ये अफ़ग़ानिस्तान है, या पाकिस्तान? 'ISI मुर्दाबाद' नारे लगाने वालों पर तालिबान की फायरिंग
पाकिस्तान और आईएसआई के विरोध में सैकड़ों अफगान नागरिक अभी बीते दिन काबुल की सड़कों पर उतर आए. कटटरपंथी तालिबान को लोगों का पाकिस्तान के खिलाफ जाना रास नहीं आया और उसने पाकिस्तान विरोधी रैली पर गोलियों की बरसात कर दी.
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आदत और फितरत... व्यक्ति अपनी आदत भले ही बदल ले मगर जो फितरत होती है वो कभी नहीं बदल पाती. इसे यूं समझिए. कोई चोर या डकैत भले ही सभ्य समाज के बीच रहे मगर चूंकि चोरी डकैती उसकी फितरत में है वो शायद ही बाज़ आए. ऐसा ही कुछ मिलता जुलता हाल अफगानिस्तान में तालिबान का है. मौजूदा तालिबान भले ही दुनिया को ये बताने के लिए जान दिए पड़ा हो कि वो 20 साल पुराने तालिबान से अलग और लिबरल है. मगर जब हम उसकी हकीकत देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है वो आज भी पहले जितना ही कट्टर है. यानी तालिबान हर उस चीज को देखकर आहत हो जाता है जो उसका विरोध करती हैं. इन बातों को समझने के लिए हम राजधानी काबुल का रुख कर सकते हैं जहां हो रहा प्रोटेस्ट तालिबान को इतना नागवार गुजरा कि उसने प्रदर्शनकारियों पर ओपन फायर कर दिया.
काबुल की सड़कों पर पाकिस्तान के खिलाफ हाथ में तख्ती लेकर प्रदर्शन करती अफगानी महिलाएं
बता दें कि अभी बीते दिन ही सैकड़ों अफगान, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं, पाकिस्तान विरोधी रैली में काबुल की सड़कों पर उतरे, जिसमें उन्होंने इस्लामाबाद और आईएसआई के खिलाफ नारे लगाए. जैसे ही विरोध तेज हुआ, तालिबान ने रैली पर गोलियां चला दीं. मामले के मद्देनजर समाचार एजेंसी एएफपी की मानें तो तालिबान ने काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं हैं.
एक स्थानीय मीडिया आउटलेट असवाका न्यूज ने बताया कि तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन के पास जमा हुए प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. ऐसा क्यों हुआ? वजह बस इतनी थी कि प्रदर्शनकारी काबुल सेरेना होटल की ओर मार्च कर रहे थे. ज्ञात हो कि ये वो जगह है जहां पिछले एक सप्ताह से पाकिस्तान आईएसआई के डायरेक्टर ठहरे हुए हैं.
#Breaking (Asvaka Exclusive)Happening now near Presidential Palace.Taliban open fire on anti-Pakistan protesters who were marching towards ARG & Kabul Serena Hotel where the #Pak ISI director is living. pic.twitter.com/XvtMcM3OcI
— Aśvaka - آسواکا News Agency (@AsvakaNews) September 7, 2021
वो तमाम वीडियो जो इंटरनेट पर जंगल में लगी आग की तरह फैल रहे हैं और जिन्हें स्थानीय मीडिया द्वारा साझा किया गया है उनमें सैकड़ों अफगान पुरुषों और महिलाओं को पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाते हुए और काबुल की सड़कों पर तख्तियां दिखाते हुए दिखाया गया है. बाद में, विरोध अफगानिस्तान के उत्तर में बल्ख प्रांत में फैल गया जहां सैकड़ों लोग सड़कों पर आंदोलन करते पाए गए हैं.
जैसे ही गुस्सा बढ़ा, अफगान प्रदर्शनकारियों ने 'आज़ादी, आज़ादी' और 'पाकिस्तान को मौत', 'आईएसआई को मौत' का आह्वान किया. भले ही अफगानिस्तान के लोग गुस्सा हों लेकिन मामले में दिलचस्प ये कि नकाब और बुर्का पहने महिलाएं काबुल की सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगा रही थीं.
