बिहार में सुशांत की तरह बंगाल में कांग्रेस को रिया में नजर आया चुनावी मुद्दा
अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने रिया चक्रवर्ती का सपोर्ट किया है. ऐसा लगता है सुशांत सिंह की तरह कांग्रेस रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) को पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Election 2021) में मुद्दा बनाने की सोच रही है - ध्यान रहे एक आरोपी के हक की लड़ाई बैकफायर भी कर सकती है!
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बिहार चुनाव में सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ दिलाने का अभियान चुनावी मुद्दा बन चुका है - लेकिन क्या मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) के इंसाफ पाने के हक को लेकर भी ठीक ऐसे ही भुनाया जा सकता है?
रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत केस में मुख्य आरोपी बनाया गया है - और ड्रग्स केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उनको जेल भेज दिया है. जिस तरह कंगना रनौत सुशांत सिंह को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं, ठीक वैसे ही बॉलीवुड की कई हस्तियां भी रिया चक्रवर्ती के पक्ष में लामबंद होने लगी हैं. सुशांत सिंह राजपूत के केस को आगे बढ़ाते बढ़ाते कंगना रनौत जहां उद्धव ठाकरे के खिलाफ जोरदार तरीके से जंग छेड़ चुकी हैं, महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ साझीदार कांग्रेस रिया चक्रवर्ती के सपोर्ट में सामने आयी है.
रिया चक्रवर्ती को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) के बयान से ऐसा लगने लगा है कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल (West Bengal Election 2021) में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में रिया चक्रवर्ती के इंसाफ पाने के हक को एक मुद्दे के तौर पर उठाने पर विचार कर रही है - लेकिन क्या कांग्रेस को मालूम है कि किसी केस के मुख्य आरोपी के इंसाफ पाने के हक का सपोर्ट उसे भारी भी पड़ सकता है?
कांग्रेस का रिया चक्रवर्ती को समर्थन
एक बात तो साफ है. बिहार चुनाव तक सुशांत सिंह राजपूत का मामला ठंडा नहीं पड़ने वाला है. अभी तो रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में जेल भेजा गया है. सुशांत सिंह के खातों से हुए लेन देन को प्रवर्तन निदेशालय अलग से खंगाल रहा है - और सुशांत सिंह राजपूत केस की असल जांच तो सीबीआई कर रही है.
ये भी साफ है कि बिहार चुनाव तक ये मामला बिलकुल भी ठंडा नहीं पड़ने वाला है. बिहार चुनाव खत्म होते होते पश्चिम बंगाल चुनाव की संभावित तारीख भी मुश्किल से छह महीने से भी कम ही दूर होगी. पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई, 2021 में विधानसभा चुनाव होने की अपेक्षा है.
9 सितंबर, 2020 को जब कंगना रनौत के मुंबई पहुंचने से पहले ही बीएमसी ने उनका दफ्तर तोड़ दिया था - और उस एक्शन को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार और शिवसेना के खिलाफ पूरा देश सोशल मीडिया पर उबल रहा था, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्विटर पर रिया चक्रवर्ती के इंसाफ पाने के हक के प्रति समर्थन जताया.
शाम के पौने पांच बजे अधीर रंजन चौधरी ने रिया के सपोर्ट में ट्वीट किया और करीब 11 बजे उनको पश्चिम बंगाल कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा हुई. लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पार्टी ने तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल PCC का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. जाहिर है जिस समय अधीर रंजन चौधरी ने रिया के समर्थन में ट्वीट किया है तब तक उनको पश्चिम बंगाल भेजे जाने का फैसला हो चुका होगा और उसकी जानकारी भी उनको दे दी गयी होगी - लिहाजा नयी पारी का ओपनिंग शॉट अधीर रंजन चौधरी ने रिया चक्रवर्ती के नाम पर खेलने का फैसला किया होगा.
कांग्रेस को लेने के देने न पड़े रिया चक्रवर्ती को सपोर्ट करना
अधीर रंजन चौधरी ने ट्विटर पर लिखा है, 'रिया के पिता फौजी अफसर रहे हैं. देश की सेवा की है. रिया एक बंगाली ब्राह्मण महिला हैं. सुशांत सिंह राजपूत को लेकर एक साथ कई ट्वीट में अधीर रंजन चौधरी ने ये भी लिखा है कि रिया के पिता भी अपनी बच्ची के लिए इंसाफ मांगने के हकदार हैं. मीडिया ट्रायल को देश की न्यायिक व्यवस्था के लिए खराब बताते हुए अधीर रंजन चौधरी ने याद दिलाया - सभी के लिए न्याय हमारे संविधान का बुनियादी सार है.
Rhea's father is a former military officer, served the nation. Rhea is a Bengalee Brahmin lady, justice to actor sushant rajput should not be interpreted as a justice to Bihari.#SushantSinghRajputCase (4/n)
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) September 9, 2020
सुशांत सिंह राजपूत केस के बहाने अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भी टारगेट किया है. कहते हैं, केंद्रीय जांच एजेंसियां ऐसे अपने काम कर रही है जिससे सरकार में बैठे लोग खुश हो सकें.
