AMU या Jamia के छात्रों का CAB विरोध 'मुसलमानों' का बेतुका डर तो नहीं?
अब इसे राजनीति कहें या कुछ और CAB का विरोध Delhi पहुंच गया है जहां इसे मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए पहले AMU और अब Jamia Millia Islamia के छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया है और कानून का जमकर मखौल उड़ाया है. स्थिति भले ही पुलिस ने काबू कर ली है मगर मुद्दे पर मुस्लिम कार्ड आगे भी खेला जाएगा.
-
Total Shares
नागरिकता संशोधन एक्ट (CAB) पर सियासत जारी है. सत्ता पक्ष आरोप लगा रहा है कि विपक्ष विधेयक को लेकर लगातार लोगों के बीच भ्रम पैदा करने का काम कर रहा है और इसे देश में रह रहे मुसलमानों के खिलाफ बता रहा है. विषय को विपक्ष ने हिंदू बनाम मुस्लिम की राजनीति के नाम पर इस हद तक पेचीदा कर दिया है कि देश के मुसलमान सड़कों पर हैं और CAB को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है जिसने अब हिंसक रूप ले लिया है. चाहे पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद हो या फिर गुवाहाटी और त्रिपुरा संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किये जाने के बाद स्थिति बद से बदतर हो गई है. बात विरोध की चल रही है तो देश की राजधानी दिल्ली क्यों पीछे रहे. दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया (Protest In Jamia Millia Islamia Against CAB) के छात्र और छात्राएं बिल को मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
CAB पर जारी विरोध की आअग दिल्ली पहुंच गई है जहां जामिया के छात्रों ने प्रदर्शन किया है
हालांकि, जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में नागरिकता कानून के विरोध में उग्र प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस कानून के बारे में वाकई भ्रम फैल गया है. जामिया शिक्षक एसोसिएशन ने तो बाकायता इसे देश की नागरिकों पर हमले के रूप में ही प्रचारित कर डाला है. जबकि संसद में सरकार साफ कह चुकी है कि इस कानून का असर देश के नागरिकों पर कतई नहीं पड़ेगा. यह मामला सिर्फ तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के कारण हिंदुस्तान आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का है. लेकिन जामिया और एमएमयू ने इस कानून के विरोध में हिंसा का सहारा लिया. इस हिंसा में डेढ़ दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए हैं और कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है. आपको बताते चलें कि जामिया शिक्षक संघ और छात्रों ने CAB और NRC के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का ऐलान किया था. जैसे ही छात्र सड़क पर आए हालात बेकाबू हो गए.
The women students of Jamia Millia Islamia led a spirited protest today against CAB!
Proud of you Super stars ⭐️! You are the future of India ..???? pic.twitter.com/N8ND2z29Mw
— Tamizhachi (@IamTamizhachi) December 13, 2019
मामला कुछ इस हद तक पेचीदा हो गया कि स्थिति नियंत्रित करने आई पुलिस को बल का सहारा लेना पड़ा. बताया जा रहा है कि पुलिस ने करीब बीस से तीस राउंड आंसू गैस के गोले चलाए और लाठीचार्ज किया. वहीं इस बवाल पर यूनिवर्सिटी का तर्क है कि हालात इसलिए बेकाबू हुए क्योंकि इस प्रदर्शन में बाहरी लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
The brutal violence done today on the protesting students of jamia Millia Islamia against communal and unconstitutional #CAB is highly condemnable and disgraceful on the part of the police.Students and civilians protesting against this theory of M.S. Golwalkar can't be stopped. pic.twitter.com/mQ7f72L4uW
— Aejaz Ahmad Rather (@AejazJnu) December 13, 2019
इलाके में तनाव बना हुआ है. आगे कोई अनहोनी न हो इसलिए पुलिस ने यूनिवर्सिटी और उसके आस पास धारा 144 लगा दी है.
Section 144 imposed around Jamia Millia Islamia campus amid protests against #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/n5rG2m47ZZ
— Newsd (@GetNewsd) December 13, 2019
CAB और NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में विश्वविद्यालय के टीचर्स भी आ गए हैं. जामिया शिक्षक संघ के महासचिव प्रोफेसर माजिद जमील का कहना है कि, आज हिन्दुस्तान में जो कुछ हो रहा है उससे छात्र और शिक्षक सड़क पर हैं. हम इसका विरोध करते हैं क्योंकि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है ये हिन्दू या मुसलमान की बात नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का तर्क है कि इस बिल के जरिये मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है और इस बिल को देश की सरकार को हर कीमत पर वापस लेना ही होगा.
