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Updated: 27 दिसम्बर, 2019 01:52 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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गृह मंत्री अमित शाह NRC और CAA ( Home minister Amit Shah over CAA and NRC) को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है. सरकार की इस योजना को लेकर जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं और विरोध की आग (CAA-NRC protest) से पूरा देश जल रहा है. हालात इतने बकाबू हैं कि स्थिति संभालने और शांति बनाने में पुलिस को भी तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. देश की वो आबादी जो CAA और NRC को लेकर सड़कों पर हैं अगर उनके तर्क सुनें तो महसूस होता है कि लोग प्रदर्शन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अपनी इस पहल से देश की सरकार, देश को धार्मिक आधार पर बांटने का काम कर रही है. एक ऐसे समय में जब CAA और NRC को लेकर खुद सरकार पशोपेश में है अफवाहों का बाजार गर्म है जो स्थिति को प्रभावित कर रहा है और हालात बद से बदतर हैं. CAA और NRC को लेकर कंफ्यूजन का आलम कुछ है कि तमाम मौकों पर देश के प्रधानमंत्री की बातों को सही साबित करने के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह ऐसा बहुत कुछ कह चुके हैं जिससे उनकी सरकार के अन्य मंत्रियों और नेताओं की बात गलत साबित हो गई है. साथ ही बीते दिनों में ऐसे भी तमाम मौके आए हैं जब डिटेंशन कैंप तक के अस्तित्व पर सरकार ने अलग अलग तर्क पेश किये हैं.

अमित शाह, एनआरसी, नागरिकता संशोधन कानून, मुस्लिम, Amit Shahनागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर गफलत की एक बड़ी वजह खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह हैं जो चीजों को सही ढंग से बता नहीं पा रहे

आइये कुछ बिंदुओं के जरिये ये समझने का प्रयास किया जाए कि कैसे NRC सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है जिसे सरकार न तो उगल ही पा रही है और न ही निगल पा रही है.

NRC आने वाला है

चाहे विरोध करने वाले लोग हों या फिर समर्थन में आने वाले लोग बड़ी ही तेजी के साथ इस सूचना को प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है कि एनआरसी आने वाला है. इस मुद्दे ने कब आग पकड़ी अगर इस बात को समझना हो तो हम 10 दिसंबर की उस घटना का जिक्र जरूर करना चाहेंगे जब सदन में नागरिकता संशोधन कानून पर चर्चा चल रही थी. विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि जल्द ही पूरे देश में NRC को लागू किया जाएगा.

सदन में जब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की और इसे देश तोड़ने वाला बताया तो अमित शाह ने कहा कि एनआरसी और इसको (नागरिकता संशोधन कानून ) को जोड़ने की जरूरत नहीं है. सदन में बोलते हुए तब शाह ने कहा था कि NRC करेंगे तब स्पष्टा के साथ इसी सदन में इसी प्रकार से सबको इसकी भी जानकारी दूंगा.

देश के गृह मंत्री ने आत्मविश्वास का परिचय देते हुए कहा था कि मान कर चलिए कि NRC आने वाला है. NRC पर अमित शाह के आत्मविश्वास का आलम क्या था? इसका अंदाजा उनके द्वारा कही गई उसी बात से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने भाजपा के मेनिफेस्टो का जिक्र करते हुए कहा था कि NRC भाजपा के मेनिफेस्टो में दर्ज एक बड़ा मुद्दा है.

असम NRC पर खामियां सुधारने से पहले ही सरकार ले आई राष्ट्रीय NRC

राष्ट्रीय NRC पर बात करने से पहले हमारे लिए असम NRC को समझना बहुत जरूरी है. असम में हुए NRC का खामियाजा सरकार को आज तक भुगतना पड़ रहा है. इस बात को खुद सरकार भी स्वीकार करती है कि असम में जो NRC हुआ उसमें तमाम खामियां थीं.

खुद असम से भाजपा के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा इस बात को कह चुके हैं कि अगर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू नहीं किया जाता तो असम की सरकार भी एनआरसी में संशोधन के लिन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

ये बातें शर्मा ने बीते दिनों गुवाहाटी में एक पत्रकार वार्ता को सम्भोधित करते हुए कहीं थीं. तब उन्होंने ये भी बताया था कि असम सरकार और नागरिकों के पुनः सत्यापन की मांग  करने वाली अन्य याचिकाएं पहले ही उच्चतम न्यायालय में लंबित पड़ी हैं.

