प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव की 'तुलना' पर सपा समर्थकों का विकृति की हद तक गुस्सा !
सपा प्रमुख अखिलेश यादव कभी अपने बयानों से अपना मज़ाक उड़वा बैठते हैं तो कभी अपनी हरकतों से, लेकिन, उनके जोशीले कार्यकर्ता अखिलेश यादव का विरोध करने वालों पर आगबबूला होकर भद्दी भद्दी गालियां तक इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते हैं फिर सामने महिला हो या पुरूष.
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उत्तर प्रदेश की सियासी जंग अब सोशल मीडिया पर भी तेज़ी के साथ रफ्तार पकड़ रही है. सोशल मीडिया पर राजनीति करना हरगिज़ आसान नहीं होता है. इस प्लेटफार्म पर एक तरफ आपके चाहने वाले तो स्वतंत्र होते ही हैं आपकी जय-जयकार करने के लिए दूसरी तरफ आपके विरोधी भी स्वतंत्र होते हैं कुछ भी टिप्पणी करने के लिए. हालांकि कभी कभी सोशल मीडिया ही पूरी राजनीति को नई हवा दे देती है और एक पल में ही बहुत बदलाव दिखा देती है. इस वक्त सोशल मीडिया ने चोंट दी है समाजवादी पार्टी को, और इसके ज़िम्मेदार कोई और नहीं बल्कि खुद समाजवादी पार्टी के जोशीले युवा कार्यकर्ता हैं.
दरअसल हुआ यूं कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं अनिल यादव, और उनकी पत्नी हैं पंखुड़ी पाठक जोकि काफी समय से राजनीति में सक्रिय हैं. पंखुड़ी पाठक पहले समाजवादी पार्टी में शामिल थी लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी. पंखुड़ी पाठक ने अपने ट्वीटर अकाउंट से एक पोस्ट को शेयर किया जोकि कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट से पोस्ट किया गया था.
ये हमारी प्रियंका दीदी है ये आपके भईया हैऔर भईया की #पार्टी हो रही है@INCUttarPradesh @abhaypandey04 @pankhuripathak @ShaliniSinghINC pic.twitter.com/Rb9pW7bZaY
— Shubham Shukla (@shubhamcongres) February 26, 2021
उस पोस्ट में समाजवाद और समाजवाद का लिफाफा के कैप्शन में एक तस्वीर दिखाई गई थी जिसमें आधे हिस्से पर प्रियंका गांधी की तस्वीर थी जिसमें वह पीड़ित परिवार को दिलासा देते हुए नज़र आ रही थी, इस दौरान वह पीड़ितों के साथ ज़मीन पर ही बैठी हुयी थी. वहीं तस्वीर के दूसरे हिस्से में अखिलेश यादव की फोटो लगी हुई थी जिसमें उनके जौनपुर के चकमिर्ज़ापुर में एक पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के वक्त की तस्वीर लगाई गई थी.
प्रियंका गांधी का प्रोत्साहन और अखिलेश यादव की आलोचना पंखुड़ी पाठक को बहुत महंगा पड़ गया है
अखिलेश यादव यहां एक युवक की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद पीड़ित परिवार के घर पहुंचे थे, जहां पर बाकायदा वह सोफे पर विराजमान हुए और उनके सामने टेबल पर काजू समेत कई तरह के नाश्ते लगाए गए, बिस्लेरी की बोतलें रखी गई और सामने ही ज़मीन पर पीड़ित परिवार भी बैठा न्याय दिलवाने की गुहार लगा रहा था.
इस तस्वीर को पंखुड़ी पाठक और उनकी पार्टी ने तो शेयर किया ही था साथ ही अखिलेश यादव की यह फोटो दिन भर सोशल मीडिया पर वायरल होती रही और लोग अखिलेश यादव की जमकर खिल्ली उड़ाते रहे. एक शोकाकुल परिवार को सांत्वाना देने पहुंचे अखिलेश यादव का इस तरह मेहमाननवाज़ी किसी को भी रास आने वाला नहीं था लेकिन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे भी जाएज़ ठहराते रहे. पंखुड़ी पाठक के इस तस्वीर के शेयर करते ही समाजवादी पार्टी के जोशीले कार्यकर्ता आगबबूला हो बैठे और पंखुड़ी पाठक पर अभृद टिप्पणी करते रहे.
महिलाओं के प्रति ऐसी सोच ही प्रदेश में बढ़ रहे महिला अपराध का कारण है ।अगर यह लोग अपनी भाषा पर स्वयं लगाम नहीं सकते तो कानून को इनको सही भाषा सिखानी होगी ।@lkopolice @Uppolice @wpl1090 @adgzonelucknow @dgpup @dhrubathakur @missionshaktiup कृप्या कार्रवाई करें । pic.twitter.com/AaEunUTSba
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) February 26, 2021
खूब गंदी गंदी गालियां सोशल मीडिया पर पंखुड़ी पाठक को दी गई जिसे पंखुड़ी पाठक ने स्क्रीनशाट लेकर ट्वीटर पर अपलोड भी किया है और पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है. पंखुड़ी पाठक कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई हैं लेकिन उनके पति अनिल यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे जिन्होंने अपनी पत्नी के अपमान के चलते समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
आवश्यक सूचना -@samajwadiparty के साथ मेरा सफ़र समाप्त हुआ। pic.twitter.com/zmfA5NEojS
— Anil Yadav (@anil100y) February 27, 2021
अनिल का आरोप है कि उनकी पार्टी ने बजाय एक महिला पर अभृद टिप्पणी करने वाले कार्यकर्ताओं पर एक्शन लेने के उनपर ही एक्शन ले लिया है और उन्हें पार्टी के सभी व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया था. महिलाओं का सम्मान ज़रूरी होता है वह किसी भी कीमत पर अपनी पत्नी का अपमान सहने वालों में से नहीं हैं.
मेरे इस्तीफ़े के संदर्भ मेंउम्मीद करता हूँ जो साथी इस सफ़र में मुझसे जुड़े वो बात को समझेंगे। ???? pic.twitter.com/QhSuHwkifO
— Anil Yadav (@anil100y) February 27, 2021
समाजवादी पार्टी के जोशीले कार्यकर्ताओं के व्यवहार ने न सिर्फ अपने एक मज़बूत नेता को खोया है बल्कि साथ ही उसने यह भी बता दिया है कि वह अपने मुखिया अखिलेश यादव के हर व्यवहार को सही मानते हैं चाहे वह गलत हो या सही हो. और जब उनके मुखिया अखिलेश यादव से कोई गलती है और कोई उनको नसीहत देता है तो वह बजाय मुखिया की गलती मानने के नसीहत करने वालों पर ही अपनी भड़ास निकाल बैठेंगे और भद्दी भद्दी गालियों का इस्तेमाल भी करेंगे.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव 2022 में सत्ता में वापसी चाहते हैं जबकि उनके कार्यकर्ता उन्हें मुश्किल में डालने का कोई भी मौका छोड़ते नहीं नज़र आ रहे हैं. सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर अगर सपा प्रमुख ने अब भी कंट्रोल करना नहीं शुरू किया तो ये अखिलेश यादव की राह में कांटे का काम करेंगे.
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