CAA Protest: मोदी विरोध के नाम पर अरुंधती रॉय देशद्रोह के लिए तो नहीं उकसा रहीं?
CAA और NRC के विरोध में दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के छात्रों को समर्थन देने पहुंची लेखिका अरुंधती रॉय (Arundhati Roy) ने NPR को लेकर जो बातें कहीं हैं साफ़ हो गया है कि मोदी विरोध में अब उन्हें झूठा प्रोपोगेंडा फैलाने से भी कोई गुरेज नहीं है.
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CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस पहुंची अरुंधती रॉय ने कहा है कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है. साथ ही NPR पर भी उन्होंने बेतुका बयान देकर एक अलग तरह का प्रोपोगेंडा स्थापित करने की कोशिश की. अरुंधती ने कहा कि 'एनपीआर भी एनआरसी का ही हिस्सा है. एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं आपका नाम, फ़ोन नंबर, आधार और ड्राइविंग लाइसेंस मांगें तो उन्हें अपना नाम रंगा बिल्ला-कुंगफू कुत्ता बताइए. अपने घर का पता देने के बजाए प्रधानमंत्री के घर का पता लिखवाइए.' अरुंधति अपने इस बयान से कहना क्या चाहती थीं. वे मोदी सरकार का विरोध करते-करते एक सरकारी प्रक्रिया के खिलाफ देश की जनता को क्यों भड़काना चाहती हैं? खासतौर पर जनगणना विभाग की एक ऐसी कवायद के खिलाफ जिसको आधार बनाकर देश की योजनाएं-परियोजनाएं बनाई जाती हैं.
NRC और CAA को लेकर पहले ही देश जल रहा है. जगह जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं अब NPR पर सरकार के तर्कों ने उन ज़ुबानों को आवाज दे दी है जो मौका कोई भी हो सरकार की आलोचना का मौका अपने हाथ से जाने नहीं देते. बात अगर सरकार के आलोचकों की हो तो प्रख्यात लेखिका अरुंधती रॉय (Arundhati Roy) की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. मगर, उनके बयान से तो गफलत की स्थिति और बढ़ेगी ही. जिससे निश्चित तौर पर टकराव उग्र रूप धारण कर सकता है और फिर स्थिति संभालना चुनौतियों से भरा होगा.
पीएम मोदी और भाजपा के विरोध में अरुंधती ने हदें पार कर दी हैं
CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस पहुंची अरुंधती रॉय ने कहा है कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है. साथ ही NPR पर भी उन्होंने बेतुका बयान देकर एक अलग तरह का प्रोपोगेंडा स्थापित करने की कोशिश की. अरुंधती ने कहा कि 'एनपीआर भी एनआरसी का ही हिस्सा है. एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं आपका नाम, फ़ोन नंबर, आधार और ड्राइविंग लाइसेंस मांगें तो उन्हें अपना नाम रंगा बिल्ला-कुंगफू कुत्ता बताइए. अपने घर का पता देने के बजाए प्रधानमंत्री के घर का पता लिखवाइए.'
अरुंधती ने कहा कि एनपीआर एनआरसी का डेटाबेस बनेगा. हमें इसके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से लड़ना होगा. हमें दबाने के लिए बहुत सारी ताकत लगेगी. हम लोग लाठी और गोली खाने के लिए पैदा नहीं हुए हैं. सरकार की तीखी आलोचना करते हुए रॉय ने ये भी कहा कि 'नॉर्थ ईस्ट में जब बाढ़ आती है तो मां अपने बच्चों को बचाने से पहले अपने नागरिकता के साथ दस्तावेजों को बचाती है. क्योंकि उसे मालूम है कि अगर कागज बाढ़ में बह गए तो फिर उसका भी यहां रहना मुश्किल हो जाएगा.'
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जो संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं उन्हें विभिन्न राज्यों से बाकायदा आश्वासन लेना चाहिए कि वे इस प्रावधान को लागू नहीं करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में सीएए और एनआरसी का व्यापक स्तर पर विरोध होने के बाद सरकार इसके प्रावधानों को एनपीआर के जरिए लागू करवाना चाहती है.
Arundhati Roy on issues related to BJP.#ArundhatiRoy #FakeNewsMafia pic.twitter.com/uNCrBqHcSk
— Ravi (@MODIfiedRavi_) December 25, 2019
डीयू पहुंची अरुंधती की बातों का अगर अवलोकन किया जाए तो मिलता है की उन्होंने भ्रामक प्रचार किया है. बात सीधी और साफ़ है. पूरा देश इस बात से वाकिफ है कि अरुंधती सरकार की नीतियों की प्रबल आलोचक हैं. लेकिन आलोचना का मतलब ये नहीं है कि एक ऐसे प्रोपोगेंडा का सहारा लिया जाए जो देश की उस जनता को प्रभावित करे जिसकी एक बड़ी आबादी आज भी शिक्षा के आभाव में जीवन जीने को मजबूर है. खुद कल्पना करिए यदि इन लोगों ने अरुंधती द्वारा कही इन बातों का आत्मसात कर लिया तो फिर स्थिति क्या होगी? यकीनन इस देश में दंगों की नौबत आ जाएगी.
