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Updated: 08 नवम्बर, 2022 01:54 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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17 सितम्बर 2022 को, ईरान की राजधानी तेहरान में, मॉरेलिटी पुलिस द्वारा, 21 साल की युवती महसा अमिनी की बेरहमी से पिटाई करना भर था. महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान की सड़कों पर मंजर देखने वाला है. भले ही अब ईरान से एंटी हिजाब प्रोटेस्ट से जुड़ी इक्का दुक्का ही ख़बरें आ रही हों. लेकिन मुल्क में विरोध प्रदर्शन बदस्तूर जारी है और स्थिति अब भी तनावपूर्ण है. वो तमाम लोग जो ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे बवाल को अब तक हल्के में ले रहे थे उन्हें चेत जाने की जरूरत है. ईरान में विरोध अब अपने नेक्स्ट लेवल पर आ गया है. हाल फ़िलहाल में ऐसे तमाम वीडियो सामने आए हैं, जिनमें चाहे वो प्रदर्शकारी युवतियां हों या युवक वो बेधड़क होकर मौलवियों के सिर से पगड़ी उतार रहे हैं और घटना का वीडियो बना रहे हैं. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ऐसे वीडियो की भरमार हैं जिनमें युवा राह चलते मौलवियों और मौलानाओं को सबक सिखाने के उदेश्य से उनकी पगड़ी उछाल रहे हैं. ईरान में विरोध का ये जो नया रूप देखने को मिल रहा है इसने सोशल मीडिया पर एक अलग किस्म की डिबेट का श्री गणेश कर दिया है.

Iran, Hijab, Demonstration, Mahsa Amini, Qazi, Cleric, Turban, Viral Videoईरान में हिजाब का विरोध करने वाले लोगों के बीच मौलाना और मौलवी निशाने पर आए हैं और उनकीपगड़ियों को उछाला जा रहा है

इंटरनेट पर ईरान से आई जो वीडियो क्लिप वायरल हुई है. यदि उसे देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि, एक युवा लड़की एक मौलवी के पीछे भाग रही है. दिलचस्प ये कि मौलवी एक खाली सड़क पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है. लड़की आई उसने उसकी पगड़ी को हाथ से उछाला और भाग गयी. लड़की पीछे मुड़कर देखने के लिए नहीं रुकी और दौड़ती रही, मौलवी को पगड़ी उठाने के लिए झुकते हुए वीडियो में देखा जा सकता है.

जो वीडियो वायरल हुआ है, यदि उसके कैप्शन पर ध्यान दें तो लिखा है कि, 'सरकार द्वारा सैकड़ों निर्दोष प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के बाद मौलवियों की पगड़ी हटाना विरोध प्रदर्शन में बदल गया है.'

जैसा कि हम ऊपर ही इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि, ऐसे एक या दो नहीं बल्कि कई वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं. इसलिए बात अगर एक और क्लिप की हो तो उसमें मौलवी को बीच सड़क से पगड़ी उठाते हुए आसानी से देखा जा सकता है. पोस्ट के कैप्शन पर नजर डालें तो, 'ईरानी किशोरों के लिए मौलवियों की पगड़ी हटाना दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन गया है .'

ईरान में युवाओं के इस बर्ताव ने हुक्मरानों समेत लोकल मौलाना मौलवियों को कैसे विचलित किया है? यदि इसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि, ईरान के तमाम अलग अलग बड़े छोटे शहरों में बेइज्जती का सामना कर रहे तमाम मौलवियों और मौलानाओं ने सार्वजनिक रूप से अपनी पगड़ी और लबादा पहनना बंद कर दिया है. मौलवी जैसे ही पगड़ी और लबादे में दिखाई दे रहे हैं इन्हें एंटी हिजाब प्रोटेस्ट के प्रदर्शनकारियों के रोष का सामना करना पड़ रहा है.

ध्यान रहे देश के मौलवियों के साथ हो रही इस अवमानना ने धार्मिक प्रतिष्ठानों और हुक्मरानों को बेचैन कर दिया है. लेकिन बावजूद इसके जो एंटी हिजाब प्रोटेस्ट पर सरकार का स्टैंड है और जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं, उसने अंतर्राष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी है. ज्ञात हो कि ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी है. दोषी सरकार और स्थानीय पुलिस को बताया जा रहा है. साथ ही प्रदर्शकारियों द्वारा ये भी कहा जा रहा है कि जहां एक तरफ सरकार आम लोगों के मानवाधिकारों का हनन कर रही तो वहीं दूसरी तरह सरकार अपने फरमानों से देश को कई दशक पीछे ले जाना चाहती है.

सवाल होगा कि आखिर ईरान में स्थानीय लोगों ने मौलाना मौलवियों को निशाने पर लेना कब शुरू किया? जवाब हमें एक दूसरे वायरल वीडियो से मिलता है जिसमें पब्लिक प्लेस पर मौलाना, मौलवी लोकल लोगों के साथ मॉरल पुलिसिंग करते दिखाई दे रहे हैं. बताया ये भी जा रहा है कि ईरान में मौलवियों द्वारा मॉरल पुलिसिंग की घटनाएं एंटी हिजाब प्रोटेस्ट के बाद बढ़ी हैं.

गौरतलब है कि हुक्मरान लगातार हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दे रही है. सरकार का मानना है कि अब प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर से हट जाना चाहिए. वहीं जैसा ईरान में युवाओं का रुख है उसे देखकर यही लग रहा है कि प्रदर्शनकारी पीछे हटने वाले नहीं हैं. ईरान में एंटी हिजाब प्रोटेस्ट किस हद तक उग्र हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कई वीडियो ऐसे भी आए हैं जिनमें युवा ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और 1979 की इस्लामी क्रांति के दिवंगत संस्थापक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की तस्वीरें फाड़ते और हिजाब को आग के हवाले करते नजर आ रहे हैं.

बहरहाल, जिस तरह ईरान में विरोध चल रहा है, कहना गलत नहीं है कि उसने ईरान में इस्लामी शासन के मूल को हिलाकर रख दिया है. बाकी बात मौलानाओं और मुफ्तियों की पगड़ी उछालने की हुई है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि दुनिया ईरानियों को विरोध के कौन से नए अंदाज अपनाते हुए देखेगी. साथ ही इस प्रोटेस्ट का परिणाम न सिर्फ ईरान बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए देखना दिलचस्प है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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