'Agniveer बनेंगे नाजी'- विरोध की आग में तप रहे कुमारस्वामी ये क्या कह गए!
कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि आरएसएस अग्निवीरों का इस्तेमाल सेना पर कब्जा करने और भारत में नाजी शासन शुरू करने के लिए करेगा. बयान को भाजपा ने आड़े हाथों लिया और कहा कि यह सशस्त्र बलों का सीधा अपमान है.
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अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की नियुक्ति में भले ही अभी वक़्त हो, लेकिन देश दो वर्गों में विभाजित है. स्कीम के तहत एक वर्ग सरकार के साथ है. जबकि दूसरी तरफ आलोचकों का जत्था है. जिनके तर्कों का अवलोकन करें तो उनकी बातों के पीछे छिपा हुआ एजेंडा साफ़ झलक जाता है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी का हाल भी कुछ कुछ ऐसा ही है. अग्निपथ विवाद ने कुमारस्वामी को भविष्य वक्ता बना दिया है और उन्होंने ऐसा बहुत कुछ कह दिया है जिसपर बात होनी वाक़ई बहुत जरूरी है. एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि अग्निपथ योजना भारतीय सेना पर नियंत्रण करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एक छिपा हुआ एजेंडा है. उन्होंने कहा कि अग्निवीर सेना के अंदर और बाहर भी आरएसएस कार्यकर्ता बन जाएंगे, यहां तक कि उनकी सेवा समाप्त होने के बाद भी.
अग्निपथ स्कीम को लेकर जो तर्क एचडी कुमारस्वामी ने दिए हैं वो बेहद बचकाने और भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले हैं
कुमारस्वामी ने सवाल पूछा है कि 10 लाख अग्निवीरों का चयन कौन करेगा? आरएसएस के नेता उन्हें चुनेंगे या सेना उन्हें चुनेगी. चुने गए 10 लाख में आरएसएस की टीम होगी, आरएसएस में कार्यकर्ता हैं. 2.5 लाख जिन्हें अग्निपथ में रखा जाएगा वे तब आरएसएस के कार्यकर्ता होंगे? वहीं उन्होंने ये भी कहा कि यह RSS का छिपा हुआ एजेंडा हो सकता है और बाकी 75% जो 4 साल बाद बाहर भेजे जायेंगे, आप उन्हें शेष भारत में फैला देंगे, अगर वे भी RSS हैं, तो एक तरफ RSS सेना पर नियंत्रण करना चाहती है.
इस योजना को 'आरएसएस का अग्निपथ' करार देते हुए कुमारस्वामी ने साझा किया कि आरएसएस की स्थापना जर्मनी में हिटलर के नाजी शासन के समय की गई थी.
Agnipath scheme a plan to bring army under RSS: H.D. Kumaraswamy, watch BJP leader @Shehzad_Ind 's counter on this| (@Chaiti)#AgnipathScheme #BJP #RSS #News pic.twitter.com/utECWrmvwV
— IndiaToday (@IndiaToday) June 20, 2022
अपनी बात को वजन देने के लिए कुमारस्वामी ने तर्क दिया कि “शायद वे (आरएसएस) हमारे देश में उस (नाजी शासन) को लागू करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने अग्निपथ या अग्निवीर बनाया है. बहस के लिए और भी बहुत सी चीजें हैं, मुझे इस बारे में कुछ संदेह है.
भले ही अग्निपथ योजना अपने शुरुआती दौर में हो और इसपर काफी काम होना हो. मगर जिस तरह एचडी कुमारस्वामी ने इसपर अपने तर्क रखे हैं. साफ़ है कि वो सत्ता पक्ष से खिजलाए हुए हैं और एजेंडे को तर्कों का नाम देकर उससे देश विशेषकर युवाओं को दिग्भ्रमित कर रहे हैं.
चूंकि एचडी कुमारस्वामी एक जिम्मेदार नेता हैं. तो जाहिर है कि तमाम लोग हैं जो उन्हें फॉलो करते हैं. ऐसे में अब जबकि उन्होंने अग्निपथ स्कीम को लेकर इस तरह का झूठ बोल ही दिया है तो उन्हें इस बात को भी समझना होगा कि इससे भाजपा, संघ या पीएम मोदी का कोई नुकसान नहीं है. क्योंकि जैसा विपक्ष और उसका रवैया सरकार के प्रति है देश भी इस बात को बखूबी जानता है कि सच क्या है और झूठ क्या है.
विषय बहुत सीधा है. अग्निपथ स्कीम को लेकर अपनी बातों से कुमारस्वामी जनता के सामने अपनी विश्वसनीयता खुद खो रहे हैं. सेना को लेकर जो भी बातें कुमारस्वामी ने कही हैं साफ़ है कि वो बेहद गंभीर हैं. कुमारस्वामी के तर्कों को भाजपा ने आड़े हाथों लिया है.
बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि यह एक चौंकाने वाली और घृणित टिप्पणी है. यह आरएसएस या भाजपा के लिए नहीं, बल्कि सेना और सशस्त्र बलों के उद्देश्य से है. यदि संस्थानों से समझौता किया जा रहा था, तो दूसरी टीम की कोई आवश्यकता नहीं होती. ”
वहीं पूनावाला ने ये भी पूछा कि 'क्या इस देश के सशस्त्र बल अपने संस्थानों से इस तरह से समझौता करने देंगे? कुमारस्वामी जैसे लोगों और उनकी विचारधारा पर सवाल खड़ा करते हुए पूनावाला ने ये भी कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाया था.'
पूनावाला के जरिये कुमारस्वामी के बयान को सेना का अपमान बनाकर भाजपा ने बड़ा दांव खेल दिया है. भाजपा ने फिर एक बार देश को बता दिया है कि जब जब वो विकास की, युवाओं की, रोगजार की बात करती है तो ये कुमारस्वामी जैसे लोग हैं जो अपनी राजनीतिक बौखलाहट के जरिये न केवल अड़ंगा लगाते हैं बल्कि हर बीतते दिन के साथ भाजपा को एक पार्टी एक रूप में और अधिक मजबूत करते हैं.
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