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Updated: 25 जुलाई, 2019 01:18 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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एक ऐसे वक़्त में जब मुस्लिमों के साथ हो रही 'लिंचिंग' को आधार बनाकर लोगों ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने मन में पनप चुकी 'सिलेक्टिव' बात की हो. हमारे लिए उन लोगों का जिक्र करना भी बहुत जरूरी हो जाता है जो अपने मन की बात से आम मुसलमानों के मन को प्रभावित करने और उन्हें हिंसा और अराजकता के मार्ग पर ले जाने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. सवाल होगा कौन तो जवाब हैं दक्षिण के ओवैसी बंधू. जिनकी आदत किसी से छुपी नहीं है. शायद ही ऐसा कोई दिन होता होगा जब ये दोनों भाई मुंह से जहर उगल कर आम मुसलमानों को बरगलाने के हथकंडे न अपनाते हों. अपने बेहूदे बयानों के लिए मशहूर एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी एक बार फिर चर्चा में हैं. उनका एक वीडियो बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने फिर एक बार विवादित बयान दिया है. तेलंगाना के करीमनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने मॉब लिंचिंग का जिक्र किया और 2012 में दिए गए 15 मिनट वाले बयान को दोहराया है.

अकबरुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम, विवादित बयान, तेलंगाना,AkbaruddinOwaisi   अपने ताजे बयान के बाद एक बार फिर अकबरुद्दीन ओवैसी आलोचना का शिकार हो रहे हैं

अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि 'ये शहादत का जज्बा अगर सीनों में आ जाएगा तो खुदा की कसम ये कोई गौरक्षक, ये कोई बजरंगदली, कोई भी RSS वाले, कोई भी हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते. अकबरुद्दीन ओवैसी से नफरत क्यों है ? सौ सुनार की तो एक लोहार की. 15 मिनट ऐसा ज़र्ब है जो अभी भी नहीं भर सका. अरे ये हिम्मत है. अरे जब तुम्हारा लीडर ऐसा है, तो तुमको भी ऐसा ही बनना होगा'.

बयान से साफ है कि अकबरुद्दीन ओवैसी न सिर्फ लोगों के मन में डर भर रहे हैं बल्कि उन्हें हिंसा के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखा रहे हैं. कह सकते हैं कि यदि ऐसा हो जाता है तो इससे न सिर्फ देश की अखंडता और एकता प्रभावित होगी बल्कि इसका सीधा असर आपसी रिश्तों पर भी देखने को मिलेगा.

ये कोई पहली बार नहीं है जब अकबरुद्दीन ओवैसी ने इस तरह का बयान देकर सुर्खियां बटोरी हैं. ऐसी तमाम बातें हैं जो वो आए रोज करते हैं और जिनके कारण देश के आम मुसलमान को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. ध्यान रहे कि ये अकबरुद्दीन ओवैसी ही थे जिन्होंने 2012 में ये कहकर हंगामा खड़ा कर दिया था कि  हम (मुसलमान) 25 करोड़ हैं और तुम (हिंदू) 100 करोड़ हो, 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो, देख लेंगे किसमें कितना दम है.

गौरतलब है कि ओवैसी ये बातें तुष्टिकरण की राजनीति के अंतर्गत कर रहे हैं. ऐसे में वो 49 लोग, जिनके अनुसार मुसलमानों को मारा जा रहा है और जो हर चीज के लिए देश के प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सोशल मीडिया के इस दौर में क्यों चुप हैं? ये बात वाकई अचरज में डालने वाली है. अब तक तो इन्हें एक चिट्ठी तेलंगाना के मुख्यमंत्री को लिख ही देनी चाहिए थी मगर उन्होंने नहीं लिखी साफ है कि ओवैसी या ओवैसी जैसे लोग उनके एजेंडे पर फिट नहीं बैठते.

बहरहाल अब जबकि ओवैसी का ये वीडियो सामने आ गया है जिसमें वो डेमोक्रेसी के ड्रैगन की तरह एक समुदाय, एक संस्था के खिलाफ मुंह से आग उगल रहे हैं तो हमारे लिए भी ये देखना दिलचस्प रहेगा कि वो 49 लोग जो असहिष्णुता को लेकर आज सामने आए हैं उनका ओवैसी के इस बयान पर क्या रुख रहता है. देखना दिलचस्प रहेगा कि इसपर कोई चिट्ठी पतरी कोई ट्वीट आता है या फिर इसे नकार के किसी नए मुद्दे की तलाश की जाएगी. 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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