आतिशी मार्लेना पर्चाकांड में 'केजरीवाल स्कूल' के दो पूर्व छात्रों की जबरन एंट्री
ऐसे तमाम कारण हैं जो बताते हैं कि आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के बीच लगी आग में खर डालकर विवाद बढ़ाने वाले केजरीवाल स्कूल के पूर्व छात्र अनिल वाजपेयी आने वाले वक़्त में भाजपा के लिए बड़ा सिर दर्द साबित हो सकते हैं.
-
Total Shares
12 मई को दिल्ली की 7 सीटों पर चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले ही पूर्वी दिल्ली की सीट चर्चा में आ गई है और इसपर जबरदस्त सियासी घमासान मचा है. चर्चा है एक पर्चे की. जिसमें आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी मार्लेना और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए न सिर्फ आपत्तिजनक जातिसूचक भाषा का इस्तेमाल हुआ है. आप ने इस पर्चे को बंटवाने के लिए पूर्वी दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार गौतम को जिम्मेदार ठहराया है.
जब भाजपा से इस पर्चे और इस पर्चे में इस्तेमाल हुई भाषा पर सवाल हुए तो पार्टी ने इसका खंडन करते हुए आम आदमी पार्टी पर ही भ्रामक प्रचार करने और भाजपा को बदनाम करने का आरोप लगाया. लेकिन बीजेपी के दो नेताओं ने ऐसे बयान दिए कि आरोपों की सुई एक बार फिर बीजेपी की तरफ मुड़ गई. ये दो नेता थे अनिल वाजपेयी और देवेंद्र सहरावत. एक टीवी चैनल से बात करते हुए अनिल वाजपेयी ये कहते सुने गए कि आतिशी चुनाव में उतरी हैं, तो उनके पति कहां हैं? उनसे जब पर्चे की आपत्तिजनक भाषा के बारे में सवाल किया, तो वे गोलमोल बात करके यह कहते रहे कि वे आतिशी के बीफ खाने के गवाह है.
बीजेपी के दिल्ली प्रदेश कार्यालय में अमित शाह और मोदी के पोस्टर के सामने खड़े वाजपेयी की इन बातों का वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया. और बीजेपी को आड़े हाथों लिया जाने लगा. लेकिन जैसे ही इन दोनों नेताओं की पहचान सामने आई, सारा माजरा साफ हो गया.
आतिशी और गौतम गंभीर के बीच चल रहे विवाद में आप के पूर्व विधायक अनिल वाजपेयी के आने से इस पूरे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है
आतिशी और गौतम गंभीर के बीच चल रहे पर्चा विवाद में कूदे वाजपेयी और सहरावत हफ्ताभर पहले तक आम आदमी पार्टी के विधायक थे, और अभी-अभी बीजेपी का हाथ थामा था. राजनीति के 'केजरीवाल स्कूल' से पढ़े इन दोनों छात्रों ने बिना हिसाब लगाए आतिशी पर निशाना साध लिया. और बीजेपी के लिए किरकिरी बन गए. जी हां, हम बात कर रहे हैं आप (आम आदमी पार्टी) से भाजपा में आए दिल्ली के गांधी नगर से विधायक अनिल वाजपेयी की. जिनका एक वीडियो घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है.
ये वीडियो देखकर आप खुद समझ जाएंगे कि इस गिरी हुई हरकत में इन्हीं भाजपाइयों का हाथ है #IStandWithAtishipic.twitter.com/Xo56k2kBkj
— रमन सिंह आज़ाद-AAP (@RamanSAzad) May 9, 2019
वायरल हुआ ये वीडियो अधूरा था. इसलिए जब हमने पूरा वीडियो सर्च किया तो, उसमें ऐसी तमाम बातें निकलीं जो बताती हैं कि अभी 7 दिन पहले ही आप से भाजपा वाजपेयी आतिशी के बीफ खाने या फिर उनके पति की बात उठाकर कहीं न कहीं अपनी राजनीतिक दुश्मनी निकालने का प्रयास कर रहे हैं.
वाजपेयी ने आतिशी पर आरोप लगाया है कि वो गोमांस खाती हैं. साथ ही वाजपेयी ने ये भी कहा है कि सियासत में हर किसी नेता का परिवार होता है, जो चुनाव के वक्त उसके साथ खड़ा होता है. वाजपेयी ने सवाल करते हुए कहा है कि आतिशी के पति कहां है? वो हैं तो चुनाव में दिखाई क्यों नहीं दिए?
