आतिशी मार्लेना के खिलाफ बंटे अश्लील पर्चे के पीछे कौन? ये जानने से ज्यादा समझना जरूरी
पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आप उम्मीदवार आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर आपत्तिजनक पर्चा बांटा गया है. इस पर्चाकांड में कुछ बातें ऐसी हैं जो इस पूरे मामले को जलेबी की तरह घुमावदार बना देती है.
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12 मई को दिल्ली की 7 सीटों पर चुनाव है. जिस हिसाब से राम लीला मैदान में बीते दिन पीएम मोदी ने भाषण दिया है, भाजपा को इस बात का पूरा यकीन है कि राजधानी में कमल खिलेगा. लेकिन भाजपा को इस बात का फायदा हो पाता, उससे पहले आम आदमी पार्टी अपने दल की पूर्वी दिल्ली में कथित रूप से बंटे पर्चे लेकर मीडिया के सामने आ गई. इस लोकसभा सीट से आप की उम्मीदवार आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के बारे में भद्दी बातें लिखी गई थीं इसमें. आतिशी मार्लेना ने तो इस पर्चाकांड के सूत्रधार के रूप में सीधा नाम गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का ले दिया. लेकिन, इस पर्चाकांड का बारीकी से अध्ययन करने के बाद पता चलता है कि यह मामला उतना भी सीधा नहीं है, जितना दिखता है. खासतौर पर तब, जबकि इस मामले में गंभीर को मानहानि का नोटिस भेज दिया है.
1. भाषा: चुनावी जंग अहम हो तो आरोप प्रत्यारोप तो बहुत होते हैं. लेकिन पूर्वी दिल्ली में जो हुआ, वैसा आमतौर पर नहीं दिखता. कारण है एक पैम्फलेट. क्षेत्र में बांटे गए इस पैम्फलेट में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी मार्लेना और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के बारे में जिस अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ है, उसकी न तो कोई कल्पना कर सकता है और न ही उसे पढ़ सकता है. पर्चे का शीर्षक है- आतिशी मार्लेना - अपने उम्मीदवार को जानें. यदि इस पर्चे को राजनीतिक नफा-नुकसान की नजर से देखें तो दो ही बातें साफ होती हैं. पहला, इस पर्चे में लिखी गई बातों पर कोई भरोसा नहीं करेगा, और आप को कोई नुकसान नहीं होगा और बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा. दूसरा, इस पर्चे पर कुछ लोग भरोसा करेंगे और बीजेपी को जितना फायदा होगा, उसका उतना ही नुकसान भी.
2. जाति: पर्च में आतिशी और मनीष की जाति को लेकर कई तरह की बातें लिखी गईं. लेकिन यही जातिसूचक बातें संदेह पैदा करती हैं. पर्चे में जिस तरह के जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल हुआ है, और जिस तरह की भाषा लिखी गई है. वह अपने आप में सवाल खड़े करती है. एक ऐसे समय में जबकि पार्टियां हर जाति के वोट हासिल करना चाहती है, ऐसे में गौतम गंभीर या बीजेपी जातियों के हवाले से ओछी टिप्पणी करने का रिस्क क्यों लेंगे?
दिल्ली के चुनाव को पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार आतिशी मार्लेना और गौतम गंभीर ने मनोरंजक बना दिया है
3. खुलासा: आतिशी मार्लेना और मनीष सिसौदिया के खिलाफ जिस आपत्तिजनक पर्चे पर हंगामा खड़ा हुआ है, वह सबसे पहले आम आदमी पार्टी के नेता अक्षय मराठे के ट्विटर हैंडल से सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुआ. इस पैम्फलेट को शेयर करते हुए अक्षय ने लिखा था कि, यदि आपमें सहस है तो इस पैम्फलेट को पढ़ें जिसे भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर ने पूर्वी दिल्ली की सोसायटियों में बंटवाया है. और उसके बाद यह पर्चा वायरल होता चला गया. और मुद्दा बन गया. जी हां, इस पर्चे को बंटवाने का आरोप बीजेपी पर लगाया गया वह सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी नेताओं के जरिए दुनिया के सामने आया.
If you have the strength, do read this pamphlet BJP's @GautamGambhir is getting distributed in East Delhi societies.. pic.twitter.com/q83BgNmtbn
— Akshay Marathe (@AkshayMarathe) May 9, 2019
4. गौतम बेहद गंभीर: क्रिकेट की दुनिया से राजनीति की पिच पर उतरे गौतम गंभीर के लिए यह पर्चाकांड किसी बाउंसर से कम नहीं है. आम आदमी पार्टी के नेता उनकी जदर्बस्त ट्रोलिंग कर रहे हैं. आरोप लगा रहे हैं कि ये हरकत भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर के इशारे पर की गई है. अपने ऊपर लगे आरोपों पर गंभीर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी को चैलेन्ज करते हुए कहा है कि यदि ये साबित हो जाता है कि ये पर्चे उन्होंने बंटवाए हैं तो वो चुनाव से अपना नाम वापस ले लेंगे. उन्होंने केजरीवाल, आतिशी और मनीष सिसौदिया पर मानहानि का दावा किया है. साथ ही उन्होंने ये भी सवाल किया है कि यदि ऐसा नहीं होता है और वो निर्दोष निकलते हैं तो क्या ये लोग राजनीति छोड़ेंगे?
