अखिलेश यादव की प्राथमिकता, यदि मुख्यमंत्री बने तो योगी आदित्यनाथ पर कार्रवाई होगी!
UP Elections 2022 : अपनी रैलियों में लगातार भाजपा पर हमलावर होते अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू दिया है और बताया कि यदि वो मुख्यमंत्री बन गए तो सर्वप्रथम उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी.
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403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में चार चरणों में चुनाव हो चुके हैं. जबकि 3 चरणों के चुनाव होने बाकी हैं. जैसे समीकरण मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश में स्थापित हुए हैं. लड़ाई भले ही समाजवादी पार्टी बनाम भारतीय जनता पार्टी हो, लेकिन पलड़ा सपा का भारी है और यूपी की राजनीति को समझने वालों में ये राय आम है कि तमाम मुद्दों के मद्देनजर भाजपा बैकफुट में है इसलिए अखिलेश यादव के रूप में यूपी को अपना अगला मुख्यमंत्री मिलेगा. भले ही ये बातें राजनीतिक विश्लेषकों का अपना ओपिनियन हो लेकिन 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में जिस तरह समाजवादी पार्टी को हाथों हाथ लिया जा रहा है स्वयं अखिलेश यादव खासे उत्साहित हैं. अपनी रैलियों में लगातार भाजपा पर हमलावर होते अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू दिया है और बताया कि यदि वो मुख्यमंत्री बन गए तो सर्वप्रथम उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी.
बताते चलें कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पत्रकार साक्षी जोशी से तमाम बातों को लेकर चर्चा की है. बातों-बातों में ही अखिलेश ने बताया है कि चार चरणों के जैसे आंकलन है सपा 200 सीटों पर जीत दर्ज कर रही है. बात चूंकि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद के प्लान पर हुई है. तो बता देना जरूरी है कि यदि ऐसा हो गया तो सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने चुनौतियों का पहाड़ है.
अखिलेश यादव ने साफ़ कर दिया है कि यदि वो मुख्यमंत्री बन गए तो क्या क्या चीजें होंगी जिनपर अमल वो पहले करेंगे
अपने इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बात करते हुए अखिलेश ने उनके ऊपर दर्ज मुकदमों का जिक्र किया है. अखिलेश ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ के ऊपर लगे सभी मुकदमें कोर्ट ने पूरी तरह खारिज नहीं किए हैं. हमारी सरकार आने के बाद अगर जनता इन मुकदमों पर आपत्ति दर्ज करती है तो पुनः जांच करवाई जाएगी.
ज्ञात हो कि अपने शासनकाल में योगी ने लॉ एंड आर्डर को बड़ा मुद्दा बनाया था और क्योंकि एनकाउंटर के नाम पर तमाम छोटे बड़े अपराधियों का सफाया लगातार हो रहा है इसपर भी अखिलेश यादव ने अपने मन की बात की है. योगी सरकार में हुए एनकाउंटर पर अपनी बात रखते हुए अखिलेश ने कहा है कि हमारी सरकार में उन अधिकारियों की भी जांच की जाएगी, जिन्होंने फर्जी एनकाउंटर किए हैं ( ध्यान रहे यूपी पुलिस में तमाम अधिकारी ऐसे हैं जिनके द्वारा किये गए एनकाउंटर को विपक्ष और समाजसेवियों ने फर्जी एनकाउंटर और बदले की राजनीति की संज्ञा दी है.)
यूपी की योगी सरकार को जब जब याद किया जाएगा ये भी याद आएगा कि कैसे राज्य सरकार ने पत्रकारों का दमन किया और उनके खिलाफ झूठे मुक़दमे दर्ज किये. यूपी में पत्रकारों की स्थिति पर भी अखिलेश से सवाल हुआ. जिसका जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखा जाएगा.
अपने साक्षात्कार में अखिलेश ने इस बात का विश्वास दिलाया कि हमारी सरकार में पत्रकारों पर कोई मुकदमा नहीं किया जाएगा. इसके साथ उन्होंने वादा किया कि जिन पत्रकारों पर झूठे मुकदमे लगाए गए हैं, उन्हें भी वापस किए जाएंगे. अपनी बात को वजन देने के लिए अखिलेश यादव ने एक दिलचस्प दावा पेश किया है. अखिलेश ने कहा है कि उनकी सरकार में जब भी कोई पत्रकार उनके या समाजवादी पार्टी के खिलाफ लिखता था तो वह कभी पत्रकार के खिलाफ एक्शन नहीं लेते.
जैसा कि देखा गया है अलग अलग मंचों से अखिलेश जब भी योगी आदित्यनाथ पर हमलावर हुए हुए उन्होंने सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री के लिए 'बाबा' शब्द का इस्तेमाल किया है. अखिलेश से इसपर भी सवाल हुआ और जो लॉजिक उन्होंने दिया है वो अपने आप में खासा मजेदार है. अखिलेश ने कहा कि वह कोई योगी नहीं है इसलिए हम उन्हें बाबा कहते हैं. हमारे गांव में बहुत सारे ऐसे बाबा है, जो इस तरह के वस्त्र पहनकर टहलते हैं.
सीएम योगी पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह ऐसे योगी हैं, जो दूसरों का दुख नहीं देखते हैं. इसके अलावा अखिलेश ने यूपी के छात्रों का भी जिक्र किया है और कहा है कि यूपी में युवा रोजगार मांग रहे हैं जिसपर योगी आदित्यनाथ वो बातें कह रहे हैं जो कहीं न कहीं मूलभूत अधिकारों को शर्मसार करती हुई दिखाई दे रही हैं.
अभी बीते दिनों ही अपनी एक रैली में पीएम मोदी ने सपा और अखिलेश यादव पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश यादव को आतंकवादी बताया था. इंटरव्यू में अखिलेश से इसपर जब सवाल हुआ हो उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह उनका पसंदीदा शब्द है. वहीं अखिलेश ने बीजेपी पर नफरत की राजनीति करने का भी आरोप लगाया.
बहरहाल जिस तरह के अखिलेश के तेवर हैं इतना तो साफ़ हो गया है कि वो योगी से पिछले पांच सालों का बदला अवश्य लेंगे. वहीं बात योगी की हो तो अखिलेश के प्रति उनका जो रवैया है उसे दुनिया जानती है. कुल मिलाकर 2022 का उत्तर प्रदेश चुनाव जहां एक तरफ सपा के लिए अस्तित्व बचाने का चुनाव है तो वहीं भाजपा इसे लॉ एंड आर्डर, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व से जोड़ रही है. चूंकि यूपी चुनाव के अभी तीन चरण बाकी हैं इसलिए चाहे वो यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या फिर सूबे के अगले मुखिया का ख्याब रखने वाले अखिलेश दोनों ही भाग्य से ज्यादा जनता के भरोसे हैं.
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