.
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