सोशल मीडिया: वेलकम प्रियंका गांधी, बाय-बाय राहुल !
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारना भले ही कांग्रेस की तरह से बड़ा दाव माना जा रहा हो मगर सोशल मीडिया पर एक बड़ा वर्ग है जो इसे राहुल गांधी की नाकामी के तौर पर देखता है.
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2019 लोकसभा चुनाव में तीन महीने का समय ही बचा है. मगर जिस तरह से राजनीतिक ताने बाने बुने जा रहे हैं, इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि जीत के लिए सभी दल साम, दाम, दंड, भेद सब एक करने वाले हैं. कांग्रेस ने शुरुआत कर दी है. प्रियंका को पार्टी की ओर से पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव नियुक्त किया गया है. वे फरवरी के पहले सप्ताह से यह जिम्मेदारी संभालेंगी. उन्हें ये जिम्मेदारी ऐसे समय दी गई है, जब 2014 की हार के बाद कांग्रेस इस आम चुनाव में वापसी की कोशिश कर रही है. यूपी में तो उसके पास दो ही सीटें (अमेठी और रायबरेली) हैं. और मोदी विरोधी सपा-बसपा गठबंधन में उसे जगह भी नहीं मिली है. सियासी रूप से प्रियंका के सामने भले कड़ी चुनौती हो, लेकिन उनकी इस नियुक्ति का विश्लेषण करने वालों के जितने मुंह हैं, उतनी बातें.
प्रियंका का सक्रिय राजनीति में आना और पूर्वी उत्तर प्रदेश का पदाधिकारी बनाए जाना साफ बता देता है कि पार्टी ने एक बड़ा दाव खेला है. हालांकि, ऐसा दाव वह यूपी और लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका को लेकर अकसर खेलती आई है. प्रियंका की इस नियुक्ति पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा का कहना है कि, प्रियंका जी को दी गई जिम्मेदारी काफी अहम है. इसका असर केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश पर ही नहीं, बल्कि अन्य जगहों पर भी पड़ेगा.
प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने को सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं
पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रियंका को लांच करना, 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस को कितना फायदा देगा इसका फैसला समय करेगा. मगर कांग्रेस पार्टी के इस फैसले को जिस तरह सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है वो ये साफ कर देता है कि इसका कोई बहुत बड़ा फायदा पार्टी को नहीं मिलने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रियंका चेहरा तो हैं मगर उनमें वो बात नहीं कि वो पीएम को सीधी टक्कर दे सकें.
आइये नजर डालते हैं कुछ ऐसे ट्वीट्स और फेसबुक पोस्ट पर. जो ये अपने आप बता देते हैं कि, राहुल गांधी ने शुरुआत ठीक ठाक की है और अब उन्हें भाजपा की तरफ से बड़ा दाव झेलने को तैयार हो जाना चाहिए.
So has the Congress finally accepted that @RahulGandhi has failed??! #PriyankaGandhi
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) January 23, 2019
Marketing mavens must learn from the Gandhi family the power of branding and timing. Now, media itself will rechristen Priyanka Gandhi Vadra to Priyanka Gandhi quietly dropping Vadra. Ensuring continuity of the dynastic line. #PriyankaGandhi
— GhoseSpot (@SandipGhose) January 23, 2019
#PriyankaGandhi steps in..@smritiirani what's ur plan????????
— That witch پولی سرکار ???? (@polysmind) January 23, 2019
Lol...now @incindia looks like family business and whole family is in business of looting India. What @narendramodi said is the truth "Unhe family bachana hai aur hamen Desh". #PriyankaGandhi pic.twitter.com/Alsk2FoKhg
— Raushan Raj ???????? (@AskRaushan) January 23, 2019
Congress welcoming #PriyankaGandhi pic.twitter.com/6E5gMqBe4c
— Bollywood Gandu (@BollywoodGandu) January 23, 2019
#PriyankaGandhi Steps in... Somewhere in Irani residence???? pic.twitter.com/W81x22QkO5
— ʙᴀʟ ɴᴀʀᴇɴᴅʀᴀ (@hunt_bhai) January 23, 2019
Dynastic Politics continues with Priyanka Vadra being roped in to act as Crutch for poor Pappu. Richest "Farmer" Hubby & Damaad of Nation Robert Vadra who is embroiled in Land Scams will run campaign?#PriyankaGandhi#PriyankaInPolitics #PriyankaGandhiVadra pic.twitter.com/ZCxNLLrSb4
— Rosy (@rose_k01) January 23, 2019
*Normal News*#PriyankaGandhi appointed as the AICC general secretary.
*Other News*Priyanka Vadra joined the family business.#PriyankaInPolitics
— Shivam Sharma (@Oye_Jahazi) January 23, 2019
Finally Mata Ji fulfill a poor farmar's wish to make his wife #PriyankaGandhi Congress General Secretary!
'Jor Se Bolo Jai Mata Di!Saare Bolo Jai Mata Di!'#PriyankaInPolitics pic.twitter.com/osi4oVBZWD
— Anit Ghosh ???????? (@Indianit07) January 23, 2019
News: Priyanka Gandhi Vadra named Cong Gen Secy for Uttar Pradesh East, may contest from Rae Bareli
Public reaction: ????#PriyankaInPolitics pic.twitter.com/GDcmSPrJ4x
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) January 23, 2019
प्रियंका के सक्रिय राजनीति में प्रवेश को लेकर लगातार रिएक्शन आ रहे हैं. इन रिएक्शंस पर यदि गौर किया जाए तो एक बड़ा वर्ग जो ये मानता है कि अगर चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को प्रियंका गांधी को मैदान में लाना पड़ा है तो ये और कुछ नहीं बस राहुल गांधी की हार है.
ध्यान रहे कि पूर्वी उत्तर प्रदेश भाजपा का गढ़ है. जहां एक तरफ पीएम मोदी वाराणसी से सांसद है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोरखपुर और आस पास के जिलों में मजबूत पकड़ रखते हैं. ऐसे में किसी ब्रह्मास्त्र के रूप में प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी देना ये बता देता है कि कांग्रेस ने अपनी पहली बड़ी चाल चल दी है देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इसका क्या तोड़ निकालती है.
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