'समझौता एक्सप्रेस' बंद कर शेख रशीद ने भारत नहीं, पाकिस्तान का नुकसान किया है
'समझौता एक्सप्रेस' के बंद किये जाने के बाद पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद न सिर्फ जनता बल्कि खुद प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्रिमंडल से आलोचना झेल रहे हैं. इमरान सरकार भी इस बात को मानती है कि इस फैसले के फायदे कम और नुकसान ज्यादा हैं.
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जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35 ए रद्द किये जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने एक बार फिर एक ऐसा फैसला लिया है, जिसका सीधा असर न सिर्फ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा. बल्कि जिसने आम पाकिस्तानी नागरिकों को भी आहत कर दिया है. लोग सरकार के इस फैसले की निंदा कर रहे हैं और यही कह रहे हैं कि इस फैसले के जरिये पाकिस्तान ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है. फैसला खुद पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने लिया है. पत्रकारों से हुई बातचीत में शेख रशीद ने स्पष्ट लहजे में कहा कि जब तक वो रेल मंत्री के पद पर हैं तब तक पाकिस्तान में ट्रेन नहीं चलेगी.
समझौता एक्सप्रेस को लेकर जो फैसला पाकिस्तान ने किया है उससे उसके मुल्क का नुकसान ही होगा
शेख रशीद ने ये भी कहा कि जिन यात्रियों ने हिंदुस्तान जाने के लिए एडवांस बुकिंग कराई थी उनका पूरा पैसा रिफंड कर दिया जाएगा. 'समझौता एक्सप्रेस' के विषय पर और अधिक जानकारी देते हुए पाकिस्तानी रेल मंत्री ने कहा कि 'समझौता एक्सप्रेस की बोगियों को ईद के लिए चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों में जोड़ा जाएगा.' शेख रशीद ने भारत से अपनी बोगियां और ट्रेन के इंजन को वापस लेने के लिए कहा है.
मंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी का अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला गलत है. अपनी पत्रकार वार्ता में पाकिस्तानी रेल मंत्री ने भारत को धमको भी दी थी. उन्होंने कहा है कि यदि दोनों देशों को बीच लड़ाई होती है तो यह इस मुद्दे पर अंतिम युद्ध होगा. पाकिस्तान का कश्मीर पर ज्यादा अधिकार हैं क्योंकि पाकिस्तानी और कश्मीरियों का धर्म, संस्कृति, सभ्यता और मूल्य एक ही हैं. हम लड़ाई नहीं चाहते हैं लेकिन हम भारतीय अत्याचार पर शांत नहीं बैठ सकते क्योंकि श्रीनगर येरुसलेम नहीं है.
#WATCH Punjab: Samjhauta Express arrives from Pakistan, at Attari railway station. Railway crew & guard from India had gone with a train engine to Pakistan today after receiving a message from them that their driver & crew had refused to come to India. pic.twitter.com/MzGW1xaysu
— ANI (@ANI) August 8, 2019
ज्ञात हो कि भारत के अटारी से पाकिस्तान के लाहौर तक हर सोमवार और गुरुवार चलने वाली इस ट्रेन को बंद करना पाकिस्तान की एक बड़ी चूक माना जा रहा है. एक बड़ा वर्ग है जिसका मानना है कि इस फैसले को लेकर न सिर्फ पाकिस्तानी हुक्मरानों ने अपनी अपरिपक्वता का परिचय दिया. बल्कि खुद अपनी अर्थव्यवस्था के ताबूत में अंतिम कील ठोंकी है.
Punjab:Train engine for Samjhauta Express leaves from Attari railway station,for Pak. Station Master says "Services haven't stopped. Pak's driver&guard refused to come to India. So they sent us message to send engine with Indian crew&guard. They'll go with engine&bring the train" pic.twitter.com/L655YLrMaU
— ANI (@ANI) August 8, 2019
रेल मंत्री प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी से नहीं है और चूंकि ये फैसला रेलमंत्री ने लिया है इसलिए पाकिस्तान की सियासत में भी जबरदस्त सियासी तूफान आ गया है.
पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर के शो में पाकिस्तान की इमरान सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय को संभल रहे चौधरी रेलवे मिनिस्टर ये फैसला नहीं कर सकते. ये फैसला फॉरेन अफेयर्स और नेशनल सिक्योरिटी कमेटी को करना है क्योंकि कैबिनेट में भी डिस्कस नहीं हुआ. शेख सहाब ने कहा है कि उन्होंने बंद कर दी है. इसके ऊपर मैं समझता हूं कि समझौता एक्सप्रेस बंद करने का नुकसान सिर्फ पंजाबी और सिख कम्युनिटी को होगा. सिख इस वक़्त पाकिस्तान के साथ है. हम करतारपुर बॉर्डर खोल रहे हैं पूरी दुनिया की जो सिख बिरादरी है इस वक़्त उसका सेंटिमेंट पाकिस्तान के साथ है इसलिए इसे देखना पड़ेगा कि समझौता एक्सप्रेस बंद करने का फायदा ज्यादा है या नुकसान ज्यादा है.
Federal Minister @fawadchaudhry expressed his reservations on the announcement from Railway Minister Sheikh Rashid Ahmad who stopped Samjhauta Express pic.twitter.com/WNnL8RtSV1
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) August 8, 2019
कह सकते हैं कि जज्बात के समुंदर में बहकर पाकिस्तानी रेल मंत्री ने एक ऐसा फैसला लिया है. जिससे दो देशों के बीच की दूरी न केवल और बढ़ी है. बल्कि इसका सीधा असर करतार पुर कॉरिडोर पर भी देखने को मिलेगा. ध्यान रहे कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की इस पहल का स्वागत खुद अमेरिका ने किया था और कहा था कि इससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे.
आपको बताते चलें कि जिस समय ये घोषणा हुई थी कहा गया था कि करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को भारत के पंजाब में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़ेगा. ज्ञात हो कि इस गलियारे का उद्देश्य भारतीय सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कराना था.
बहरहाल, अब जबकि पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस बंद करने की पहल कर ही दी है. तो देखना दिलचस्प रहेगा कि अमेरिका समेत दुनिया के वो देश जिन्होंने पाकिस्तान के इस फैसले का स्वागत किया था उनका अब क्या रुख रहता है. साथ ही ये देखना भी मजेदार रहेगा कि जिस मुद्दे पर इमरान सरकार और शेख रशीद अलग हो गए हैं वो पाकिस्तान की सियासत को कैसे और किस हद तक प्रभावित करता है.
बाक़ी बात यहां समझौता एक्सप्रेस की चल रही है तो ये बताना भी जरूरी है कि यहां मुद्दा रेल नहीं है. पाकिस्तान में हर आदमी भारत के तहत राजनीति कर रहा है. व्यक्ति ये जानता है कि भले ही उसे किसी मुद्दे पर लाइमलाईट न मिले मगर जब बात भारत की आएगी और भारत के सन्दर्भ में विवाद उसके नाम के साथ जुड़ेगा तो इससे वो सफलता के नए आयाम रचेगा. क्योंकि अब शेख रशीद भारत के खिलाफ मुखर होकर सामने आए हैं तो भले ही इससे मुल्क का नुकसान हो लेकिन कहीं न कहीं उन्होंने भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान में अपने राजनीतिक भविष्य को संवर लिया है.
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