बाबरी विध्वंस के सभी आरोपी बरी, प्रतिक्रियाओं में है अगली कार्रवाई की झलक!
28 साल पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. फैसले में लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani Acquitted) और मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi Acquitted)यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
-
Total Shares
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid Case Verdict) मामले के मद्देनजर लखनऊ (Lucknow) की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) के सूत्रधार और बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार माने गए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani Acquitted) और मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi Acquitted) यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके कल्याण सिंह (Kalyan Singh), उमा भारती (Uma Bharti), विनय कटियार (Vinay Katiyar) समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. बताते चलें कि 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को आडवाणी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था. वहीं बात अगर कोर्ट (Court) की हो अपने फैसले में कोर्ट ने सभी मुख्य आरोपियों को पाक दामन बताया है.
बाबरी विध्वस मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला पढ़ते हुए जज एसके यादव ने कहा गया कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, संगठन के द्वारा कई बार रोकने का प्रयास किया गया. जज ने अपने शुरुआती कमेंट में कहा कि ये घटना अचानक ही हुई थी. अदालत ने यहा माना है कि सीबीआई ने जो आरोप लगाए हैं उसके साक्ष्य नहीं मिले हैं.
LK Advani Ji's First Reaction After Verdict. #BabriDemolitionCase pic.twitter.com/aLcqi6cPuh
— Narendra Modi fan (@narendramodi177) September 30, 2020
बता दें कि फैसले से पहले कोर्ट पहुंचे भाजपा नेता विनय कटियार ने मीडिया से बात की थी और कहा था कि सजा होगी तो जेल जाएंगे, छूटते हैं तो देखेंगे. बेल होगी तो लेंगे. हमने कोई अपराध किया ही नहीं है. वहां पर मंदिर था और मंदिर बनेगा. सोमनाथ मंदिर की तरह बढ़िया मंदिर बनेगा, ऐसी कल्पना है. उसके लिए काम जारी है. 4 साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.
वहीं बात अगर घटना में शामिल एक और व्यक्ति और रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती की हो तो उन्होंने पहले ही इस बात को स्पष्ट कर दिया था कि हमने बाबरी ढांचे को तुड़वाया है और इसके लिए अगर उन्हें फांसी भी होती है तो वह तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'हमको विश्वास है कि मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा. हमने उस ढांचा को तुड़वाया, उस खंडहर को तुड़वाया, इसके लिए हमको गर्व है.
क्या हुआ था 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को
ज्ञात हो कि 6 दिसंबर 1992 को आवेश में आए कारसेवकों ने विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे को तोड़ दिया था. इस मामले के मद्देनजर उसी दिन यानी 6 दिसंबर की शाम राम जन्मभूमि थाने में दो अलग-अलग FIR दर्ज कराई गई थी. इन FIR में लाखों कार सेवकों के अलावा आडवाणी, जोशी, उमा भारती, विनय कटियार जैसे नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
अब जबकि बाबरी विध्वंस मामले के सभी आरोपी बाइज्जत बरी हो चुके हैं और 28 साल पुराने इस मामले पर विराम लग गया है तो हमारे लिए भी जरूरी हो जाता है कि हम ट्विटर का रुख करें और ये समझें कि आखिर इस मामले को कैसे देख रही है देश की जनता.
इंटरनेट पर तमाम यूजर्स ने जिन्होंने इस लखनऊ की अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले को सत्य की जीत बताया है और कहा है कि पूरे देश को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए.
The Lucknow Special CBI court has pronounced it's judgement on #BabriDemolitionCase & acquitted all 32 accused including senior BJP leader Shri Lal Krishna Advani ji.Verdict says that the demolition was not pre-planned and happened at the spur of the moment.Satyameva Jayate! pic.twitter.com/Rj4VhmgWOY
— Dr Sudhakar K (@mla_sudhakar) September 30, 2020
फैसले को चंद लोगों के हाथों आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है मगर एक बड़ा वर्ग है जिसने फैसले पर संतोष जाहिर किया है.
There are human beings and there are Communists. This fake atheist does not even know that the Judge is retiring today, and there is no promotion after retirement. Anything for the agenda.#BabriDemolitionCase #BabriMasjidDemolitionCase https://t.co/M9ITNcjFQ4
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) September 30, 2020
इंटरनेट पर ऐसे भी तमाम लोग हैं जिनका कहना है कि चूंकि आडवाणी पहले ही निर्दोष थे लेकिन 28 सालों तक उन्हें बेवजह तनाव में रखा गया.
Feeling emotional looking at LK Advani Sir on video waiting for the judgment to be delivered. He showed full faith in judiciary all throughout. Patiently waited for the entire process to end and his name be cleared. Thank you Advani Sir. ????❤️#BabriDemolitionCase
— Ashu (@muglikar_) September 30, 2020
बाबरी विध्वंस मामले के तहत आए फैसले पर एक बार फिर से राजनीति की शुरुआत हो गयी है और देश दो वर्गों जिसमें एक वर्ग सही का साथ दे रहा है जबकि दूसरा वर्ग गलत के साथ है, में विभाजित हो गया है. फैसला आने के बाद लोग ये भी कह रहे हैं कि न्याय नहीं हुआ है. जब मस्जिद सबके सामने थोड़ी गयी तो आखिर ऐसा कैसे हो गया कि कोई भी दोषी नहीं है.
Justice must not only be done but it must seen to be done. Here was a Masjid being brought down in full public view and no one is guilty? #BabriMasjid #BabriDemolitionCase
— Sumanth Raman (@sumanthraman) September 30, 2020
फैसले के बाद सरकार पर तमाम तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि फैसला सरकार की देख रेख में हुआ है.
In November, the Supreme Court had called the demolition of Babri masjid illegal and in violation of law. Today, the CBI court acquits all accused, including top BJP leaders of conspiracy to demolish the mosque #BabriDemolitionCase https://t.co/Ipabt8O3G0
— Niha Masih (@NihaMasih) September 30, 2020
अब जबकि फैसला आ गया है और लाल कृष्ण आडवाणी उमा भारती विनय कटियार कल्याण सिंह समेत अभी प्रमुख आरोपियों को कोर्ट द्वारा बरी कर दिया है. फैसले ने ट्विटर पर सियासत तेज कर दी है. फैसले के बाद तमाम लोग मुखर होकर इस बात को कह रहे हैं कि निष्पक्ष फैसला नहीं हुआ है.
जबकि ऐसे भी तमाम लोग हैं जिनका मानना है कि वो तमाम लोग जिन्हें घटना के मद्देनजर आरोपी बनाया गया उनके खिलाफ एक झूठा प्रोपोगेंडा चलाया गया जिसे आज 28 साल बाद कोर्ट ने चकनाचूर कर दिया और सच को सामने लाकर उसे जनता को दिखा दिया.
ये भी पढ़ें -
MP उपचुनाव में मध्यप्रदेश के इन बड़े चेहरों की साख होगी दांव पर...
Amnesty India: मानवाधिकार की आड़ में भारत सरकार के विरुद्ध क्या है प्लान?
सर्जिकल स्ट्राइक: भारतीय सेना ने 29 September 2016 को पाकिस्तान के कई मुगालते दूर किए थे
आपकी राय