ध्यान रहे कि दिल्ली भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान वाजपेयी ने कहा कि आतिशी बीफ खाती हैं. अपनी बात को सिद्ध करने के लिए वाजपेयी ने एक घटना का जिक्र भी किया. वाजपेयी ने बताया कि अभी कुछ महीने पहले उन्हें शास्त्री पार्क बुलन्द मस्जिद के पास एक मुस्लिम परिवार की शादी में जाने का मौका मिला, जिसमें आप के कई नेता और आतिशी भी थीं. इस दौरान एक व्यक्ति एक पैकेट लेकर आया. वाजपेयी के मुताबिक वे उस वक्त वहां उपस्थित थे और उन्होंने पैकेट में मौजूद खाद्य पदार्थ के बारे में पूछा तो पता चला कि उसमें बीफ था.
पूर्व आम विधायक अनिल वाजपेयी ने आतिशी पर बीफ खाने का आरोप लगाया है
वाजपेयी ने कहा कि वे एक ब्राह्मण परिवार से हैं. इसलिए शादी में रुक नहीं पाए. बाद में आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से कह कर नाराजगी दूर करने का प्रयास किया, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं था. वहीं अभी हाल ही में आप से भाजपा में शामिल हुए पार्टी के एक अन्य विधायक देवेंद्र सहरावत ने कहा कि गौतम गंभीर के खिलाफ पर्चे बांटने का आरोप आम आदमी पार्टी के दिमाग की ही उपज है. उन्होंने कहा कि आप पार्टी द्वारा झूठे पर्चे बंटवाना पुराना इतिहास रहा है. सहरावत ने ये भी कहा है कि विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह के पर्चे बटवाए गए थे.
I do not accuse anyone yet.The only reason for mentioning @GautamGambhir is that BJP leaders(ex AAP MLAs) spoke about Atishi's "missing husband" in their official press interaction. https://t.co/TBUPKTW9AS
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 10, 2019
मौका देखकर आप के पाले से भाजपा के खेमे में आए वाजपेयी और सहरावत दोनों ही अपनी बातें कह चुके हैं. मगर इन दोनों ही नेताओं की बातों पर यकीन करने से पहले ये भी समझना होगा कि ये लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्कूल के एक्स-स्टूडेंट्स रह चुके हैं जो मौके की राजनीति करना या फिर उसका फायदा उठाना बखूबी जानते हैं.
आज इन्होंने आतिशी के खिलाफ बात इसलिए की है क्योंकि ये आम आदमी पार्टी से नाराज हैं. कल ये अगर किसी बात को लेकर भाजपा से खिन्न हो गए और कांग्रेस के खेमे की तरफ पलट गए तो कुछ ऐसे ही आरोप भाजपा पर लगाएंगे. इस पूरे प्रकरण का अवलोकन करने और तमाम आरोप प्रत्यारोपों को सुनकर कहा यही जा सकता है कि दिल्ली भाजपा को आम आदमी पार्टी से आए नेताओं से सावधान रहना चाहिए.
ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता हैं क्योंकि इंसान अपने दुश्मन से लड़कर उसपर अपनी जीत दर्ज कर सकता है मगर जब दुश्मन, दोस्त हो तो मामले में कई सारी टेक्नीकल दिक्कतें होती हैं और व्यक्ति अपने को वैसे ही ठगा हुआ महसूस करता है जैसे जो हालात इस समय खुद केजरीवाल की है.
आज आतिशी का बीफ खाना चर्चा में है, क्या पता कल अपने राजनीतिक हित के लिए वाजपेयी और सहरावत केजरीवाल को ही लेकर कोई बड़ा खुलासा कर दें और सुर्खियां अपने नाम कर लें.
ये भी पढ़ें -
आतिशी मार्लेना के खिलाफ बंटे अश्लील पर्चे के पीछे कौन? ये जानने से ज्यादा समझना जरूरी
दिल्ली में प्रियंका गांधी के रोड शो की कामयाबी का जश्न बीजेपी मना रही है!
INS विराट पर राजीव गांधी और रिश्तेदारों की छुट्टी: वो प्रधानमंत्री नहीं, शहंशाह थे
आपकी राय