"मुसलमानों के मसीहा जनाब केजरीवाल!" कृपया ऐसी राजनीति मत करिए
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानियां कम होने का नाम नहीं लेती हैं. ताजा मामला पोस्टर्स से जुड़ा है जिसको देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में इसको लेकर भी आलोचकों द्वारा, केजरीवाल को बक्शा नहीं जाएगा.
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आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देश की सक्रिय राजनीति में 5 साल और कुछ महीने बीत चुके हैं. 5 साल जैसे लम्बे वक़्त के बावजूद, अगर पार्टी या मुख्यमंत्री केजरीवाल को जनाधार के लिए किसी समुदाय विशेष की मदद लेनी पड़ जाए, तो यही माना जाएगा कि, अभी भी सही राजनीति के लिए केजरीवाल को काफी वक़्त लगेगा. अलग-अलग कारणों से चर्चा में रहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन ऐसा कुछ न कुछ होता है जिसकी बदौलत आलोचकों को केजरीवाल के खिलाफ बोलने का मौका मिल जाता है.
केजरीवाल को देखकर लगता है कि वो और विवाद एक दूसरे के पर्याय हैं
ताजा मामला दिल्ली के खजूरी का है. जहां लगे कुछ पोस्टरों के कारण केजरीवाल के आलोचकों को फिर मौका मिला है उनके खिलाफ बोलने का. और इसकी शुरुआत उन्हीं की पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने की है. पोस्टरों के जरिये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताया गया है. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में पार्टी के बागी विधायकों में शुमार कपिल मिश्रा ने इन पोस्टरों के माध्यम से केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है. कपिल मिश्रा ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा है कि ये कहाँ आ गए AAP? कृपया इस दिल्ली शहर में ऐसी राजनीति मत करिए. ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री केजरीवाल 4 फरवरी को दिल्ली के खजूरी में रैली करने वाले हैं.
ये कौन सी राजनीति है? ये नए "मसीहा" बन गए।
ऐसे पोस्टर्स सारे खजूरी क्षेत्र में लगे हुए हैं, जहां सन्डे को कोई रैली होनी हैं। pic.twitter.com/4qhS6WtR9S
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 2, 2018
खजूरी में मौजूद ये पोस्टर्स इस बात की ओर साफ इशारा कर रहे हैं कि एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण कहीं न कहीं इन पोस्टर्स से केजरीवाल को बड़ा फायदा मिल सकता है. बात अगर मुस्लिम वोटर्स को रिझाने के लिए लगाए गए इन पोस्टर्स के कंटेंट पर हो तो इसमें साफ लिखा है कि केजरीवाल मुसलमानों के मसीहा हैं.
ये कहाँ आ गए AAP? कृपया इस दिल्ली शहर में ऐसी राजनीति मत करिए। pic.twitter.com/J2A6OlwZg2
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 2, 2018
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर एक विडियो के माध्यम से कपिल मिश्रा ने कहा है कि, धर्म के नाम पर दिल्ली में ये गलत किस्म कि राजनीति शुरू की जा रही है. कपिल मिश्रा ने कहा है कि, “श्री राम कॉलोनी जहां पर यह सभा की जा रही है वह एक मुस्लिम बहुत इलाका है और पोस्टर में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल गलत है. कपिल मिश्रा ने माना है कि ये गंदी राजनीति है और आम आदमी पार्टी दिल्ली में गलत राजनीति की शुरुआत कर चुकी है.”
केजरीवाल भी वही राजनीति कर रहे हैं जैसी राजनीति इस देश में होती चली आ रही है
न सिर्फ कपिल मिश्रा बल्कि दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिन्दर सिंह बग्गा ने भी इन पोस्टरों को गलत माना है. इन पोस्टर्स पर अपना पक्ष रखते हुए बग्गा ने कहा है कि, केजरीवाल हिन्दू-मुसलमान का मुद्दा उठा कर अपनी नाकामियां छुपाने का काम कर रहे हैं. बग्गा ने ट्विटर पर केजरीवाल से सवाल पूछते हुए ट्वीट किया है कि, "केजरीवाल जी आप फ्री वाईफाई का हिसाब दो, 500 स्कूल का जवाब दो, 15 लाख कैमरे का जवाब दो, 20 कॉलेज का जवाब दो, डीटीसी बसों में सुरक्षा गार्ड का जवाब दो, हिन्दू मुसलमान करके आप अपनी असफलताएं नही छुपा सकते"
केजरीवाल जी आप फ्री वाईफाई का हिसाब दो,500 स्कूल का जवाब दो,15 लाख कैमरे का जवाब दो,20 कॉलेज का जवाब दो,डीटीसी बसों में सुरक्षा गार्ड का जवाब दो, हिन्दू मुसलमान करके आप अपनी असफलताएं नही छुपा सकते । pic.twitter.com/vxFQ2lDEu7
— Tajinder P Singh Bagga (@TajinderBagga) February 2, 2018
बहरहाल, अब चाहे ये पोस्टर खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लगवाए हों या फिर उनके किसी समर्थक ने "अच्छे नंबर" हासिल करने के लिए उन्हें आम मुसलमानों का मसीहा बना दिया हो. इसपर अभी कुछ कहना जल्दबाजी है. हां मगर इन पोस्टर्स से एक बात तो साफ है कि अब इन्हें लेकर दिल्ली की सियासत में आए रोज कुछ न कुछ नया देखने को मिलेगा जो यक़ीनन केजरीवाल के लिए परेशानी का सबब बनेगा.
अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि, अपनी राजनीति के शुरूआती दौर में केजरीवाल ने लोगों को इस बात से आश्वस्त कराया था कि वो वैसी राजनीति नहीं करेंगे जैसी राजनीति इस देश में हो रही है. बल्कि वो एक ऐसी राजनीति की शुरुआत करेंगे जो पूरी तरह से धर्म और जात से परे होगी. इन पोस्टर्स को देखकर ये बात पूरी तरह साफ हो गयी है कि शायद केजरीवाल के पास कुछ नया नहीं है. वो वही कर रहे हैं जिससे हिंदुस्तान में नेताओं को कुर्सी मिलती हैं और जिससे कुर्सी जाती है.
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