My Challenge no.2 @ArvindKejriwal @AtishiAAP I declare that if its proven that I did it, I will withdraw my candidature right now. If not, will u quit politics?
— Chowkidar Gautam Gambhir (@GautamGambhir) May 9, 2019
ध्यान रहे कि इस पैम्फलेट के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर पर गौतम गंभीर पर संगीन आरोप लगाए थे और इस पैम्फलेट के लिए उन्होंने गौतम को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही उन्होंने आतिशी से मजबूत रहने का अनुरोध भी किया था.
Never imagined Gautam Gambhir to stoop so low. How can women expect safety if people wid such mentality are voted in?
Atishi, stay strong. I can imagine how difficult it must be for u. It is precisely this kind of forces we have to fight against. https://t.co/vcYObWNK6y
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 9, 2019
5. आतिशी की जाति: पिछले काफी अरसे से आातिशी मार्लेना की जाति को लेकर पूर्वी दिल्ली की राजनीति में चर्चा चल रही थी. इस विवाद को बढ़ाने की शुरुआत कांग्रेस की तरफ से हुई, लेकिन उसे हवा देने में आम आदमी पार्टी ने भी कम भूमिका नहीं निभाई. पूर्वी दिल्ली से आतिशी मार्लेना को आप उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने विवादित बयान दिया कि आतिशी एक यहूदी (Jew) है, और कोई मुसलमान यहूदी को वोट नहीं दे सकता. इस पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने सफाई में कहा कि आतिशी से बचकर रहना, वो राजपूत है. अब इस पर्चे में आतिशी और मनीष सिसौदिया के बारे में ही आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं. और गुरुवार को इस पर्चे को बंटवाने के लिए गौतम गंभीर पर आरोप लगाने ये दोनों नेता ही सामने आए:
Watch this PC by @AtishiAAP and @msisodia as they read out the pathetic pamphlet which was distributed by @BJP4India and @GautamGambhir in her constituency. The content of this pamphlets would literally pinch you. #IStandWithAtishi pic.twitter.com/argIXJzNIJ
— Varun Chouhan (@theconsocius) May 9, 2019
इस पर्चाकांड ने कम से कम पूर्वी दिल्ली में तो बहस की दिशा को मोड़ ही दिया है. जो भाजपा एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की रैली से उत्सााहित होती नजर आ रही थी. उसे अब पर्चाकांड की बहस से जूझना पड़ रहा है. आम आदमी पार्टी सोशल मीडिया पर IStandWithAtishi हैशटैग को ताकत दे रही है, तो बीजेपी IStandWithGautamGambhir हैशटैग से अपना बचाव कर रही है. और गौतम गंभीर अपनी तरह सेे बात रख रहे हैं.
पैम्पलेट देखकर सवाल ये उठता है कि आखिर जिस भाजपा पर ये इल्जाम लगाए जा रहे हैं वो ऐसा क्यों करेगी? हम ये सवाल इसलिए भी पूछ रहे क्योंकि इसमें जातिसूचक शब्दों के अलावा एक महिला की गरिमा को तार तार करने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिसपर यदि कोई यकीन कर ले तो इससे भाजपा की छवि प्रभावित होगी और इसका खामियाजा उसे चुनावों में भुगतना होगा. वहीं सबसे पहले आम आदमी पार्टी के सचिव की प्रोफाइल पर इस पैम्पलेट का आना और वायरल होना पूरे मामले को और ज्यादा रहस्यमयी बनाता नजर आ रहा है. क्योंकि दिल्ली का चुनाव होने में अभी कुछ समय शेष है. इसलिए कहा ये भी जा सकता है कि अभी आगे हम ऐसा बहुत कुछ देखेंगे जिससे राजनीति शमर्सार होगी और लोकतंत्र शर्मिंदा होगा.
अंत में बस इतना ही कि, ये पैम्पलेट कहां से आया और कैसे आया? ये अभी जांच का विषय है. मगर इसने दिल्ली की सियासत में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है. ये तूफान आतिशी को कितना फायदा देगा या फिर इससे गंभीर का कितना नुकसान होगा इसका फैसला वक़्त करेगा लेकिन इतना तो तय माना जा रहा है कि इस पर्चे के बलबूते पूर्वी दिल्ली का चुनाव और भी ज्यादा दिलचस्प होगा.
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