साथ ही, अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ एक बिहारी के लिए न्याय का मामला नहीं है. अधीर रंजन चौधरी ने सुशांत सिंह राजपूत को देश का एक्टर बताया है और बीजेपी पर आरोप लगाया है कि चुनावी फायदे के लिए पार्टी ने उनको बिहारी कलाकार बना दिया है. हैरानी की बात तो ये है कि अधीर रंजन चौधरी बीजेपी को जिस बात के लिए कोस रहे हैं, खुद भी वो वही काम कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता एक तरफ तो सुशांत सिंह राजपूत को देश के एक्टर बता रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ खुद वो रिया का समर्थन कर रहे हैं - मतलब साफ है पश्चिम बंगाल चुनाव के हिसाब से वो खुद भी सुशांत को राष्ट्रीय कलाकार नहीं बल्कि बिहारी ही मानते हैं. बंगाल के हिसाब से अधीर रंजन चौधरी को रिया का पक्ष सूट करता है लिहाजा वो उसके इंसाफ के हक की डिमांड का सपोर्ट कर रहे हैं.
आरोपी की पैरवी के राजनीतिक खतरे भी हैं
सुशांत सिंह राजपूत केस की सीबीआई जांच के बीच ड्रग्स मामले में एक्टर रिया चक्रवर्ती के समर्थन में बॉलीवुड की कई हस्तियों ने आवाज उठायी है - अनुराग कश्यप, फरहान अख्तर, शबाना आजमी, करीना कपूर, विद्या बालन, अभय देओल, सोनम कपूर, मलाइका अरोड़ा और तापसी पन्नू ने अपनी तरफ से रिया चक्रवर्ती के पक्ष में अपना बयान दिया है. कुछ ने रिया को लंबे अरसे से जानने की बात कही है तो कइयों का मानना है कि रिया चक्रवर्ती के साथ जो हो रहा है वो गलत हो रहा है - ध्यान रहे इनमें से ज्यादातर हस्तियां बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर आलोचक भी हैं.
रिया चक्रवर्ती के सपोर्ट के नतीजों का अनुमान लगाने के लिए कांग्रेस चाहे तो देख सकती है कि शिवसेना के खिलाफ कंगना रनौत को किस तरह का सपोर्ट मिल रहा है - वो इस बात का सबूत भी है कि रिया चक्रवर्ती को लेकर आम लोगों की राय क्या है.
ये कुदरती इंसाफ की ही थ्योरी है कि आरोप लगने भर से कोई व्यक्ति अपराधी नहीं हो जाता - जाहिर है रिया चक्रवर्ती पर भी ये बात लागू होती है. कानूनी प्रक्रिया चलाये जाने के बाद अदालत में दोष साबित होने के बाद ही आरोपी को दोषी माना जाता है. निश्चित तौर पर रिया चक्रवर्ती को भी अपनी कानूनी लड़ाई लड़ने का पूरा हक है.
लेकिन ये बात भी तो गौर करने वाली है कि एक बार आरोप लग जाने के बाद उस व्यक्ति के अदालत से बाइज्जत बरी होने तक तक उसे बेदाग भी नहीं माना जा सकता है - निश्चित तौर पर ट्रायल चलने तक रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत केस के मुख्य आरोपी के तौर पर ही ट्रीट किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल चुनाव की तैयारी के लिए निकले अधीर रंजन चौधरी को रिया चक्रवर्ती में एक बंगाली ब्राह्मण का अक्स नजर आ रहा है और वो उस वक्त ये भूल जा रहे हैं कि रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगा है. क्या अधीर रंजन चौधरी को ये लगता है कि पश्चिम बंगाल के बंगाली ब्राह्मण रिया चक्रवर्ती का सपोर्ट करने के लिए ममता बनर्जी या बीजेपी को छोड़ कर कांग्रेस के समर्थन में एकजुट हो जाएंगे?
ये तो ऐसे ही लग रहा है जैसे विकास दुबे एनकाउंटर के बाद से यूपी में राजनीतिक दल ब्राह्मण पॉलिटिक्स करने लगे हैं - अखिलेश यादव और मायावती में परशुराम की मूर्ति लगाने की ऐसी होड़ पहले कभी तो नहीं देखी गयी. आखिर अखिलेश यादव, मायावती या कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को ऐसा क्यों लगता है कि एक क्रिमिनल के साथ हुई नाइंसाफी को मुद्दा बना कर वे उस समुदाय के सभी लोगों में सहानुभूति की लहर पैदा कर पाएंगे - और उसके बदले में ब्राह्मण समुदाय विकास दुबे के नाम पर वोट मांगने वालों के साथ खड़ा हो जाएगा?
कांग्रेस को अपना स्टैंड तय करने का पूरा अधिकार है, लेकिन अधीर रंजन चौधरी को ये नहीं भूलना चाहिये कि रिया चक्रवर्ती के अदालत से सारे आरोपों के बरी होने तक वैसा ही खतरा है जैसा विकास दुबे के नाम पर राजनीति में.
चूंकि बीजेपी सुशांत सिंह राजपूत के पक्ष में है इसलिए कांग्रेस का उसके खिलाफ जाना भी एक स्वाभाविक कदम है - राजनीतिक लाइन की बात जो है. सवाल तो ये भी उठता है कि क्या राजनीतिक विरोध के नाम पर ऐसा रास्ता चुन लेना चाहिये जो खुदकुशी जैसा लगता हो?
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