बाबरी केस : क्या मोदी ने रोका है आडवाणी के राष्ट्रपति बनने का रास्ता ?
आडवाणी जी के अच्छे दिन अब आने से रहे. शायद वो यही सोच रहे होंगे- हजारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पर दम निकले बहुत निकले मेरे अरमां लेकिन फिर भी कम निकले.
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25 साल पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया जो भाजपा के कई बड़े नेताओं के पैरों तले से जमीन खींच लेने के लिए काफी है. सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रपति पद की दौड़ के फ्रंट रनर माने जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को करारा झटका दिया है. यही नहीं कोर्ट ने मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.
रथयात्रा पूरी करके आडवाणी जब अयोध्या पहुंचे थे तब यह तस्वीर इंडियन एक्सप्रेस के लिए आर के शर्मा ने खींची थी. कारसेवा से कुछ समय पहले.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही ट्विटर भी 'बाबरीमय' हो गया. लोग धड़ाधड़ ट्वीट कर फैसले पर अपनी टिप्पणी दे रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया है कि- 'बाबरी मस्जिद को 1992 में गिराया गया. 1000 से ज्यादा लोग इस घटना में मारे गए और 25 साल बाद सुप्रीम कोर्ट कहता है कि लोअर कोर्ट में मामला शुरू हो. जो लोग आरोपी हैं, वो अभी सत्ता में हैं!'
Babri demolished in 1992:1000 plus died in riots; 25 years later,SC decides trial should start in a lower court! Those accused now in power!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) April 19, 2017
वहीं वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ट्वीट करती हैं- 'कोर्ट के बाबरी केस पर आदेश के बाद आडवाणी के राष्ट्रपति पद के लिए खतरा, कल्याण सिंह को गवर्नर के पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है और उमा भारती पर कैबिनेट का पद छोड़ने का दबाव बनेगा?'
No go for Advani as President, likely resignation of Kalyan Singh as Governor & pressure on Uma to quit cabinet as court orders Babri trial?
— barkha dutt (@BDUTT) April 19, 2017
बाबरी मस्जिद पर कोर्ट के इस आदेश के बाद लोग कश्मीर में मंदिरों के विनाश की बात को भी उठा रहे हैं. तो कुछ लोग आडवाणी जी के बुरे दौर का मजा भी ले रहे हैं. पढ़ें लोगों के ट्विट -
एक राष्ट्रपति की ही कुर्सी बची थी बैठने को, वो छीन ली #SupremeCourt ने, अडवाणी जी की साढ़े साती ख़तम नहीं होगी.. ????????#BabriMasjid
— Amit K Saxena (@AmitKSaxena_) 19 April 2017
hundreds of temples were demolished in kashmir. when will there be a trial? #BabriMasjid
— Rajarshi Mukherjee (@Rajo1801) April 19, 2017
#BabriMasjid हिंदुस्तान में मुगलिया तानाशाही का प्रतीक थी उसे गिराना एक राष्ट्रहित का कार्य था। सुप्रीम कोर्ट का आदेश निराशाजनक है
— Rakesh Rohilla (@rakeshrohilla10) 19 April 2017
तहसीन पुनावाला ने लिखा है- 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये सुनिश्चित किया कि आडवाणी जी राष्ट्रपति ना बन पाएं और भाजपा को लोगों की सांत्वना भी मिले.'
.@narendramodi Obvious @narendramodi ensured Advani ji would be stuck in the #BabriMasjid demolition case so he can't become president & BJP gets sympathy
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) 19 April 2017
ऋषि बागरी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि 'कश्मीर से लेकर नक्सल तक का हर मुद्दा हमारे यहां राजनीतिक हस्तक्षेप से सुलझाया जाता है बस बाबरी मस्जिद का मुद्दा कोर्ट सुलझाएगा.'
So, everything from Kashmir to Naxal requires political solution but #BabriMasjid dispute to be settled by ... court order ?
— Rishi Bagree (@rishibagree) 19 April 2017
कोर्ट ने फैसला दिया है कि 2 साल तक रोजाना इस मुद्दे की सुनवाई होगी और इस बीच सुनवाई करने वाले किसी भी जज का तबादला नहीं किया जा सकेगा. कोर्ट को वैसे तो हमारे यहां निष्पक्ष माना जाता है लेकिन कई लोग इस फैसले के बाद कोर्ट पर भी उंगलियां उठा रहे हैं. खैर मामला चाहे जो भी हो, लगता है कि आडवाणी जी के अच्छे दिन अब आने से रहे. शायद वो यही सोच रहे होंगे- हजारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पर दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमां लेकिन फिर भी कम निकले.
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