Delhi Police fired tear gas, charged lathi and also used pellet gun on protesting Students of Jamia Millia Islamia. #CitizenshipAmmendmentBill2019 #JMIagaintsCAB RT and share .. pic.twitter.com/MUYq4SD2KK
— Rehan_Srkian (@ahaan_siddiqui) December 13, 2019
वहीं तमाम छात्र ऐसे भी थे जिन्होंने नार्थ ईस्ट का पक्ष रखते हुए ये भी कहा कि असम को ये नागरिकता संशोधन बिल नहीं चाहिए क्योंकि राजीव गांधी के समय ही ये तय हुआ था कि 1971 के बाद बाहरी नहीं आएंगे वो चाहि हिन्दू हो या मुसलमान.
बात सदन में पारित हुए CAB के विरोध की चल रही है तो बता दें कि अभी बीते दिनों ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और इसे वापस लेने की मांग की. बताया जा रहा है कि CAB को लेकर AMU में प्रदर्शन जारी है और छात्रों का तर्क है कि इस बिल के जरिये सरकार द्वारा आम मुसलमानों के अधिकारों का हनन किया गया है.
Today a protest march at AMU agent CAB pic.twitter.com/XkQalECUhd
— khillan sherwani (@khillansherwan1) December 13, 2019
मामले का किस हद तक राजनीतिकरण किया जा रहा ही इसे हम उन नारों से भी समझ सकते हैं जो इस बिल के विरोध में एएमयू में लगे हैं.
Hindutva Murdabad slogans raised in AMU during a protest against CAB
Here is the solid reason, why can’t afford to enter #Terrorist in India. #Muslim Jehadi’s has converted #UK in to #Terroristan ! pic.twitter.com/HjH8TKFqC8
— Vinita Hindustani???????? (@Being_Vinita) December 11, 2019
आपको बताते चलें कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में चले प्रदर्शन के बाद प्रशासन भी हरकत में आया और अलीगढ़ पुलिस ने 21 एएमयू स्टूडेंट्स और 500 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. साथ ही आगे कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है.
We shall fight; We shall win.AMU protests against CAB and NRC#AMUrejectsCABandNRC pic.twitter.com/o06pKLioQe
— A Fatima (@a_fatima_) December 10, 2019
बिल पर आम मुसलमान कितने खफा है कैसे आंदोलन एक घिनौना रूप ले रहा है इसे हम हावड़ा की उस घटना से समझ सकते हैं जिसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेन पर पथराव किया गया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए कानून व्यवस्था का जमकर मखौल उड़ाया गया.
Howrah: Anti-CAB protesters pelt stones at running trains at the Uluberia station. Station also vandalised. Multiple long distance and local trains in the Howrah section stranded pic.twitter.com/CYthA2M1BN
— Indrojit | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) December 13, 2019
सवाल ये है कि इस तरफ देश की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वाले लोग आखिर किस मुंह से ये बात कह रहे हैं कि सरकार उनकी परेशानियों पर ध्यान दे या फिर उनके लिए कुछ करे?
Even cops got injured during the violent anti-CAB protest in West #Bengal's Murshidabad district today pic.twitter.com/43qSE7uktx
— Indrojit | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) December 13, 2019
गौरतलब है कि सरकार द्वारा सदन में पास किया गया ये बिल अवैध प्रवासियों के लिए था जबकि इसे एक ऐसा रूप दे दिया गया जिसके चलते हिंदू मुसलमान की राजनीति पर अपनी रोटी सेंकने वालों को बंटवारे की राजनीति करने का मौका मिल गया.
बाकी बिल को लेकर सड़क पर उत्पात मचाने या फिर सरकारी संपत्ति को नष्ट करने वाले लोगों को ये भी सोचना चाहिए कि जिस देश में रह रहे नागरिकों की स्थिति बद से बदतर हो उस देश में यदि कोई शरणार्थियों को लेकर रो रहा हो या ये कह रहा हो कि इस बिल के बाद मुसलमानों की स्थिति दोयम दर्जे की हो जाएगी तो ये उसके मन का वो वहम है जो कई मायनों में देश की अखंडता और एकता को प्रभावित कर रहा है.
ये भी पढ़ें -
CAB: मुस्लिम शरणार्थियों के प्रति Owaisi का रवैया दोहरा है!
नागरिकता बिल पर JDU-शिवसेना जो भी स्टैंड लें - फायदा BJP को ही होगा
नागरिकता संशोधन बिल पर विदेशी मीडिया की प्रतिक्रिया विरोधाभासी है
आपकी राय