असम में हुए NRC पर मोदी सरकार के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की बातों में गहरा असंतोष था. साफ़ था कि सरकार ने असम के मद्देनजर जल्दबाजी की है मगर असम में जो हो रहा था उसका असर देश में कहीं भी नहीं देखने को मिला.

बवाल की वजह बना CAA

ज्ञात हो कि जिस वक़्त तक असम NRC और देशव्यापी NRC पर बातें हो रही थीं पूरे देश में सुकून था. मामले में बवाल की वजह बना CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून. जब असम में NRC पर जारी विवाद थमा न हो सरकार का CAA लाना उसके गले की हड्डी बन गया है.

CAA के बाद जैसे उग्र प्रदर्शन देश में हो रहे हैं जिस तरह भाजपा पर देश को बांटने का आरोप लग रहा है वो किसी से छुपा नहीं है. चूंकि CAA पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित जैन, हिंदू, पारसियों, सिखों को नागरिकता देने का पक्षधर है मगर मुस्लिम के साथ उसका रवैया अलग है इसलिए भी लोगों में रोष है.

बात सीधी और साफ़ है सांसद में CAA की बहस के दौरान यदि NRC पर बात न होती तो आज शायद सरकार को इतनी दुश्वारियों का सामना नहीं करना पड़ता. राजनीतिक आलोचकों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसका मानना है कि सरकार द्वारा CAA को लाने की टाइमिंग गलत थी इसलिए कहीं न कहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर सेल्फ गोल कर दिया है.

एनआरसी पर पीएम मोदी ने क्या कहा

बात बीते दिनों की है दिल्ली बीजेपी की तरफ से 'आभार रैली' का आयोजन किया गया था. मंच पर  खड़े होकर देश की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बहुत ही स्पष्ट लहजे में इस बात को स्वीकार किया था कि 130 करोड़ भारतीयों का CAA से कोई संबंध नहीं है.

साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि NRC के बारे में बहुत सारे झूठ फैलाए जा रहे हैं. कांग्रेस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने यह भी बताया था कि NRC की रचना इस देश में कांग्रेस के दौर में हुई. तब प्रदर्शनकारी कहां थे? हमने इसे नहीं बनाया, न ही हम इसे संसद में लाए या इसकी घोषणा की.

अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं. उन्होंने कहा कि जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और NRC दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है.

कौन कौन कर रह है विरोध

जैसा कि हम इस बात को भी स्पष्ट कर चुके हैं कि CAA और NRC पर कंफ्यूजन इस हद तक है कि इसके खिलाफ देश की जनता सड़कों पर है और जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर अगर नजर डाली जाए तो मिलता है कि इस पूरे विरोध प्रदर्शन में तीन तरह के लोग शामिल हैं. पहले वो जो मुसलमान हैं.

चूंकि CAA मुसलमानों पर सवालियां निशान लगाता है इसलिए उसका विरोध करना स्वाभाविक है. इसके बाद दूसरे वो लोग हैं जो मोदी विरोधी हैं. ऐसे लोग सिर्फ इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि वो पार्टी नहीं बल्कि व्यक्ति के विरोध में हैं और इसके लिए वो किसी भी तरफ को कोई भी सीमा लांघने को तैयार हैं.

इन दोनों के बाद प्रदर्शकारी लोगों की तीसरी श्रेणी वो है जो अपने को सेक्युलर कहती है. प्रदर्शन कर रहे ऐसे लोगों का यही मानना है कि देश सबका है और अगर सरकार नागरिकता की बात कर रही है तो फिर वो हिंदू को भी दे और मुसलमानों को भी.

बहरहाल, चीजें स्पष्ट बिलकुल नहीं हैं. कह सकते हैं कि कश्मीर से धारा 370 हटाने पर जितनी समझदारी सरकार ने दिखाई थी उतनी ही नादानी या ये कहें कि बेवकूफी उससे NRC और CAA के मुद्दे पर  हो गई है. NRC मामले पर ऊंट किस करवट बैठता है इसका फैसला वक़्त करेगा लेकिन अभी के जैसे हालात हैं देश के गृह मंत्री अमित शाह की बदौलत पूरा देश परेशान है कि कौन हिंदुस्तान में रहेगा और कौन डिटेंशन कैंप जाएगा.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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