Anger mounting on the streets of Kabul, people chanting "freedom" and "death to Pakistan". The demonstrators, many of them women, are in the centre of the Afghan capital #Afghanistan pic.twitter.com/Jg5RDzFsiA
— Yalda Hakim (@BBCYaldaHakim) September 7, 2021
अफगानी महिलाओं में नाराजगी का लेवल क्या है? गर जो इसे समझना हो तो हम ट्विटर पर शेयर किए गए उस वीडियो को देख सकते हैं जिसमें एक एक अफगान महिला कहती है, 'किसी को भी पंजशीर पर आक्रमण करने का अधिकार नहीं है, न ही पाकिस्तान और न ही तालिबान.'
ध्यान रहे कि अभी बीते दिन ही तालिबान ने दावा किया था कि उन्होंने पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है. पंजशीर वो स्थान है जहां से एन्टी तालिबान, तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे.
गौरतलब है कि तालिबान पर खासा प्रभाव रखने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने बीते शनिवार को काबुल का औचक दौरा किया था. पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ता कैसा है? क्यों अफगानियों द्वारा पाकिस्तान के विरोध को देखकर तालिबान बौखला गया यदि प्रश्न ये हो तो इसका जवाब जानने के लिए हमें दो दशक पीछे की यात्रा करनी होगी और उस दौर में जाना होगा जब अफगानिस्तान पर अमेरिका हमला कर रहा था. तब ये पाकिस्तान ही था जो खुलकर तालिबान की मदद के लिए सामने आया था.
जिक्र वर्तमान का हो तो वर्तमान में भी पाकिस्तान तालिबान, उसकी गतिविधियों, उसकी विचारधारा का खुला समर्थन करता है. वहीं तालिबान भी पाकिस्तान को अपना 'दूसरा घर' बताता है. माना जा रहा है कि जल्द ही तालिबान पाकिस्तान को अपने सरकार गठन समारोह के लिए आमंत्रित करेगा और जैसी उम्मीद है इस प्रोग्राम में पाकिस्तान की कई नामी गिरामी शख्सियतों को हम तालिबानी आतंकियों के साथ मंच साझा करते हुए देख सकते हैं.
#BREAKINGFemale Protester in Kabul: “No one has the right to invade #Panjshir, neither Pakistan nor the Taliban. Long live the resistance.” https://t.co/puKGQryeMh
— Muslim Shirzad (@MuslimShirzad) September 7, 2021
बात तालिबान और पाकिस्तान के रिश्ते की चली है तो ये बताना भी बहुत जरूरी है कि तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इंडिया टुडे टीवी को एक इंटरव्यू में बताया था कि पाकिस्तान, नए तालिबान प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि तालिबान के कई परिवार, बच्चे पाकिस्तान में रहते हैं.
वहीं पाकिस्तानी मंत्री शेख राशिद ने भी एक टीवी शो में इस बात के साफ संकेत दिए थे कि पाकिस्तान सरकार हमेशा तालिबान नेताओं की 'संरक्षक' रही है. पाकिस्तानी मंत्री ने कहा था कि हम तालिबान नेताओं के संरक्षक हैं. हमने लंबे समय तक उनकी देखभाल की है. उन्हें पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और एक घर मिला. हमने उनके लिए सब कुछ किया है.
वो पाकिस्तान जिसने तालिबान और उसके आतंकियों के लिए खाद पानी का काम किया उन्हें पनाह दी क्या वो तालिबान अपने आकाओं के खिलाफ कोई बात सुन सकता था? जवाब प्रदर्शनकारियों पर ओपन फायरिंग ने दे दिया है. कुल मिलाकर पाकिस्तान के खिलाफ आए अफगानी प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर तालिबान ने पाकिस्तान से मिले नमक का हक़ अदा कर दिया है.
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