हमें ध्यान रखना होगा कि अराजकता से कहीं ज्यादा खतरनाक अफवाहें होती हैं. 'मोदी विरोध' के नाम पर जो अरुंधती ने किया है साफ़ हो जाता है कि अपने एजेंडे और खोखले दंभ को पूरा करने के लिए वो उन बातों को दोहरा रही हैं जिनका कोई आधार ही नहीं है. भाजपा के विरोध में झूठ फैलाने वाली अरुंधती को इस बात को समझना होगा कि NPR एक सरकारी प्रक्रिया है जिसका सम्मान सभी देशवासियों को करना चाहिए.
बहरहाल जब अरुंधती ने इतना बड़ा बयान दे ही दिया है तो इसपर प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था. देश की सक्रिय राजनीति से गायब भाजपा नेता उमा भारती भी अरुंधती रॉय के विरोध में खुलकर सामने आ गई हैं और उन्होंने अपनी ट्विटर प्रोफाइल से अरुंधती पर तीखा हमला बोला है.
ऊमा भारती ने लिखा है कि, मैं शर्मिंदा हूं कि मुझे इस महिला के नाम का ज़िक्र करना पड़ रहा है, जिसके दिमाग़ में रंगा-बिल्ला जैसे लोग भी आदर्श हो सकते हैं. यह विचार महिला विरोधी, मानवता विरोधी एवं बेहद घृणित एवं विकृत मानसिकता की पहचान है.
7. मैं शर्मिंदा हूँ कि मुझे इस महिला के नाम का ज़िक्र करना पड़ रहा है, जिसके दिमाग़ में रंगा-बिल्ला जैसे लोग भी आदर्श हो सकते हैं। यह विचार महिला विरोधी, मानवता विरोधी एवं बेहद घृणित एवं विकृत मानसिकता की पहचान है।
— Uma Bharti (@umasribharti) December 25, 2019
ऊमा भारती इस मुद्दे पर लगातार लिख रही हैं. उन्होंने ये भी लिखा है कि, अरुंधती रॉय जैसे पढ़े लिखे वर्ग की महिला के दिमाग़ में सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद एवं अशफ़ाक़ुल्लाह खां का नाम नहीं आया, रंगा-बिल्ला का नाम आया. रंगा-बिल्ला वो धृणित अपराधी थे जिन्होंने स्कूल की छात्रा के साथ दुराचरण कर के उसकी हत्या की तथा उसको बचाने की कोशिश में लगे उसके भाई की भी हत्या कर दी. देशवासियों को याद आ जाएगा कि वह कितना धृणित एवं जघन्यतम कृत्य था.
6. रंगा-बिल्ला वो धृणित अपराधी थे जिन्होंने स्कूल की छात्रा के साथ दुराचरण कर के उसकी हत्या की तथा उसको बचाने की कोशिश में लगे उसके भाई की भी हत्या कर दी। देशवासियों को याद आ जाएगा कि वह कितना धृणित एवं जघन्यतम कृत्य था।
— Uma Bharti (@umasribharti) December 25, 2019
इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी अरुंधती के इस बयान की निंदा करते हुए इसे देशद्रोह करार दिया है. अपने ट्विटर पर स्वामी ने अरुंधती को समाज के लिए खतरा बताया है.
#Exclusive | Arundhati Roy is a danger to society. I feel she should be arrested immediately under the ambit of national security: @Swamy39, Rajya Sabha MP tells TIMES NOW. | #LutyensSabotageNPRPlot pic.twitter.com/WwBlCnEfvd
— TIMES NOW (@TimesNow) December 25, 2019
मामला प्रकाश में आने के बाद तमाम लोग ऐसे हैं जिन्होंने मांग की है कि इस झूठ के लिए अरुंधती को सख्त से सख्त सजा मिले ताकि उन जुबानों को लगाम लगे जो अपने एजेंडे के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं.
Updation of National Population Register is a exercise done by government of India. If someone is provoking people to disrupt it, she is doing a legal offence. She should be booked under Section 354 of IPC. https://t.co/KAtaLEuDFW via @scroll_in
— Aditya Trivedi (@AdityaTrivedi_) December 25, 2019
उमा भारती और स्वामी के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अरुंधती रॉय के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं. शिवराज ने लिखा है कि, अगर यही हमारे देश के बुद्धिजीवी है तो पहले हमें ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का रजिस्टर बनाना चाहिए. शिवराज सिंह ने ये भी कहा है की अरुंधती जी को शर्म आनी चाहिए! ऐसे बयान देश के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है?
अगर यही हमारे देश के बुद्धिजीवी है तो पहले हमें ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का रजिस्टर बनाना चाहिए!
वैसे उन्होंने ने अपना नाम तो बता ही दिया, साथ में ये भी बता दिया कि उन्हें कंग-फ़ू की भी जानकारी है।
अरुंधती जी को शर्म आनी चाहिए! ऐसे बयान देश के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है? https://t.co/9eSTPsj5BF
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 25, 2019
इन मामले पर सरकार क्या फैसला लेती है ? प्रोपोगेंडा फैलाने के लिए अरुंधती पर कोई मुकदमा होगा या नहीं होगा? सारे सवालों के जवाब वक़्त देगा. मगर जो कृत्य अरुंधती ने मोदी और भाजपा के विरोध में किया है उसकी निंदा इसलिए भी होनी चाहिए क्योंकि फेक न्यूज़ के इस दौर में झूठ की कमर तोड़ना बहुत जरूरी है. यदि आज अरुंधती जैसे लोगों को ढील दे दी गई तो फिर निकट भविष्य में स्थिति संभालने में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
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